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'72 Hoorain' के निर्देशक संजय पूरन सिंह चौहान का प्रश्न, फिल्म के प्रोमो में लास्ट मिनट में कैसे करें बदलाव

72 Hoorain Row फिल्म 72 हूरें का ट्रेलर निर्माताओं ने डिजिटली रिलीज कर दिया है। संजय पूरन सिंह चौहान को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 72 हूरें 7 जुलाई को रिलीज हो रही है। फिल्म में पवन मल्होत्रा और आमिर बशीर की अहम भूमिका है सभी इस फिल्म को लेकर काफी उत्साहित है। अब फिल्म ने निर्देशक ने प्रोमो विवाद पर बात की है।

By Rupesh KumarEdited By: Rupesh KumarUpdated: Sun, 02 Jul 2023 07:37 PM (IST)
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72 Hoorain Row, Sanjay Puran Singh Chauhan
नई दिल्ली, जेएनएन। 72 Hoorain Row: 72 हूरें फिल्म के निर्देशक संजय पूरन सिंह चौहान ने एक नया इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कहा है,

"जब आप बड़े पर्दे के लिए किसी चीज का निर्माण करते हो, तब आप चाहते हो कि आपके प्रोमो का ढेर सारी सिनेमाघरों में दिखाया जाए लेकिन इस फिल्म के प्रोमो को सेंसर बोर्ड ने पास ही नहीं किया। जब यह 28 अगस्त को रिलीज हो रही है तब 27 जुलाई को वे बताते है कि आप इसमें बदलाव करिए। आप ही बताइए कि इतने कम समय में कैसे बदलाव कर सकते है जो कि अंतिम समय के बदलाव माने जाएंगे।"

गौरतलब है कि संजय पूरन सिंह चौहान ने 72 हूरें फिल्म को लेकर बृहद चर्चा की है। इसके पहले, सीबीएफसी ने गुरुवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा था कि फिल्म के ट्रेलर को उन्होंने सर्टिफाइड करने से बिलकुल भी इनकार नहीं किया है। संजय पुरन सिंह चौहान राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक है। सेंसर सर्टिफिकेट नहीं मिलने के आरोपों के कारण फिल्म के ट्रेलर को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इसमें क्रिएटिव फ्रीडम और सेंसरशिप शामिल है।

सीबीएफसी ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए वक्तव्य जारी कर कहा था, "मीडिया के कुछ हिस्सों में हमें लेकर भ्रामक खबरें छापी जा रही हैं कि 72 हूरें का ट्रेलर पास नहीं किया गया है।" अब संजय पूरन सिंह चौहान ने एएनआई से विशेष बातचीत की है। उन्होंने कहा है,

"फिल्म के ट्रेलर को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफाइड नहीं किया। ट्रेलर को लेकर क्या आपत्ति है। सेंसर बोर्ड आखिरी मिनट पर हमें बदलाव करने के लिए कैसे कह सकता है। हमने इस फिल्म को बनाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया है। आप देखिए कि सभी विवादों में एक चीज समान है कि कुछ बातों को एक ही जगह लटकता हुआ छोड़ दिया जाता है। यह फिल्म आतंकवाद को लेकर गंभीर बात करती है। कई आतंकवाद के पहलू है, जिन पर चर्चा करना आवश्यक है।"

उन्होंने आगे कहा,

"सर्टिफिकेट को लेकर भी भेदभाव है, हम कौन सा सर्टिफिकेट चाहते हैं और हमें कौन-सा मिलता है। यह बात हमें समझने में बहुत समय लगता है। कौन सा कट आप फिल्म बनाते हुए चाहते हैं और जब ट्रेलर रिलीज होने वाला होता है तो उन्हें कोई नया बदलाव चाहिए होता है। मैं चाहता हूं कि लोग इसे गंभीरता से समझें। हमारा एक प्रयास है, जिसे हम फिल्म में दिखाना चाह रहे हैं। इस समय वैश्विक आतंकवाद बहुत बड़ा मुद्दा है। इस पर चर्चा की जानी चाहिए। कुछ लोगों ने बिना देखे ही अपना मत करना शुरू कर दिया है।"