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Vidya Sinha Passes Away: नहीं रहीं बॉलीवुड की 'रजनीगंधा'

दिग्गज अभिनेत्री विद्या सिन्हा (Vidya Sinha) का गुरुवार को मुंबई में 72 साल की उम्र में निधन हो गया। विद्या जुहू के एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं।

By TaniskEdited By: Updated: Fri, 16 Aug 2019 07:21 AM (IST)
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Vidya Sinha Passes Away: नहीं रहीं बॉलीवुड की 'रजनीगंधा'
इंटरटेनमेंट ब्यूरो, मुंबई। बासू चटर्जी निर्देशित फिल्म रजनीगंधा में अपने अभिनय से प्रसिद्धि के शिखर तक पहुंची बॉलीवुड की अभिनेत्री 71 विद्या सिन्हा का फेफड़े और हृदय संबंधी बीमारी के कारण निधन हो गया। जुहू के एक प्राइवेट अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें रविवार को इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। 

1974 में मशहूर कहानीकार मन्नू भंडारी की कहानी 'यही सच है' पर बनी फिल्म रजनीगंधा से वह चर्चा में आई थीं। इस फिल्म में लता मंगेशकर का गाया शीर्षक गीत 'रजनीगंधा फूल तुम्हारे' को आज भी लोग चाव से सुनते हैं। अभी तक करीब 25 फिल्मों में काम कर चुकी विद्या 2011 में आखिरी बार फिल्म बॉडीगार्ड में कैमियो के रोल में नजर आई थीं।

1974 में फिल्म 'राजा काका' से बड़े पर्दे पर कदम रखने वाली विद्या पिछले कुछ समय से छोटे पर्दे पर सक्रिय थीं। इन दिनों वह धारावाहिक 'कुल्फी कुमार बाजेवाला' में दादी का किरदार निभा रही थीं। खराब स्वास्थ्य के चलते एक महीने से वह शो से दूर थीं। इसके अलावा छोटे पर्दे पर 'काव्यांजलि', 'हार जीत', 'कुबूल है' और 'इश्क का रंग सफेद' 'चंद्र नंदिनी' धारावाहिकों में भी उन्होंने काम किया।

15 नवंबर 1947 को जन्मी विद्या के पिता राणा प्रताप सिंह फिल्म निर्माता थे। मॉडलिंग से उन्होंने अपना प्रोफेशनल करियर शुरू किया था। मिस बांबे प्रतियोगिता जीतने के बाद फिल्म निर्माता बासु चटर्जी की उनपर नजर पड़ी। फिल्म 'राजा काका' उनकी शादी के बाद रिलीज हुई। विद्या सिन्हा की निजी जिंदगी भी सुर्खियों में रही। 1996 में उनके पति वेंकटेश्वरन अय्यर का निधन हो गया था। दोनों की एक बेटी जाहवी है।

अय्यर के निधन के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए अभिनय से दूरी बना ली थी। 2001 में उन्होंने नेताजी भीमराव सालुंखे से दूसरी शादी की थी। हालांकि शादी टिक नहीं सकी। वर्ष 2009 में उन्होंने सालुंखे के खिलाफ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज कराई और उसी साल दोनों में तलाक भी हो गया था।

विद्या सिन्हा की मौत की खबर सुनकर दुख हुआ। अपने बेहतरीन काम की वजह वह हमेशा याद की जाएंगी। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार वालों और मित्रों के साथ हैं, मधुर भंडारकर, फिल्म निर्माता-निर्देशक

प्यारी अभिनेत्री विद्या सिन्हा के निधन पर गहरा दुख हुआ। उनकी मधुर आवाज और अलौकिक सुंदरता उन्हें दूसरों से अलग करती थी। फिल्म 'तेरे आने से' में उनकी बेटी के रूप में काम कर मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार वालों के साथ हैं, रितुपर्णा सेनगुप्ता, फिल्म अभिनेत्री एवं निर्माता

उल्लेखनीय फिल्में 'हवस' (1974), 'छोटी सी बात' (1975), 'मेरा जीवन' (1976), 'इन्कार', 'किताब' (1977), 'पति, पत्नी और वो', 'सफेद झूठ' (1978), 'सुबूत' (1980), 'लव स्टोरी', 'जोश' (1981)।