50 Years Of Zanjeer: अमिताभ बच्चन का करियर बदलने वाली फिल्म बनी 'जंजीर', धर्मेंद्र के लिए लिखी गई थी कहानी
50 Years Of Zanjeer फिल्म जंजीर को रिलीज हुए 50 वर्ष पूरे हो गए है। इस फिल्म में अभिनेता अमिताभ बच्चन और प्राण की अहम भूमिका थी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा व्यापार किया था।
By Rupesh KumarEdited By: Rupesh KumarUpdated: Wed, 10 May 2023 08:13 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। 50 Years Of Zanjeer: जंजीर फिल्म को रिलीज हुए 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। यह फिल्म अपने आप में ऐतिहासिक है। इस फिल्म ने बॉलीवुड का रुख बदल दिया था। इसके पीछे कारण यह है कि फिल्म से कई ऐसे कलाकार, लेखक-निर्देशक सुपरहिट हुए थे, जिन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक फिल्म दी है। ऐसे ही एक अवसर पर जावेद अख्तर ने इस बात का खुलासा किया था कि अमिताभ बच्चन जंजीर के लिए अंतिम विकल्प थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनका रोल धर्मेंद्र इनकार कर चुके थे।
अमिताभ बच्चन की जंजीर ने उनके करियर को एक नया आयाम दिया
1973 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर ने उनके करियर को एक नया आयाम दिया। इसके पहले अमिताभ बच्चन की एक के बाद एक कई फिल्में फ्लॉप हुई थी। उन्हें कैमियो रोल मिल ही रहे थे और उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही थी। वहीं, एक फिल्म से तो उन्हें बीच में से ही निकाल दिया गया था ताकि किसी सेलेबल स्टार को लिया जाए। हालांकि, 3 लोगों ने उनकी जिंदगी बदल दी। इसमें दो स्क्रिप्ट राइटर और एक निर्देशक शामिल है। जिन्होंने यह तय किया कि वह फिल्म इंडस्ट्री में रहेंगे और टॉप पर पहुंचेंगे। इन तीनों का नाम सलीम खान, जावेद अख्तर और प्रकाश मेहरा है।
जंजीर से अमिताभ बच्चन बने एंग्री यंग मैन
इन तीनों ने मिलकर बॉलीवुड को एंग्री यंग मैन दिया और यह अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर से संभव हो पाया। जब अमिताभ बच्चन को ये रोल ऑफर हुआ। इसके पहले कई लोगों ने इस रोल को करने से मना कर दिया था। इसके बाद यह फिल्म अमिताभ बच्चन के पास पहुंची और उन्होंने इसे करने का निर्णय लिया। जंजीर की वजह से अमिताभ बच्चन सफल हुए।धर्मेंद्र ने किन्हीं कारणों से फिल्म में काम करने से कर दिया मना
जावेद अख्तर ने इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में इसके पीछे की कहानी भी बताई है। उन्होंने कहा, 'अमिताभ बच्चन जंजीर के लिए अंतिम विकल्प नहीं थे। यह कहानी धर्मेंद्र के लिए लिखी गई थी लेकिन किन्हीं कारणों से उन्होंने इसमें काम करने से मना कर दिया। प्रकाश मेहरा के पास कहानी थी लेकिन कोई अभिनेता नहीं था। वह फिल्म का निर्माण भी कर रहे थे। वह पहली बार ऐसा कर रहे थे। इसके पहले उन्होंने सिर्फ निर्देशन किया था। उन्होंने कई कलाकारों को इस रोल के लिए अप्रोच किया। उनमें से तो कुछ अब इस दुनिया में भी नहीं है। सभी ने इस रोल को करने से मना कर दिया था।"
राजेश खन्ना समझे जाते थे भगवान
जावेद अख्तर आगे कहते हैं, "मैं समझ सकता हूं कि उन्होंने इस रोल को करने से क्यों इनकार किया। राजेश खन्ना का दौर था, जो भगवान समझे जाते थे। जिनकी फिल्मों में म्यूजिक अच्छा होता था। जबकि जंजीर में ना तो कोई रोमांटिक गाना था और ना ही कॉमेडी थी। यहां हीरो गाना भी नहीं गाता था। पहली फ्रेम से आखरी फ्रेम तक उसे गंभीर और एक कटु मुद्रा में होना था। पर्दे पर ऐसा कभी देखा नहीं गया था। इसी के चलते सभी ने इस रोल को करने से मना कर दिया था।"