10th Jagran Film Festival: ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं, तीसरे दिन दर्शकों का जमावड़ा
10th Jagran Film Festival इवेंट के दौरान पत्नी ने देखी फिल्म पति ने संभाला बच्चा। वहीं वीकंड पर मिनी इंडिया बना सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम।
By Rahul soniEdited By: Updated: Sat, 20 Jul 2019 06:25 PM (IST)
संजीव कुमार मिश्र, नई दिल्ली। कहीं मलयालम की बहार थी तो कहीं बांग्ला, उर्दू, हिंदी, स्पैनिश, व अन्य भाषा, बोली के लोगों का जमावड़ा। वीकंड पर सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम मानों मिनी इंडिया में तब्दील हो गया। जहां विभिन्न जुबां के लोग अपनी मनपसंद फिल्में देखने के लिए इकट्ठा हुए थे और इन्हें ये मौका मिला जागरण फिल्म फेस्टिवल के दसवें संस्करण की वजह से। शायद यही वजह थी कि हर दिल खुशी से बाग बाग था। फिल्मों के प्रति लोगों की दीवानगी देखते ही बनती थी। फेस्टिवल के तीसरे दिन बारिश के बावजूद लोग भीगते हुए पहुंचे। फिल्मक देखने की शौकीन कई महिलाएं सिनेमा का लुत्फह ले रही थी जबकि उनके पति बाहर बच्चे संभाल रहे थे। दरअसल , भारत सरकार के नियमों के तहत फिल्म फेस्टिवल में शिरकत करने के लिए 18 वर्ष की आयु होना आवश्यथक है।
पति ने संभाला बच्चा
ऑडिटोरियम तीन के बाहर प्रेम चार महीने के अपने बच्चे को संभाल रहे थे। बच्चा रोता तो वो टहलाने लग जाते। प्रेम ने बताया कि उनकी पत्नी हेमा को शार्ट, आफ बीट फिल्में पसंद है। हम परिवार के साथ गुरुग्राम में रहते हैं। पत्नी को जागरण फिल्म फेस्टिवल में जब टी फॉर ताजमहल के इंडियन प्रीमियर का पता चला तो हम यहां आ पहुंचे। अब वो फिल्म देख रही है और बाहर मैं बच्चे संभाल रहा हूं।
ऑडिटोरियम तीन के बाहर प्रेम चार महीने के अपने बच्चे को संभाल रहे थे। बच्चा रोता तो वो टहलाने लग जाते। प्रेम ने बताया कि उनकी पत्नी हेमा को शार्ट, आफ बीट फिल्में पसंद है। हम परिवार के साथ गुरुग्राम में रहते हैं। पत्नी को जागरण फिल्म फेस्टिवल में जब टी फॉर ताजमहल के इंडियन प्रीमियर का पता चला तो हम यहां आ पहुंचे। अब वो फिल्म देख रही है और बाहर मैं बच्चे संभाल रहा हूं।
वायरस खींच लाया फिल्म फेस्टिवल
खेल गांव निवासी बुजुर्ग दंपति ने बताया कि वो दोनों मलयालम फिल्मों के फैन है। दिल्ली में मलयालम फिल्में देखने को नहीं मिल पाती। केरला भवन में नवंबर महीने में फिल्म फेस्टिवल होता है तो देखने को मिल जाती है लेकिन इसके अलावा कहीं कोई ऐसा खास अवसर नहीं मिलता। यहां दैनिक जागरण फिल्म फेस्टिवल में विगत दो साल से आ रहे हैं। इस बार नीफा वायरस पर बनी फिल्म वायरस की स्क्रीनिंग की जानकारी मिली तो बारिश के बावजूद खींचे चले आए। वहीं डीयू की छात्रा अक्षरा ने बताया कि वो केरल की रहने वाली है। वहां नीफा वायरस का काफी प्रकोप था। इसलिए वो इस पर बनी फिल्म देखने चली आयीं।
खेल गांव निवासी बुजुर्ग दंपति ने बताया कि वो दोनों मलयालम फिल्मों के फैन है। दिल्ली में मलयालम फिल्में देखने को नहीं मिल पाती। केरला भवन में नवंबर महीने में फिल्म फेस्टिवल होता है तो देखने को मिल जाती है लेकिन इसके अलावा कहीं कोई ऐसा खास अवसर नहीं मिलता। यहां दैनिक जागरण फिल्म फेस्टिवल में विगत दो साल से आ रहे हैं। इस बार नीफा वायरस पर बनी फिल्म वायरस की स्क्रीनिंग की जानकारी मिली तो बारिश के बावजूद खींचे चले आए। वहीं डीयू की छात्रा अक्षरा ने बताया कि वो केरल की रहने वाली है। वहां नीफा वायरस का काफी प्रकोप था। इसलिए वो इस पर बनी फिल्म देखने चली आयीं।
फिल्मी गपशप से टाइम पास
शनिवार को रुक-रुककर बारिश हो रही थी। बावजूद इसके दर्शकों का उत्साह देखते ही बना। कई दर्शक तो भींगते हुए ऑडिटोरियम पहुंचे। टिकट काउंटर के सामने दर्शकों का समूह दिखता। दरअसल, यहां लोग फिल्मों की स्क्रीनिंग का इंतजार करते एवं जब तक फिल्म शुरू नहीं होती तब फिल्म गपशप से ही टाइम पास करते। फिल्मी गपशप में बालीवुड शहंशाह अमिताभ बच्चन से लेकर हालीवुड की फिल्में तक शामिल थी।
यह भी पढ़ें: 10th Jagran Film Festival: आज रोहित शेट्टी और सिद्धांत चतुर्वेदी से बातचीत, 21 जुलाई को तापसी पन्नू से
शनिवार को रुक-रुककर बारिश हो रही थी। बावजूद इसके दर्शकों का उत्साह देखते ही बना। कई दर्शक तो भींगते हुए ऑडिटोरियम पहुंचे। टिकट काउंटर के सामने दर्शकों का समूह दिखता। दरअसल, यहां लोग फिल्मों की स्क्रीनिंग का इंतजार करते एवं जब तक फिल्म शुरू नहीं होती तब फिल्म गपशप से ही टाइम पास करते। फिल्मी गपशप में बालीवुड शहंशाह अमिताभ बच्चन से लेकर हालीवुड की फिल्में तक शामिल थी।
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