Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bageshwar By-Election: भाजपा के अभेद्य किले में सेंध लगाने की जुगत में कांग्रेस, प्रयासों का दिख रहा प्रभाव

Bageshwar By-Election 2023 बागेश्वर की सुरक्षित विधानसभा सीट लंबे समय से कांग्रेस के लिए अविजित रही है। दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन से रिक्त हुई इस सीट पर पांच सितंबर को उपचुनाव होना है। कांग्रेस इस उपचुनाव को गंभीरता से ले रही है। कांग्रेस नेतृत्व ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के नेताओं को नई जिम्मेदारी सौंपी है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Wed, 30 Aug 2023 05:30 AM (IST)
Hero Image
बागेश्वर उप-चुनाव में भाजपा के अभेद्य किले में सेंध लगाने की जुगत में कांग्रेस

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में कांग्रेस के क्षत्रपों के बीच संतुलन साधने के राष्ट्रीय नेतृत्व के प्रयास और बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के दिग्गज नेताओं के जमावड़े ने उपचुनाव की जंग को रोचक बना दिया है। प्रमुख विपक्षी पार्टी वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और पूर्व सांसदों को साथ लेकर एकजुटता दिखाते हुए भाजपा के अभेद्य किले में सेंध लगाने को ताकत झोंक रही है। ऐसे में उपचुनाव के परिणाम अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की पूर्व तैयारी और एकजुटता के पार्टी के दावे की परीक्षा से कम साबित होने वाले नहीं हैं।

बागेश्वर की सुरक्षित विधानसभा सीट लंबे समय से कांग्रेस के लिए अविजित रही है। दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन से रिक्त हुई इस सीट पर पांच सितंबर को उपचुनाव होना है। कांग्रेस इस उपचुनाव को गंभीरता से ले रही है। चुनाव से ऐन पहले वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रंजीत दास ने पाला बदलकर भाजपा का दामन थामा तो जवाब में प्रमुख विपक्षी दल ने पार्टी से बाहर से आए बसंत कुमार को अपना प्रत्याशी बनाकर उपचुनाव में नए तेवर के साथ खम ठोक दिया।

विशेष बात यह भी है कि पार्टी प्रदेश के अपने दिग्गजों को साधने में काफी हद तक सफल दिख रही है। कांग्रेस नेतृत्व ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के नेताओं को नई जिम्मेदारी सौंपी है। संतुलन साधने की इस कवायद का असर यह रहा कि कभी एकदूसरे पर हमले का मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे दिग्गज नेताओं के सुर नरम पड़े हैं। बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र पहुंचने वाले स्टार प्रचारकों की संख्या बढ़ गई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कुमाऊं मंडल के विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद लंबे समय से क्षेत्र में डटे हैं। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव एवं मुख्यमंत्री हरीश रावत भी वहां चुनावी रणनीति को धार दे रहे हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत अन्य दिग्गज भी बतौर स्टार प्रचारक मतदाताओं के बीच पहुंचे हैं। सीडब्लूसी सदस्य व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का भी शीघ्र वहां जाने का कार्यक्रम है। कांग्रेस का प्रयास यही है कि बड़े नेताओं की उपस्थिति से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को पार्टी के भीतर एका का संदेश दिया जाए।

उपचुनाव में नेताओं की सक्रियता से उत्साहित पार्टी की नजरें पांच सितंबर को होने वाले मतदान पर टिकी हैं। यद्यपि, एका की कोशिशें धरातल पर कितना कारगर रहीं और उपचुनाव पर उसका क्या प्रभाव रहा, यह आठ सितंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल सकेगा। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पार्टी उपचुनाव को मजबूती से लड़ रही है। स्टार प्रचारक विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। दो या तीन सितंबर को बागेश्वर में सभा आयोजित करने पर विचार चल रहा है। पार्टी एकजुट होकर भाजपा को कड़ी टक्कर देगी।