'हैदराबाद को भाग्यनगर और महबूबनगर को पलामुरू बनाएंगे', योगी आदित्यनाथ बोले- अगर BJP सत्ता में आई तो बदल देंगे नाम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार से तेलंगाना के चुनावी रण में उतर गए। हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने का वादा करने के बाद योगी ने रविवार को कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो तेलंगाना के महबूबनगर का नाम बदलकर पलामुरू कर दिया जाएगा। योगी ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में हर दो-तीन दिन में एक दंगा होता था।
आईएएनएस, महबूबनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार से तेलंगाना के चुनावी रण में उतर गए। हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने का वादा करने के बाद योगी ने रविवार को कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो तेलंगाना के महबूबनगर का नाम बदलकर पलामुरू कर दिया जाएगा।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, महबूबनगर में चुनावी रैली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह माफिया राज के खिलाफ लोगों को आगाह करने और महबूबनगर को पलामुरु के रूप में फिर से स्थापित करने के लिए तेलंगाना आए हैं।
क्या कुछ बोले योगी आदित्यनाथ?
कुमारम भीम आसिफाबाद में एक रैली में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर भाजपा तेलंगाना में सत्ता में आई तो हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर कर देगी। योगी ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में हर दो-तीन दिन में एक दंगा होता था। माफियाओं की समानांतर सरकार थी, लेकिन डबल इंजन की भाजपा सरकार ने इस माफिया राज को खत्म कर दिया। पिछले साढ़े छह साल में उत्तर प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ।
कांग्रेस-BRS पर बरसे योगी आदित्यनाथ
उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा यूपी का बुलडोजर माफिया और अपराधियों के खिलाफ कैसे काम करता है। यह उनका समाधान है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और बीआरएस आपस में मिले हुए हैं। उनका कामन फ्रेंड एमआईएमआईएम है, जो फेविकोल का काम करता है। इनमें से किसी एक को वोट देने से तीनों मजबूत होंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद संसाधनों पर पहला अधिकार गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं का है। उन्होंने सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया।
यूपी के मुख्यमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भी जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में होती तो यह संभव नहीं होता। 22 जनवरी, 2024 को मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए महबूबनगर से अयोध्या पहुंचने वाले भक्तों के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की जाएगी।
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उन्होंने आरोप लगाया कि जहां कांग्रेस ने 1969 में आंदोलन के दौरान और 2001 से 2014 के बीच तेलंगाना के लोगों की भावनाओं के साथ खेला, वहीं केसीआर ने नए राज्य में सत्ता में आने के बाद लोगों के सपनों को 'चकनाचूर' कर दिया। बीआरएस ने राजस्व अधिशेष तेलंगाना को तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज में धकेल दिया।