Rajasthan Election: राजस्थान में सीएम की कुर्सी के कई दावेदार, किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा; भाजपा के सामने ये चुनौती
राजस्थान में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई है। पार्टी को 199 में 115 सीटों पर जीत मिली है। तो वहीं कांग्रेस को केवल 69 सीटों पर जीत मिली। राजस्थान में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद अब इस बात पर चर्चा शुरू हो चुकी है कि राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा? प्रदेश में पार्टी ने पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा है।
By Amit SinghEdited By: Amit SinghUpdated: Mon, 04 Dec 2023 02:21 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को सियासी शिकस्त देते हुए बड़ी जीत हासिल की है। पार्टी को 199 सीटों में से 115 पर जीत हासिल हुई है, वहीं कांग्रेस का खेमा महज 69 सीटों पर ही सिमट गया। जानकारों का मानना है कि भाजपा की यह जीत एक महीने तक चले गहन अभियान का नतीजा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने राजस्थान के कोने-कोने में रैलियां की हैं।
भाजपा ने राजस्थान में बड़ी अंतर से जीत हासिल की है, लेकिन जीत का सेहरा किस के सिर बांधा जाएगा इसकी घोषणा नहीं की है। राजस्थान में प्रदेश की राजनीति के सबसे ऊंचे पद यानी मुख्यमंत्री की कुर्सी के कई प्रबल दावेदार हैं। यहां हम ऐसे सात नामों के बारे में आपको बताएंगे, जिनके नाम बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं। यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में भाजपा का CM फेस भी चौंका देगा! ये हैं सबसे बड़े दावेदार
वसुंधरा राजे
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पूरे राजस्थान में लोकप्रियता है। उन्होंने राज्य में भाजपा को दो बड़ी जीत दिलाई है। भाजपा के संस्थापक नेता विजयराजे सिंधिया की बेटी और दिवंगत कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया की बहन, वसुंधरा राजे ने 1984 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, इसकी युवा शाखा के उपाध्यक्ष के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और धौलपुर से विधायक के रूप में चुनी गईं।
साल 2003 में जब राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी तो वसुंधरा राजे राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। वह तीन बार राज्य विधानसभा के लिए और पांच बार लोकसभा के लिए चुनी गईं और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री भी रहीं।
गजेंद्र सिंह शेखावत
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भाजपा के चुनाव अभियान में एक प्रमुख चेहरा थे और वो सभी असंतुष्ट चेहरों को एक साथ लाने में कामयाब रहे। वह संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ सार्वजनिक झगड़े में भी शामिल थे।
2019 के आम चुनाव में शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को हराकर अपनी राजनीतिक कौशल की पुष्टि की। हाल ही में हुए एक सर्वें में सामने आया था कि शेखावत, वसुंधरा राजे और बाबा बालकनाथ के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए तीसरे सबसे अच्छी पसंद में से एक हैं।