Telangana Polls: पार्टियों के दिग्गजों ने तेलंगाना के प्रचार में झोंकी पूरी ताकत, नहीं छोड़ रहे कोई गुंजाइश
राजस्थान चुनाव का मतदान खत्म होने के साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियों के दिग्गजों ने अब तेलंगाना के चुनाव प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा ने सूबे की राजनीतिक जमीन पर अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए चुनाव अभियान को धुआंधार बना दिया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजस्थान चुनाव का मतदान खत्म होने के साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियों के दिग्गजों ने अब तेलंगाना के चुनाव प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुवाई में भाजपा ने सूबे की राजनीतिक जमीन पर अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए चुनाव अभियान को धुआंधार बना दिया है।
वहीं, तेलंगाना में सत्ता की प्रबल दावेदार के रूप में उभरी कांग्रेस की कोशिशों को परवान चढ़ाने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
कब तक चलेगा चुनाव प्रचार?
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में अब केवल तेलंगाना का मतदान रह गया है जहां 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। सूबे का चुनाव प्रचार अभियान 28 नवंबर को समाप्त हो रहा है और इसलिए सभी पार्टियों के नेता अपना पूरा जोर लगा रहे हैं।
तेलंगाना की सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, उनके बेटे कैबिनेट मंत्री केटी रामराव और बेटी के कविता से लेकर बीआरएस के तमाम नेता पार्टी की मुश्किल हुई चुनावी राह को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से नए-नए हथकंडों के सहारे आम जनता के बीच सीधे पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
भाजपा-बीआरएस की बढ़ी चिंता
वहीं, सत्ता की लड़ाई में चुनावी मुकाबला बीआरएस और कांग्रेस के बीच तब्दील हो जाने के मद्देनजर भाजपा की सियासी जमीन कायम रखना पार्टी नेतृत्व के लिए चुनौती बन गई है। विधानसभा चुनाव से तीन-चार महीने पहले तक कांग्रेस की तुलना में भाजपा को बीआरएस को चुनौती देने के लिहाज से ज्यादा मजबूत आंका जा रहा था, मगर चुनाव अभियान में कांग्रेस के लगातार बढ़ते ग्राफ ने भाजपा और बीआरएस दोनों की चिंता बढ़ा दी है।
भाजपा के सामने सूबे में कम से कम ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से ऊपर तीसरे पायदान पर बने रहने की चुनौती है। पीएम मोदी, शाह और नड्डा के अलावा राजनाथ सिंह आदि सरीखे पार्टी के वरिष्ठ नेता इसलिए तेलंगाना के प्रचार में जोर लगा रहे हैं।
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तेलंगाना में कांग्रेस के प्रचार अभियान को खरगे, राहुल और प्रियंका की त्रिमूर्ति पहले से ही मजबूत दे रही थी, मगर राजस्थान का चुनाव खत्म होने के बाद पार्टी नेतृत्व ने एक तरह से अब हैदराबाद में ही डेरा डाल दिया है। शनिवार को पीएम मोदी और अमित शाह जहां तेलंगाना के अलग-अलग इलाकों में भाजपा के प्रचार अभियान को संभाल रहे थे। वहीं, खरगे, राहुल और प्रियंका भी कई जिलों में कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं का रास्ता बनाने के लिए जोर लगा रहे थे।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी भी तेलंगाना में अपनी पार्टी की संभावना वाली कुछ एक सीटों पर जोर लगाने के लिए सूबे के दौरे पर हैं। बीआरएस और कांग्रेस के बीच कांटे के मुकाबले में चुनावी बढ़त हासिल करने के लिए कांग्रेस प्रचार के आखिरी दिन पार्टी संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के चुनाव प्रचार कार्यक्रम की तैयारी भी कर रही है।