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Alia Bhatt की गंगूबाई काठियावाड़ी से लेकर श्रीदेवी की इंग्लिश-विंग्लिश तक, महिलाओं के हक पर बनीं ये फिल्में

Bollywood Films On Women Rights बॉलीवुड फिल्मों में ब्लैक एंड व्हाइट जमाने से महिलाओं के हक पर फिल्में बनती आई हैं। 1936 में आई फिल्म अछूत कन्या की बात करें या फिर गंगूबाई काठियावाड़ी की इन फिल्मों में महिलाओं के मजबूत रूप को बेहतरीन तरह से दर्शाया गया है।

By Tanya AroraEdited By: Tanya AroraUpdated: Wed, 04 Jan 2023 06:50 PM (IST)
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Sridevi English Vinglish These Bollywood Films on Womens Right.Photo Credit/Instagram
नई दिल्ली, जेएनएन। Bollywood Films On Women Rights: हिंदी सिनेमा में महिलाओं के हक पर शुरुआत से ही फिल्में बनती आई हैं। पुराने जमाने से लेकर आज के सिनेमा तक में एक्ट्रेसेज ने महिलाओं के अलग-अलग रूप को पेश किया है। ब्लैक एंड व्हाइट के जमाने में जहां अछूत कन्या जैसी फिल्मों ने फिल्मी पर्दे पर अपना एक प्रभाव छोड़ा, तो वही मदर इंडिया बनकर आईं नरगिस दत्त ने महिलाओं के रूप का एक मजबूत उदाहरण लोगों के सामने पेश किया। हालांकि बदलते वक्त और सिनेमा के साथ महिलाओं का स्वरुप और मुद्दे भी बदले। दर्शकों ने भी महिलाओं के हक पर बन रही फिल्मों पर खूब प्यार लुटाया। चलिए बिना देरी किए देखते हैं वह फिल्में जो वुमन राइट्स पर बनी हैं।

गंगूबाई काठियावाड़ी

आलिया भट्ट की साल 2022 में रिलीज हुई फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी साल की सबसे सफल फिल्मों में से एक थी। इस फिल्म में संजय लीला भंसाली ने एक मासूम सी लड़की के कमाठीपुरा की गंगूबाई बनने तक के सफर को बेहद ही शानदार तरह से दिखाया है। फिल्म में आलिया भट्ट ने 'गंगूबाई' का पावरफुल किरदार निभाया था, जो देह व्यापार करने वाली महिलाओं के बच्चों को समाज में इज्जत, हक और शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ती है। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ का आंकड़ा पार किया था और इस तरह के पावरफुल किरदार के लिए एक्ट्रेस की खूब तारीफ हुई थी।

थप्पड़

साल 2020 में रिलीज हुई तापसी पन्नू की फिल्म 'थप्पड़' साल 2020 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को भी क्रिटिक्स की सराहना मिली थी। फिल्म की कहानी एक ऐसी महिला की है, जो अपनी शादी-शुदा जिंदगी में वैसे तो काफी खुश है, लेकिन एक दिन उसका पति उसे भरी पार्टी में थप्पड़ मार देता है। जिसके बाद वह अपने आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ती है।

पैडमैन

महिलाओं के हक पर बनी एक और फिल्म को दर्शकों का खूब प्यार मिला था। आर. बाल्की के निर्देशन में बनी फिल्म 'पैडमैन' में भले ही अक्षय कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई थी, लेकिन वह इस फिल्म में महिलाओं की मूलभूत आवश्यकता सेनेटरी पैड के इस्तेमाल के लिए एक लड़ाई लड़ते हुए नजर आते हैं। आज भी कई रूलर एरिया ऐसे हैं जहां सेनेटरी पैड के इस्तेमाल को गलत माना जाता है। इस फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा सोनम कपूर और राधिका आप्टे मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में महिलाओं के बीच सेनेटरी पैड के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता फैलाई गई है।

मैरी कॉम

प्रियंका चोपड़ा की फिल्म 'मैरी कॉम' को उनके करियर की सबसे बड़ी सफल फिल्मों में से एक माना जाता है। ये फिल्म 'मैरी कॉम' की असल जिंदगी पर आधारित है। इस फिल्म में इस बात को बखूबी दिखाया गया था कि जब महिलाएं बॉक्सिंग जैसे स्पोर्ट्स में दिलचस्पी रखती हैं, तो उन्हें किस तरह के संघर्षों का सामना करना पड़ता है। फिल्म में प्रियंका चोपड़ा, दर्शन कुमार, सुनील थापा और जैकरी कॉफिन ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

कहानी

विद्या बालन की फिल्म 'कहानी' सस्पेंस से भरपूर तो थी ही, लेकिन इस फिल्म में बड़ी ही खूबसूरती से ये दिखाया गया है कि एक प्रेग्नेंट महिला को किस तरह से अपने पति की मौत की सच्चाई का पता लगाने के दर-दर भटकना पड़ता है। हालांकि वह अपनी समझदारी और सूझबूझ से कातिलों तक पहुंच जाती हैं। विद्या बालन बॉलीवुड की एक ऐसी एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने डर्टी पिक्चर से लेकर तुम्हारी सुलू तक कई फिल्मों को अपनी एक्टिंग के दम पर सिर्फ चलाया नहीं, बल्कि महिलाओं के मजबूत रूप को भी दिखाया।

इंग्लिश-विंग्लिश

बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार एक्ट्रेस श्रीदेवी आज भले ही हमारे बीच नहीं हों, लेकिन अपनी एक्टिंग के दम पर वह आज भी फैंस के दिलों पर राज करती हैं। उन्होंने भी फिल्मों में महिलाओं का एक मजबूत रूप दिखाया है। उनकी फिल्म 'मॉम' हो या फिर इंग्लिश-विंग्लिश उनके किरदार यादगार हैं। एक्ट्रेस ने फिल्म इंग्लिश-विंग्लिश में एक ऐसी मां की कहानी बताई थी, जिनके बच्चे बहुत ज्यादा एडवांस हैं और उन्हें बार-बार इंग्लिश न आने की वजह से शर्मिंदा होना पड़ता है। लेकिन वह बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए कैसे-कैसे इंग्लिश सीखने की कोशिश करती हैं इसे बड़ी ही खूबसूरती से दर्शाया गया है।

चक दे इंडिया

साल 2002 में आई शाह रुख खान की फिल्म 'चक दे इंडिया' ने सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड ही नहीं ब्रेक किया, बल्कि महिलाओं के स्पोर्ट्स खेलने को लेकर लाखों लोगों की सोच भी बदली। शमिती आमिन के निर्देशन में बनी चक दे इंडिया कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में भारतीय महिला हॉकी टीम को मिली गोल्‍डन जीत से प्रेरित है।

दामिनी

मिनाक्षी शेषाद्री की साल 1993 में रिलीज हुई फिल्म 'दामिनी' ने हिंदी सिनेमा और ऑडियंस के दिलों-दिमाग पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा। ये एक ऐसी महिला की कहानी है, जो अपने ही देवर को नौकरानी के साथ दुष्कर्म करते हुए देख लेती है और जब वह ये बात अपने परिवार को बताती है तो कोई उस पर यकीन नहीं करता और उसके खिलाफ हो जाता है। लेकिन सच्चाई की लड़ाई के लिए निकली दामिनी नौकरानी को इंसाफ दिलाने के लिए अपना ही घर छोड़ देती हैं, जिसमें वकील बने सनी देओल उनकी पूरी मदद करते हैं।

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