Akshay Kumar कम करना चाहते हैं अपनी फीस, बोले- ऑडियंस को समझने में बॉलीवुड कर रहा गलती, एक्सपर्ट ने कही ये बात
फिल्म इंडस्ट्री पिछले कुछ समय से फ्लॉप फिल्मों के दौर से गुजर रही है। इंडस्ट्री ने इतना बुरा समय शायद ही कभी देखा हो। ऐसे में अक्षय कुमार ने बॉलीवुड वालों से हो रही गलती पर खुल कर बात की।
By Jagran NewsEdited By: Karishma LalwaniUpdated: Sun, 13 Nov 2022 04:17 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। देशभक्ति के थीम पर बनी कई फिल्में करने के लिए फेमस अक्षय कुमार इन दिनों 'हेरा फेरी 3' में काम न करने को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने इस स्क्रिप्ट को क्यों रिजेक्ट किया, इसका कारण उन्होंने शेयर किया है। साथ ही बॉलीवुड में फ्लॉप हो रही फिल्में और कॉस्ट कटिंग पर भी अपनी बात रखी है। दिल्ली में एक कार्यक्रम में पहुंचे अक्षय ने बताया कि आखिर हिंदी फिल्मों से लोगों को रुझान अब क्यों कम होता जा रहा है।
अक्षय ने बताया कहां हो रही फिल्म इंडस्ट्री से गलती
इवेंट में अक्षय ने फिल्मों की लागत कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि वह इसके लिए भी अपनी फीस कम करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री अगर ऑडियंस का दिल जीतना चाहती है, तो उसे नए सिरे से सब कुछ शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'मेरे हिसाब से चीजें बदल गई हैं। दर्शकों को कुछ अलग चाहिए। हम लोगों को बैठकर सोचना चाहिए कि वह क्या चाहते हैं और उन्हें वह देना चाहिए। यह ऑडियंस की नहीं हमारी गलती है कि वह हमारी फिल्में देखने नहीं आ रही है।
हमने जो बनाया है, उसे तोड़ना होगा और फिर से शुरू करना होगा। सोचिए वे किस तरह का सिनेमा देखना चाहेंगे। मैं बिल्कुल अलग तरीके से शुरुआत करना चाहता हूं। और यही मैंने करना भी शुरू कर दिया है। महामारी के दौरान लोगों की पसंद तेजी से बदली है।'
30-40 फीसदी कम करना चाहता हूं फीस
फिल्मों के अनुसार, अक्षय कुमार के लिए 2022 कुछ खास नहीं रहा। उनकी रिलीज हुई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं कर पाईं। 'रक्षाबंधन' हो या 'सम्राट पृथ्वीराज', इस साल आई उनकी लगभग हर फिल्म फ्लॉप या एवरेज ही रही। हालिया रिलीज हुई 'थैंक गॉड' भी संघर्ष कर रही है। इस अनुभव से सबक लेते हुए अक्षय ने कहा 'बहुत सारी चीजें हैं जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। न सिर्फ एक्टर को बल्कि प्रोड्यूसर्स और थिएटर वालों को भी यह समझने की जरूरत है।
मैं आपको बताना चाहूंगा कि मैं 30 से 40 प्रतिशत तक अBigg Boss में अर्चना गौतम की दोबारा एंट्री पर शॉक हुए साजिद खान, भड़कीं प्रियंका ने कहा- शिव को भी बाहर निकालोपनी फीस कम करना चाहूंगा। थिएटर वालों को भी यह समझना होगा कि यह महंगाई का जमाना है। लोगों के पास एंटरटेनमेंट में पैसा लगाने के लिए लिमिटेड अमाउंट रहता है। और यह सिर्फ थिएटर्स की बात नहीं है। हम सभी को (फिल्म मेकिंग की कॉस्ट पर ध्यान देना होगा।'
टिकट प्राइस कम करने पर भी नहीं मिला था फायदा
जानकारी के लिए बता दें कि इस साल इंडियन फिल्म इंडस्ट्री ने टिकट प्राइस कम करने का एक्सपेरीमेंट किया था, जिसमें सफलता हाथ लगी थी। सितंबर में नेशनल सिनेमा डे के दिन कई फिल्मों को 75 रुपये में दिखाया गया था। इस बारे में मूवी बिजनेस एनालिस्ट अतुल मोहन ने दैनिक जागरण से स्पेशल बातचीत की। उन्होंने कहा कि प्राइस कम करने का बड़ा इम्पैक्ट ऑडियंस पर पड़ता है। टिकट रेट कम कर देने से थिएटर में ऑडियंस की संख्या बढ़ जाती है। यह एक अच्छा एक्सपेरीमेंट होता है लोगों को अपनी फिल्मों के लिए थिएटर तक लाने के लिए। पिछले कुछ 10-12 वर्षों में जब से मल्टीप्लेक्स का दौर आया है, तब से टिकट प्राइस का और महंगा होना और बड़े-बड़े कलेक्शन्स भी एक प्रभाव डालता है।