Rajinikanth: जब 'थलाइवा' ने सियासत में आने के फैसले पर लगाया फुल स्टॅाप! राजनीतिक संगठन RMM को किया था भंग
HPJagranSpecial सुपरस्टार रजनीकांत ने तमिलनाडु के लोगों की बेहतरी के लिए राजनीतिक में इंट्री करने कि ऐलान किया था। लेकिन शायद ही किसी को उम्मीद थी कि रजनीकांत जैसा सुपरस्टार भी अपने कमिटमेंट से पीछे हट जाएगा। आइए पढ़ते हैं राजनीति में रजनीकांत की एक छोटी सफर।
By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarUpdated: Mon, 12 Dec 2022 04:53 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारतीय सिनेमा के 'थलाइवा' 72 साल के हो चुके हैं। बड़े पर्दे पर रजनीकांत (Rajinikanth) का कोई सानी नहीं है। उनके फैंस, किसी आम फैन की तरह नहीं हैं! बिल्कुल नहीं हैं! तमिलनाडु में जयललिता रही हों या करुणानिधि या फिर एमजी रामचंद्रन- फिल्मी जगत से जुड़ी ये हस्तियां मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब रही हैं। दिलचस्प बात है कि रजनीकांत ही एक ऐसे सुपरस्टार हैं, जिन्होंने राजनीति में दस्तक देने से पहले ही उसे अलविदा कह दिया।
जब राजनीति से थलाइवा ने लिया यू-टर्न
सुपरस्टार रजनीकांत ने तमिलनाडु के लोगों की बेहतरी के लिए राजनीतिक में इंट्री करने कि ऐलान किया था। लेकिन शायद ही किसी को उम्मीद थी कि रजनीकांत जैसा सुपरस्टार भी अपने कमिटमेंट से पीछे हट जाएगा। रजनीकांत ने अपने फिल्म प्रशंसकों को एकजुट करते हुए रजनी मक्कल मंद्रम (आरएमएम) लॉन्च किया।
तमिलनाडु की जनता को पूरी उम्मीद थी कि उनका थलैवा बहुत ही जल्द राजनीति में दस्तक देने वाले हैं, लेकिन 12 जुलाई, साल 2021 को आखिरी बार आरएमएम के चुनिंदा सदस्यों से मिलने के बाद, रजनीकांत ने चौंकाने वाली घोषणा की। रजनीकांत ने घोषणा की, 'भविष्य में राजनीति में आने की मेरी कोई योजना नहीं है। मैं राजनीति में कदम नहीं रखने वाला हूं।'इससे पहले दिसंबर 2020 में रजनीकांत ने राजनीति में ना आने का ऐलान किया था। इसके बाद दिसबंर 2020 में रजनीकांत ने खुद कहा था कि वह जनवरी 2021 में पार्टी लॉन्च करेंगे। यह सब तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले होने वाला था। लेकिन दिसंबर के आखिरी हफ्ते में रजनीकांत ने यू-टर्न लिया और कहा कि वह राजनीति में शामिल नहीं होंगे। यह बात न तो तमिलनाडु की जनता को समझ में आई न पॅालीटिकल पंडितों को।
गौरतलब है कि रजनीकांत का राजनीति में न आने का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है, जिसका हर किसी को सम्मान करने की जरुरत है। राजनीति अधिक दृढ़ संकल्प, निरंतरता और वक्त की मांग करती है, जिसे रजनीकांत भली-भांति समझ गए। भले ही कई राजनीतिक पार्टियों से उनका रिश्ता जुड़ा रहा, लेकिन उन्होंने कभी भी खुले तौर पर किसी पार्टी से खुद को नहीं जोड़ा।