उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीएम का फैसला निर्वाचित विधायक और कांग्रेस आलाकमान करेंगे। किसी एक व्यक्ति के कहने से कोई सीएम नहीं बनता है। पायलट ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर राज्यों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि आवश्यकता के अनुसार राज्यों की मदद नहीं की गई। आखिरी दौर के व्यस्त चुनाव प्रचार के बीच सचिन पायलट ने दैनिक जागरण के संवाददाता नरेंद्र शर्मा से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार कह रहे हैं कि सीएम की कुर्सी मुझे नहीं छोड़ रही और आगे भी नहीं छोड़ेगी?
चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री का फैसला निर्वाचित विधायक करते हैं। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सीएम का फैसला करने का अधिकार पार्टी आलाकमान को सौंपने का एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित होता है। फिर आलाकमान सीएम का फैसला करता है। अब भी सरकार बनने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी सीएम का फैसला करेंगे। पार्टी ने किसी भी राज्य में सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया है। किसी व्यक्ति के कहने से सीएम नहीं बनता है।
सीएम अशोक गहलोत आप पर बगावत कर विधायकों के साथ मानेसर जाने का आरोप लगाते हैं?
हमने कोई बगावत नहीं की थी। हम अपनी बात आलाकमान तक कहने के लिए गए थे। हम मुख्यमंत्री पद पर परिवर्तन चाह रहे थे। हमारी राहुल और प्रियंका गांधी से बात हुई थी। हम सभी विधायक मानेसर में नहीं थे। कोई दिल्ली था तो कोई गुरुग्राम और कोई मानेसर में था। उसके बाद सरकार में राजनीतिक नियुक्तियां हुईं। कई बड़े निर्णय आलाकमान ने लिए, लेकिन उससे बड़ी बगावत तो पार्टी आलाकमान के खिलाफ पिछले साल 25 सितंबर को हुई जब वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कोषाध्यक्ष अजय माकन तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर विधायक दल की बैठक करने के लिए जयपुर आए थे, लेकिन दो मंत्रियों व एक नेता ने यह बैठक नहीं होने दी। इस बगावत से आलाकमान अब तक नाराज हैं। उन्हें नोटिस दिया गया, लेकिन हमें तो कोई नोटिस नहीं दिया था।
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सीएम गहलोत ने आपको नकारा और निकम्मा कहा था। गहलोत अब भी बार-बार आपके ऊपर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते रहते हैं?
मेरा संस्कार लोगों को सम्मान देने का है। पहला काम कांग्रेस की सरकार बनाना है। हमारी सरकार होने के बावजूद 2013 में कांग्रेस को 200 में से 21 सीटें मिली थीं। ऐसी करारी हार देश में पहली बार हुई थी। मैंने कभी इस बारे में कुछ नहीं कहा था। मुझे पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया तो सबको साथ लेकर काम किया और 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी।
सरकारी भर्तियों के 19 पर्चे लीक हुए हैं। राज्य के बेरोजगार युवक निराश हैं। किसान कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं होने को लेकर भाजपा आरोप लगा रही है?
पर्चे लीक होना गलत बात है। जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। मैं मानता हूं कि प्रभावित युवाओं को किसी न किसी तरह से मुआवजा मिलना चाहिए। किसान कर्ज माफी का वादा हमने पूरा किया है। भाजपा भ्रम फैला रही है। सहकारी और भूमि विकास बैंकों के कर्ज माफ हुए है। राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज केंद्र सरकार ही माफी कर सकती है।
कांग्रेस ने चुनाव में फिर पुराने चेहरों को ही मौका दिया है, जबकि राहुल गांधी और आप बार-बार युवाओं को मौका देने की बात कहते थे?
मैं मानता हूं कि युवाओं को मौका दिया जाना चाहिए। सर्वे और क्षेत्रीय राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर प्रत्याशियों के बारे में फैसला होता है। मैंने पहल करके कई युवाओं को टिकट दिलवाया है।
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भाजपा कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार और बिगड़ी कानून-व्यवस्था को लेकर बार-बार आरोप लगाती है?
कानून व्यवस्था राजस्थान ही नहीं, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे भाजपा शासित प्रदेशों की ज्यादा खराब है। राजस्थान में सरकार ने पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य किया है। इस कारण मुकदमों की संख्या बढ़ी है। पुलिस ने अपना काम भी किया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ मैं स्वयं रहा हूं।
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड पर राज्य सरकार के रवैये से आप कितना संतुष्ट हैं?
यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी। राज्य पुलिस ने जांच की। केंद्रीय एजेंसियों ने भी आरोपितों को पकड़ा है। इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। देश में आतंकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है।
ईडी और आयकर विभाग की प्रदेश में सक्रियता को आप किस तरह से देखते हैं?
यह चुनाव कांग्रेस और ईडी के बीच हो रहा है। केंद्र सरकार कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ ईडी और आयकर विभाग का दुरुपयोग कर रही है। देश की जनता सब देख रही है। समय आने पर जनता जवाब देगी। भाजपा और केंद्र सरकार चुनावी राज्यों में पहले ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग की टीमों को भेजकर लोगों में भय पैदा करने का काम करते हैं। अपने राजनीतिक विरोधियों को गलत ढंग से फंसाने की कोशिश की जाती है।
कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर भाजपा लगाातर आरोप लगा रही है। मुख्यमंत्री पद को लेकर आप और गहलोत के बीच लंबे समय तक खींचतान चली है। इस पर आप क्या कहेंगे?
कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। सोनिया गांधी व राहुल गांधी के निर्देश के बाद सब एकजुट होकर पार्टी को जीताने में जुटे हैं। गुटबाजी तो भाजपा में है। भाजपा में एक दर्जन नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। भाजपा में मुख्यमंत्री पद के दावेदार एक-दूसरे पर सार्वजनिक आरोप लगाते हैं। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थकों के जिस तरह से टिकट काटे गए, उससे उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की गई है।
कांग्रेस किन मुद्दों पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है?
कांग्रेस सरकार की पांच साल की योजनाओं, केंद्र सरकार की असहयोग की नीति, महंगाई, बेरोजगारी, ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई के दुरुपयोग को लेकर हम चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस की नीति सबको साथ लेकर चलने की है। वहीं, भाजपा की नीति तोड़ने की है।
कांग्रेस महिलाओं और युवाओं को आगे बढ़ाने की बात करती है, लेकिन चुनाव में टिकट कम देने की बात सामने आ रही है?
कांग्रेस ने भाजपा से अधिक महिलाओं को टिकट दिए हैं। कांग्रेस ने 25 महिलाओं को टिकट दिए हैं, जबकि भाजपा ने केवल 16 महिलाओं को प्रत्याशी घोषित किया है। युवाओं को भी कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा टिकट दिए हैं।
टिकट वितरण के बाद कांग्रेस में बगावत सामने आई है। कई विधानसभा क्षेत्रों में लोग खुलकर पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशियों का विरोध कर रहे हैं?
टिकट तय होने के बाद कार्यकर्ताओं में थोड़ा-बहुत गुस्सा होना स्वाभाविक है, लेकिन भाजपा से लड़ने के लिए सब एकसाथ आएंगे। कुछ दिन में सबकुछ सही हो जाएगा। कांग्रेस से ज्यादा नाराजगी तो भाजपा में है। भाजपा नेताओं ने कई विधानसभा क्षेत्रों में बगावत की है।
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टिकट कटने पर कांग्रेस के विधायक जौहरी लाल मीणा, खिलाड़ी लाल बैरवा सहित कई नेताओं ने प्रत्याशी चयन में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार और दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाया है?
कांग्रेस ने सोच-विचार कर सर्वे और कार्यकर्ताओं से सलाह के बाद टिकट दिए हैं। यदि कहीं कोई मुद्दा उठाया जा रहा है, तो आलाकमान इस बारे में देखेगा। इस तरह के आरोप तो भाजपा में लग रहे हैं।
बसपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, जननायक जनता पार्टी और भारतीय आदिवासी पार्टी सहित कई छोटी पार्टियां चुनाव मैदान में हैं। इन पार्टियों के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को नुकसान होगा या फायदा होगा?
जनता को पता है कि छोटी पार्टियां चुनाव में सक्रिय होती हैं। कांग्रेस का अपना मजबूत वोट बैंक है। कांग्रेस दलित, गरीब, आदिवासी, महिला सहित सभी वर्गों की सोचती हैं। इन छोटी-मोटी पार्टियों से कांग्रेस के नतीजों पर कोई बहुत अधिक असर नहीं होगा।
भाजपा कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगा रही है। आपको क्या लगता है चुनाव में इसका असर होगा?
जनता सब जानती है कि हर चुनाव में भाजपा धर्म और जाति की बात करती है। तुष्टिकरण की बात करती है, जबकि कांग्रेस सबको साथ लेकर चलने की बात करती है।
चुनाव में यदि कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आती है तो पार्टी की प्राथमिकता क्या रहेगी?
कांग्रेस की सरकार बनना तय है। कांग्रेस के सत्ता में आने पर युवाओं, महिलाओं, दलितों सहित सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर फैसले होंगे। प्रदेश में रोजगार के साधन बढ़ाने और अधिक से अधिक निवेश लाने को लेकर योजना बनाई जाएगी।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पूर्वी राजस्थान में बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश में कांग्रेस जुटी है। क्या इससे कांग्रेस को चुनाव में लाभ होगा?
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। इस परियोजना से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में लोगों को पीने और सिंचाई का पानी पहुंचाने की योजना थी, लेकिन केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही है। सत्ता में आने पर कांग्रेस सरकार इस परियोजना को पूरा करेगी।
भाजपा के नेता प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं। जलप्रदाय मंत्री महेश जोशी के विशेषाधिकारी और राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के ठिकानों पर ईडी के छापे मारे गए हैं। आपको क्या लगता है चुनाव में इसका कोई असर होगा?
यदि कहीं भ्रष्टाचार हुआ है तो जांच होनी चाहिए, लेकिन चुनाव प्रक्रिया के बीच में इस तरह के छापे डालने से साफ लगता है कि ईडी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है। चुनाव आयोग को इस बारे में देखना चाहिए।
राहुल गांधी ने आप और सीएम अशोक गहलोत के हाथ मिलवाए हैं। इसका चुनाव में क्या असर होगा। साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे क्या?
हम सबने मिलकर बहुत पहले ही निर्णय कर लिया था कि मिलकर चुनाव लड़ेंगे। व्यक्ति से ऊपर पार्टी होती है। पार्टियों से सरकार मजबूत होती है। पार्टी मजबूत होगी तो सरकार मजबूत बनेगी। इस देश को कांग्रेस की जरूरत है। लोग नरेन्द्र मोदी सरकार का विकल्प तलाश रहे हैं। भाजपा का विकल्प कांग्रेस है। कांग्रेस को मजबूत करने के लिए सबको मिलकर अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस को मजबूत करना आवश्यक है। हम मिलकर एक बार फिर राजस्थान में सरकार बनाएंगे। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बनेगी।
भाजपा के चुनाव संकल्प-पत्र को आप किस तरह से देखते हैं?
भाजपा के चुनाव संकल्प-पत्र में नया कुछ भी नहीं है। पुरानी योजनाओं को नया नाम देने की कोशिश की गई है। कांग्रेस सरकार प्रदेश में ऐसी कई योजनाएं चला रही हैं, जिनके बारे में भाजपा ने विचार ही नहीं किया है।