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पुण्यतिथि विशेष: संजीव कुमार का सफरनामा

मुंबई में नौ जुलाई, 1938 को एक मध्यम वर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे संजीव कुमार बचपन से ही फिल्मों में नायक बनने का सपना देखा करते थे। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने फिल्मालय के एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया। वर्ष 1962 में राजश्री प्रोडक्शन की निर्मित फिल्म आरती के लिए उन्होंने स्क्त्रीन टेस्ट दिया, जिसमें वह पास नहीं हो सके। संजीव को सर्वप्रथम मुख्य अभिनेता के रूप में 1965 में प्रदर्शित फिल्म निशान में काम करने का मौका मिला।

By Edited By: Updated: Wed, 06 Nov 2013 11:54 AM (IST)
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मुंबई में नौ जुलाई, 1938 को एक मध्यम वर्गीय गुजराती परिवार में जन्मे संजीव कुमार बचपन से ही फिल्मों में नायक बनने का सपना देखा करते थे। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने फिल्मालय के एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया। वर्ष 1962 में राजश्री प्रोडक्शन की निर्मित फिल्म आरती के लिए उन्होंने स्क्त्रीन टेस्ट दिया, जिसमें वह पास नहीं हो सके। संजीव को सर्वप्रथम मुख्य अभिनेता के रूप में 1965 में प्रदर्शित फिल्म निशान में काम करने का मौका मिला।

जब संजीव कुमार ने किया था हेमा मालिनी को प्रपोज, तो..

वर्ष 1960 से 1968 तक संजीव फिल्म इंडस्ट्री मे अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। फिल्म हम हिंदुस्तानी के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली, वह उसे स्वीकार करते चले गए। इस बीच, उन्होंने कई बी ग्रेड फिल्मों में अभिनय किया, लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई।

वर्ष 1968 मे प्रदर्शित फिल्म शिकार में संजीव पुलिस ऑफिसर की भूमिका में दिखाई दिए। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिए उन्हें सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिला।

वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म खिलौना की जबरदस्त कामयाबी के बाद संजीव ने नायक के रूप में अपनी अलग पहचान बना ली। वर्ष 1970 में ही प्रदर्शित फिल्म दस्तक में लाजवाब अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फिल्म कोशिश और परिचय की सफलता के बाद गुलजार संजीव के पसंदीदा निर्देशक बन गए। बाद में संजीव ने गुलजार के निर्देशन में आंधी, मौसम, नमकीन और अंगूर जैसी कई फिल्मों में अपने अभिनय के जौहर दिखाए। वर्ष 1982 में प्रदर्शित फिल्म अंगूर में संजीव की दोहरी भूमिका शायद ही कोई भूल पाए।

वर्ष 1975 में प्रदर्शित रमेश सिप्पी की सुपरहिट फिल्म शोले में वे फिल्म अभिनेत्री जया भादुडी (बच्चन) के ससुर की भूमिका निभाने से भी नहीं हिचके। हालांकि संजीव ने फिल्म शोले के पहले जया भादुड़ी के साथ कोशिश और अनामिका में नायक की भूमिका निभाई थी।

वर्ष 1977 में प्रदर्शित फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में उन्हें महान निर्देशक सत्यजीत रे के साथ काम करने का मौका मिला। इस फिल्म के जरिए भी उन्होंने दर्शकों का मन मोहे रखा।

अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिल में खास पहचान बनाने वाले संजीव कुमार 6 नवंबर, 1985 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।

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