The Day After Tomorrow: 18 साल पहले इस हॉलीवुड फिल्म में दिखे थे अमेरिका के बर्फीले तूफान जैसे मंजर
The Day After Tomorrow Like Scenes in America Snow Storm अमेरिका में इन दिनों बर्फीले तूफानों ने कहर बरपाया हुआ है। ऐसे दृश्यों कुछ हॉलीवुड फिल्मों में नजर आते रहे हैं जिनमें मौसम के बिगड़े मिजाज की वजह से प्रलय जैसे हालात दिखाये गये थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। दूर-दूर तक जहां नजर जाये, बर्फ की सफेद चादर ही नजर आये। सड़क, घर, गाड़ी, रास्तों के ऊपर बर्फ की मोटी-मोटी परतें कुछ देर के लिए आंखों को सुहानी लग सकती हैं, मगर जिंदगी जब इस घनी बर्फ में धंस जाए तो जिस्म के साथ रूह भी कांप जाती है।
अमेरिका में फिलहाल ऐसे ही मंजर हर तरफ नजर आ रहे हैं। इस ऐतिहासिक बर्फीले तूफान की वजह से न्यूयॉर्क में आपातकाल की घोषणा कर दी गयी है। कई स्टेट हाइवे बंद किया जा चुके हैं। बर्फीले तूफान की गति 95 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा बतायी जा रही है। कनाडा की सीमा से लगे इलाकों में बर्फ की परत 50 इंच तक मोटी हो चुकी है। अगर आप हॉलीवुड फिल्मों के शौकीन हैं तो इतनी पंक्तियां पढ़ने के बाद जहन में एक फिल्म का नाम जरूर कौंधने लगा होगा- द डे आफ्टर टुमारो (The Day After Tomorrow)।
भारत से जुड़ी है डे आफ्टर टुमारो की कहानी
2004 में रिलीज हुई द डे आफ्टर टुमारो द कमिंग ग्लोबल सुपरस्टॉर्म नाम की किताब पर आधारित थी, जो 1999 में आयी थी। यह उस दौर की बेहद चर्चित और लोकप्रिय फिल्मों में शामिल है। इस फिल्म की कहानी मौसम में बदलाव के कारण आइस एज की सम्भावनाओं पर बुनी गयी थी।
भारतीय दर्शकों के लिए दिलचस्प पहलू ये था कि इस चेतावनी की शुरुआत भारत के नई दिल्ली से दिखायी गयी थी, जहां संयुक्त राष्ट्र के एक अधिवेशन में फिल्म का नायक जैक हाल क्लाइमेट चेंज से संबंधिक अपनी रिसर्च को सामने रखता है। कहानी को मौसम में अचानक बदलावों के बीच बिगड़े हालात और जैक की अपने परिवार को बचाने की कोशिशों के इर्द-गिर्द रखा गया था। फिल्म में इस किरदार को डेनिस क्वेड ने निभाया था।
उनके अलावा फिल्म में जेक गेलेनहाल, सेला वार्ड, एमी रोसम, इयान होम आदि ने प्रमुख किरदार निभाये थे। फिल्म में विजुअल इफेक्ट्स के जरिए दिखाये गये सैलाब और बर्बादी के दृश्य देखकर बदन में सिहरन होने लगती है। द डे आफ्टर टुमारो प्राइम वीडियो पर देखी जा सकती है।
2012 में दिखी धरती की कोर का तापमान बढ़ने की कहानी
2009 में एक और बेहद चर्चित डिजास्टर फिल्म आयी थी, जिसका शीर्षक 2012 था। इस फिल्म की कहानी भी मौसम में आये खतरनाक परिवर्तनों के कारण भूकम्प, ज्वालामुखी फटने और सूनामी जैसे हालात पैदा होने पर आधारित थी।
संयोग से इस फिल्म में दिखाये गये प्राकृतिक संकटों की शुरुआत भी भारत से ही दिखायी गयी थी। भारतीय एस्ट्रोफिजिसिस्ट अमेरिकी जियोलॉजिस्ट को बताते हैं कि धरती की कोर का तापमान बढ़ रहा है। फिल्म के क्लाइमैक्स में दिखाया गया है कि जमीन जलमग्न हो गयी है और लोगों को एक आर्कनुमा नाव में बिठाकर हिमालय की ओर ले जाता जाता है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी। यह फिल्म भी प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है।