Rajasthan Election Result: गहलोत सरकार के 17 मंत्री और स्पीकर चुनाव हारे, मुख्यमंत्री के पांच सलाहकारों की भी हुई हार
राजस्थान में भगवा लहर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू इस कदर चला कि अशोक गहलोत सरकार के 25 में से 17 मंत्री चुनाव हार गए। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और सीएम के सलाहकार पांच विधायकों को भी जीत नसीब नहीं हुई। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा चुनाव जीतने में सफल रहे। उन्होंने भाजपा के दिग्गज सुभाष महरिया को हराया है।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Sun, 03 Dec 2023 09:17 PM (IST)
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में भगवा लहर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू इस कदर चला कि अशोक गहलोत सरकार के 25 में से 17 मंत्री चुनाव हार गए। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और सीएम के सलाहकार पांच विधायकों को भी जीत नसीब नहीं हुई। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा चुनाव जीतने में सफल रहे। उन्होंने भाजपा के दिग्गज सुभाष महरिया को हराया है।
उल्लेखनीय है कि साल 2013 में गहलोत सरकार के 18 मंत्री चुनाव हार गए थे। 2018 में भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार के भी 25 मंत्री चुनाव हारे थे। गहलोत सरकार के मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और परिवारवाद के आरोप लग रहे थे। यहां तक कि कांग्रेस के विधायक ही मंत्रियों को घेर रहे थे। इसका नुकसान उठाना पड़ा है।
हारने वालों में ये मंत्री शामिल
हारने वाले मंत्रियों में ममता भूपेश, सालेह मोहम्मद, बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी, गोविंद राम मेघवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, रमेश मीणा, प्रमोद जैन भाया, शकुंतला रावत, रामलाल जाट, विश्वेंद्र सिंह, राजेंद्र यादव, जाहिदा खान, भजन लाल जाटव, सुखराम बिश्नोई, परसादी लाल मीणा और उदयलाल आंजना शामिल हैं।गहलोत सरकार में 29 मंत्री थे
गहलोत सरकार में 29 मंत्री थे। इनमें महेश जोशी का टिकट काट दिया गया था, जबकि लालचंद कटारिया और हेमाराम चौधरी ने चुनाव नहीं लड़ा। राजेंद्र गुढ़ा को लाल डायरी का मुद्दा उठाने के कारण मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। वह निर्दलीय चुनाव लड़कर तीसरे नंबर पर रहे हैं।सीएम के सलाहकार छह विधायक भी हारे
सीएम के सलाहकार छह विधायक बाबूलाल नागर, संयम लोढ़ा, दानिश अबरार, राजकुमार शर्मा, जितेंद्र सिंह और रामकेश मीणा भी चुनाव हार गए हैं। विधानसभा में सरकार के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी भी हारने वालों में शामिल हैं। बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होकर बोर्ड और निगम में राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले वाजिब अली व जोगेंद्र सिंह अवाना भी हार गए।