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20 Years of Masti: विवेक, रितेश और आफताब की 'मस्ती' का नाम होता 'खुजली', इस डर से डायरेक्टर ने बदल दिया टाइटल

इंद्र कुमार निर्देशित 2004 में आई फिल्म मस्ती (20 Years of Masti) को आज 9 अप्रैल को 20 साल पूरे हो गए हैं। इस एडल्ट फिल्म के सह लेखक मिलाप जवेरी यादें साझा करते हुए बताते हैं कि फिल्म में यूं तो कई कलाकार थे लेकिन रितेश को दो बार कहानी सुनानी पड़ी थी। पहली बार वह कहानी सुनकर खूब हंसे थे।

By Vaishali Chandra Edited By: Vaishali Chandra Updated: Tue, 09 Apr 2024 02:59 PM (IST)
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अगर 'मस्ती' का नाम होता 'खुजली', (X Image)

एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई ब्यूरो। कई बार कलाकारों के लिए खुद निर्णय लेना कठिन हो जाता है, खासकर तब जब वह कुछ नया करने जा रहे हों। ऐसा ही कुछ रहा अभिनेता रितेश देशमुख के साथ भी जब उनके पास मस्ती फिल्म की कहानी आई थी।

इंद्र कुमार निर्देशित 2004 में आई इस फिल्म को आज, 9 अप्रैल को 20 साल पूरे हो गए हैं। इस एडल्ट फिल्म के सह लेखक मिलाप जवेरी यादें साझा करते हुए बताते हैं कि फिल्म में यूं तो कई कलाकार थे, लेकिन रितेश को दो बार कहानी सुनानी पड़ी थी। पहली बार वह कहानी सुनकर खूब हंसे थे।

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राजनीति की वजह से झिझके रितेश 

रितेश देशमुख राजनीतिक परिवार से रहे हैं तो उन्हें लग रहा था कि कहीं इस फिल्म की वजह से परिवार पर कोई सवाल न उठ जाए। एक्टर ने अपने मित्र के साथ कहानी दोबारा सुनने का आग्रह किया। उनके मित्र ने कहा कि "अच्छी कहानी है, तुम्हें करनी चाहिए। वह अकेले कलाकार थे, जिन्होंने दो बार कहानी सुनी।"

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मस्ती नहीं अगर खुजली होता फिल्म का नाम

मस्ती के नाम का किस्सा बताते हुए मिलाप जावेरी ने कहा, "मैंने और तुषार (हीरानंदानी) ने मस्ती की कहानी लिखी थी। हम इंद्र सर के पास कहानी लेकर गए थे। कहानी सुनकर उन्होंने तुरंत कहा कि हमें इस पर काम करना चाहिए। हम जानते थे कि यह एडल्ट कामेडी फिल्म है, ऐसे में हमें दायरों में रहकर ही संवाद लिखना है। कम लोग ही जानते हैं कि पहले फिल्म का नाम खुजली रखा गया था। फिर इंद्र सर ने कहा कि नहीं ये नाम नहीं रखेंगे, मैं नहीं चाहता की लोग फिल्म को इंद्र कुमार की खुजली कहें।"