Move to Jagran APP

25 Years of Satya: दमदार अदाकारी के बावजूद नहीं मिला कोई अवॉर्ड, 25 साल बाद उर्मिला मातोंडकर ने निकाली भड़ास

25 Years of Satya राम गोपाल वर्मा के निर्देशन में बनी सत्या को मनोज बाजपेयी के करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक माना जाता है। न सिर्फ उनकी परफॉर्मेंस को बल्कि जेडी चक्रवर्ती सौरभ शुक्ला और उर्मिला मातोंडकर ने भी अपनी-अपनी भूमिकाओं के लिए तारीफें बटोरी थीं। लेकिन इससे इतर उर्मिला को मूवी को लिए अवॉर्ड न मिलने का दुख है जिसकी भड़ास उन्होंने एक पोस्ट के जरिये निकाली।

By Karishma LalwaniEdited By: Karishma LalwaniUpdated: Mon, 03 Jul 2023 04:01 PM (IST)
Hero Image
Urmila Matondkar in Satya (Left) and File Photo of Urmila Matondkar (Right)
नई दिल्ली, जेएनएन। कल्ट फिल्में बनाने के लिए मशहूर राम गोपाल वर्मा ने आज से 25 साल पहले 'सत्या' बनाई थी। यह बॉलीवुड के इतिहास की वह मूवी है, जिसने अंडरवर्ल्ड के नए चेहरे को पेश किया था। 1998 में रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉलीवुड में जबरदस्त तहलका मचाया था।

'सत्या' को छह फिल्मफेयर अवॉर्ड और एक नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था। आज फिल्म के 25 साल पूरे होने की खुशी में पूरी टीम ने इससे जुड़ी पुरानी यादों को ताजा किया है। वहीं, इस मूवी का अहम हिस्सा रहीं उर्मिला मातोंडकर ने निगेटिव कमेंट कर सभी को चौंका दिया है।

उर्मिला मातोंडकर के ट्वीट से मचा तहलका

उर्मिला मातोंडकर ने राम गोपाल वर्मा की 'सत्या' में सत्या की पत्नी विद्या का रोल प्ले किया था। विद्या का किरदार चॉल में रहने वाली लड़की का था। उर्मिला ने इस रोल को करना ऐसे वक्त पर चुना, जब वह ग्लैमरस रोल्स करने के लिए जानी जाती थीं। 'सत्या' के जरिये उन्होंने अपनी इमेज बदलने की कोशिश की। हालांकि, शायद उनकी मेहनत कुछ खास रंग नहीं लाई। आज फिल्म के 25 साल पूरे होने के मौके पर एक्ट्रेस ने अपने रोल के लिए कोई भी अवॉर्ड न जीतने के लिए दुख व्यक्त किया है।

एक्ट्रेस को नहीं मिला था अवॉर्ड

उर्मिला ने ट्वीट किया, ''सत्या के पांच साल और सिंपल चॉल की लड़की विद्या का किरदार निभाने के भी, जिसे अपने ग्लैमरस करियर के पीक पर प्ले किया था। लेकिन नहीं, इसे ''एक्टिंग'' से क्या लेना देना है...तो कोई अवॉर्ड नहीं, और कोई नॉमिनेशन तक नहीं। तो बैठ जाओ और फेवरेटिज्म और नेपोटिज्म पर बात न करो।''

जैसे ही उर्मिला ने यह पोस्ट शेयर किया, ट्विटर पर उनके किरदार को खूबसूरती से निभाने वाले कमेंट्स की बाढ़ आ गई। एक यूजर ने लिखा, ''विद्या ताजी हवा जैसा किरदार था, और जैसा कि आपने कहा, यह शानदार भूमिकाओं में से एक था। मैं आपके ग्लैमरस साइड को अलग नहीं कर रहा, मैंने आपको सबसे सुंदर और रिलेटेबल माना है, जब भी आपने इस तरह के रोल प्ले किए हैं- सत्या, पिंजर, मैंने गांधी को (हो सकता है यह इतना पॉपुलर ओपिनियन न हो)।''

एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, ''यह फिल्म डार्क और ग्रिटी थी। @BajpayeeManoj और आपको फिर से डिस्कवर का जरिया, साड़ी में आपकी भूमिका यादगार रही। साथ ही कल्लू मामा के रूप में सौरभ शुक्ला। काश कि आप 'गोली मार भेजे में' होतीं। भले ही उसमें कुछ न बोलना होता।''

क्या है सत्या की कहानी?

'सत्या' की कहानी सत्या नाम के व्यक्ति के इर्दगिर्द घूमती है, जिसे जेडी चक्रवर्ती ने प्ले किया था। वह एकरोज भीकू म्हात्रे (Manoj Bajpayee) के कॉन्टैक्ट में आता है, और देखते ही देखते अंडरवर्ल्ड की दुनिया का हिस्सा बन जाता है। हालांकि, उसकी जिंदगी में अहम मोड़ तब आता है, जब उसे विद्या से प्यार होता है। तब उसे गुंडागर्दी और प्यार के बीच चयन करना है।