Swara Bhaskar Video: स्वरा भास्कर ने बेटी की 'छठी' पर गाया लोक गीत, वीडियो शेयर कर लिखी खास बात
Swara Bhaskar Video एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने कुछ समय पहले ही बेटी के छठी की तस्वीरें शेयर की थीं। अब उन्होंने उसी फंक्शन का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो के साथ ही एक्ट्रेस ने एक लंबा-चौड़ा पोस्ट भी लिखा है। साथ ही वह वीडियो में गाना गाते हुए नजर आ रही हैं। इस दौरान उनके पास फहाद बैठे हैं जिन्होंने अपनी बेटी को गोद में ले रखा है।
By Rajshree VermaEdited By: Rajshree VermaUpdated: Mon, 02 Oct 2023 11:57 PM (IST)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Swara Bhaskar Video: एक्ट्रेस स्वरा भास्कर हाल ही में मां बनी हैं और अभी वह अपनी इस नई जर्नी को एन्जॉय कर रही हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अपनी बेटी की छठी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सबके साथ शेयर की थीं। अब एक्ट्रेस ने इस फंक्शन का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह फहाद और अपनी फैमिली के साथ बैठी हैं और गाना गा रही हैं।
फंक्शन की तस्वीरें शेयर करने के साथ ही स्वरा ने बताया कि कैसे वह अपने और फहाद के परिवारों के बीच सांस्कृतिक समानताएं ढूंढने में सफल रही हैं। स्वरा जहां हिन्दू हैं, वहीं फहाद मुस्लिम हैं। वीडियो शेयर करने के साथ ही एक्ट्रेस ने लंबा-चौड़ा पोस्ट भी लिखा है।
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स्वरा ने शेयर किया गाना गाते हुए वीडियो
स्वरा के शेयर किए हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि वह पीले कपड़े पहने फहाद के साथ बैठी हैं। वहीं, फहाद की गोद में उनकी बेटी है। इसके बाद कुछ लड़कियां एक्ट्रेस की बेटी और उनको काजल लगाती हैं और फिर वीडियो में स्वरा लोक गीत गाते हुए नजर आती हैं।
इस वीडियो को शेयर करते हुए स्वरा ने लिखा 'बच्चा हमारे जैसे मिश-मैश का एक मिश-मैश है। वह 62.5 प्रतिशत यूपी, 12.5 प्रतिशत बिहार, 25 प्रतिशत आंध्र और मैं प्रतिनिधित्व के साथ हमेशा उत्सव के लिए तैयार हूं। इसके अलावा हमारी शादी के बाद से हम सामान्य सांस्कृतिक प्रथाओं की खोज कर रहे हैं, जो उत्तर भारत में हिंदू और मुस्लिम दोनों शेयर करते हैं। यह मेरे विश्वास को मजबूत करता है कि इंसान सभी तरह की विविधता से आ सकते हैं।
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फंक्शन के बारे में बताते हुए एक्ट्रेस ने लिखा, 'छठी या बच्चे के जन्म का छठा दिन पूरे यूपी बिहार में मनाया जाता है। जहां मां और बच्चे को हल्दी के रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं और मौसी या बुआ बच्चे और मां को काजल लगाती हैं और पिताजी बच्चे और परिवार को 'नजर' या बुरी नजर से बचाते हैं। मैं एक लोकप्रिय 'सोहर' गीत गा रही हूं। परंपरागत रूप से सोहर ज्यादातर नवजात शिशुओं का जश्न मनाते हुए गाया जाता है।