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Pad Man: शुक्रिया बॉलीवुड... नहीं तो गुमनाम रह जाते असल ज़िंदगी के ये महानायक!

ऐसी ही एक कहानी के नायक हैं ग्रीक गॉड कहे जाने वाले रितिक रोशन, जो मैथमेटिशियन आनंद कुमार का किरदार निभाने जा रहे हैं।

By Manoj VashisthEdited By: Updated: Sun, 11 Feb 2018 09:38 AM (IST)
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Pad Man: शुक्रिया बॉलीवुड... नहीं तो गुमनाम रह जाते असल ज़िंदगी के ये महानायक!
मुंबई। बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक फ़िल्मों को काफ़ी तवज्जो दी जा रही है। इनमें कुछ फ़िल्में ऐसी होती हैं, जो किसी मशहूर ऐतिहासिक चरित्र, खिलाड़ी या शख़्सियत के इर्द-गिर्द घूमती हैं। वहीं कुछ फ़िल्मों के हीरो गुमनाम होते हैं। उन्होंने रियल लाइफ़ में कोई ऐसा काम किया होता है, जिसने लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित किया हो और यही काम उन्हें हीरो बनाता है, मगर उनके बारे में कम ही लोग जानते हैं।

ऐसी ही एक कहानी के नायक हैं ग्रीक गॉड कहे जाने वाले रितिक रोशन, जो मैथमेटिशियन आनंद कुमार का किरदार निभाने जा रहे हैं। आप पटना के आनंद कुमार को भले ना जानते हों, मगर सुपर 30 सुनते ही आंखों में चमक ज़रूर आती होगी। आनंद कुमार सुपर 30 नाम की कोचिंग क्लासेज़ के संस्थापक हैं। आप सोचेंगे, इसमें क्या हीरोइज़्म है? आनंद का हीरोइज़्म ये है कि उनकी कोचिंग की मदद से ग़रीब तबके के सैकड़ों छात्र-छात्राएं जेईई (आईआईटी) जैसा मुश्किल एग्ज़ाम क्रेक करके इंजीनियर बन चुके हैं, वो भी मुफ़्त में।

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विकास बहल आनंद की बायोपिक 'सुपर 30' डायरेक्ट कर रहे हैं। फ़िल्म की शूटिंग वाराणसी में शुरू हो चुकी है और रितिक आनंद के किरदार में इस तरह उतर चुके हैं कि देखकर यक़ीन कर पाना मुश्किल है कि बॉलीवुड का हैंडसम हंक ऐसा रूप भी ले सकता है। वैसे प्रकाश झा की फ़िल्म आरक्षण में सुपर 30 के कांसेप्ट की झलक देखी जा चुकी है, जिसमें अमिताभ बच्चन नि:शुल्क शिक्षा देने वाली कोचिंग के संचालक बने थे।

अक्षय कुमार सुपरस्टार हैं, मगर 'पैडमैन' में वो एक ऐसे इंसान के रोल में दिखायी दे रहे, जिसे तब ही शोहरत मिली, जब पता चला कि अक्षय उसका रोल निभा रहे हैं। ये शख़्स हैं अरुणाचलम मुरुगनाथम, जो तमिलनाडु के छोटे उद्यमी हैं। अरुणाचलम ने कम क़ीमत के सेनिटरी पैड बनाने की शुरुआत की थी, जो महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी क़दम है। इस फ़िल्म को आर बाल्की ने डायरेक्ट किया है, जबकि राधिका आप्टे अक्षय की पत्नी के किरदार में दिखायी देंगी। फ़िल्म 9 फरवरी को रिलीज़ हो रही है।

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आमिर ख़ान 'दंगल' में रेस्लिंग चैंपियन और कोच महावीर फोगाट के रोल में थे। महावीर ने देश को मैडल दिलाने का सपना देखा और बेटियों को चैंपियन रेस्लर बनाया। महावीर के हीरोइज़्म को डायरेक्ट नितेश तिवारी आमिर ख़ान के ज़रिए पर्दे पर लाये। दंगल से पहले गीता और बबीता को तो लोग जानते थे, मगर महावीर फोगाट का नाम आम जनता के लिए नया था। 'माउंटेनमैन' दशरथ मांंझी की कहानी केतन मेहता लेकर आये। पहाड़ रास्ते में आने की वजह से दशरथ की पत्नी की जान चली गयी थी, दशरथ ने उस पहाड़ को ही काट डाला। सालों लगे, मगर दशरथ का हौसला बना रहा। दशरथ ने पत्नी की मौत के बाद अकेले पहाड़ काटकर जो रास्ता बनाया, वही उनका हीरोइज़्म है।

 

संदीप ए वर्मा की फ़िल्म 'मंजूनाथ' एक ऑयल कंपनी में काम करने वाले शख़्स की कहानी थी, जो पैट्रोल पंपों पर होने वाली मिलावट को उजागर करता है और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का दम दिखाता है, जिसकी क़ीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। हंसल मेहता की फ़िल्म 'शाहिद', लॉयर शाहिद आज़मी की बायोपिक फ़िल्म है, जिनकी 2010 में हत्या कर दी गयी थी। शाहिद आतंकवाद के आरोप में फंसे लोगों का केस लड़ते थे। फ़िल्म में राजकुमार राव ने टाइटल रोल निभाया था। 'नीरजा', फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोत की बायोपिक फ़िल्म है। राम माधवानी डायरेक्टेड फ़िल्म में सोनम कपूर ने टाइटल रोल निभाया। नीरजा ने प्लेन हाईजैक होने के बाद कई यात्रियों की जान बचायी थी। इसी कोशिश में उनकी जान चली गयी। नीरजा को इस हीरोइज़्म के लिए कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया।

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सिद्धार्थ रॉय कपूर ने पिछले साल अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की है, जिसके तहत उन्होंने कई फ़िल्मों के निर्माण का एलान किया था। इन्हीं में एक फ़िल्म विजेंद्र सिंह राठौर पर बनायी जा रही है। विजेंद्र ने 2013 में उत्तराखंड की बाढ़ में खोई अपनी पत्नी की तलाश 19 महीनों तक जारी रखी थी। सब कहते रहे कि वो मर चुकी होगी, अब नहीं मिलेगी। मगर, विजेंद्र ने सिर्फ़ अपने दिल की सुनी। आख़िरकार विजेंद्र का यक़ीन जीता और पत्नी मिलीं। इस दौरान विजेंद्र को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक दिक्कतों को सामना करना पड़ा, जो उन्हें हीरो बनाता है।