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25 Years of Satya: मनोज बाजपेयी को कैसे मिली थी 'सत्या'? बोले- 'इस फिल्म से पहले मेरा कोई करियर नहीं था'

25 Years of Satya राम गोपाल वर्मा की निर्देशित फिल्म सत्या ने कई सितारों को एक अलग पहचान दी थी जिनमें से एक मनोज बाजपेयी भी थे। इस फिल्म के बाद ही उनकी किस्मत चमकी। एक लेटेस्ट इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने खुलासा किया कि सत्या से पहले उनका कोई करियर नहीं था। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि इसमें उनकी कास्टिंग कैसे हुई थी।

By Rinki TiwariEdited By: Rinki TiwariPublished: Mon, 03 Jul 2023 01:38 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jul 2023 01:38 PM (IST)
25 Years of Satya Manoj Bajpayee reveals how Ram Gopal Varma cast him in Satya. Photo- Instagram

 नई दिल्ली, जेएनएन। 25 Years of Satya: 25 साल पहले आज ही के दिन राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) ने सिनेमाघरों में एक फिल्म उतारी, जिसे भारतीय सिनेमा के इतिहास में 'क्लासिक कल्ट' माना जाता है। गैंगस्टर पर बेस्ड मूवी 'सत्या' ने कई सितारों की किस्मत चमकाई, जिनमें से एक मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) भी हैं।

सत्या के 25 साल पूरे होने पर मनोज बाजपेयी ने किया पोस्ट

भले ही मनोज को इंडस्ट्री में काम किए तीन दशक से ज्यादा हो गया है, लेकिन आज भी उन्हें 'मुंबई का किंग' भीकू म्हात्रे के रोल के लिए जाना जाता है। ये उनके करियर के लिए एक गेम चेंजर था। 3 जुलाई 2023 को 'सत्या' (Satya) को रिलीज हुए 25 साल हो गए हैं। इस खास मौके पर मनोज बाजपेयी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। ये क्लिप फिल्म 'सत्या' का है। इस वीडियो को शेयर करते हुए मनोज बाजपेयी ने ट्वीट में लिखा, "मुंबई का किंग कौन?"

'सत्या' से पहले मुश्किल से गुजारा कर पाते थे मनोज बाजपेयी

मनोज बाजपेयी ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए लेटेस्ट इंटरव्यू में 'सत्या' के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि बिना 'सत्या' के उनके पास कोई करियर नहीं था। बकौल एक्टर,

"जब मैंने सत्या की तो मेरे पास कोई भी करियर नहीं था। मुझे बस यहां-वहां छोटे-मोटे रोल मिल रहे थे और कैसे भी करके शहर में गुजारा कर रहा था। सत्या ने मुझे एक करियर दिया। इस फिल्म के बाद मेरे करियर में शेप आया।"

मनोज बाजपेयी को कैसे मिली थी 'सत्या'?

मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें कैसे 'सत्या' फिल्म में कास्ट किया गया था। एक्टर ने कहा कि कन्नन अय्यर के जरिए वह राम गोपाल वर्मा से मिले थे। मनोज ने कहा,

"जब रामू (राम गोपाल वर्मा) को पता चला कि मैंने 'बैंडिट क्वीन' में मान सिंह का किरदार निभाया है तो उन्होंने तुरंत कहा कि फिल्म में मुझे आप पसंद आए थे और मैं हमेशा आपको अपनी फिल्म में लेना चाहता था, लेकिन प्लीज 'दौड़' (1997) मत करो। हालांकि, मैंने उनसे निवेदन किया कि मुझे 'दौड़' करने दें, क्योंकि उससे मुझे पैसे और एक रोल मिल रहा है।"

"भले ही रोल छोटा था, लेकिन मुझे कोई दिक्कत नहीं थी, क्योंकि मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। अगर मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो सत्या के कई सारे डायलॉग्स बहुत पॉपुलर हो गए हैं। सबसे ऊपर 'मुंबई का किंग कौन?' मैं वह एक्टर नहीं हूं, जो डायलॉग बाजी में यकीन रखता हो, लेकिन मैंने इस कैरेक्टर को जिया है।"

मनोज बाजपेयी ने ये भी कहा कि उन्हें नहीं पता था कि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इतना धमाल करेगी। बता दें कि फिल्म 3 जुलाई 1998 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। मनोज बाजपेयी के अलावा लीड रोल में उर्मिला मातोंडकर (विद्या) और जेडी चक्रवर्ती (सत्या) नजर आए थे।


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