Pathaan Controversy: उत्तर प्रदेश के संतों ने बनाया 'धर्म सेंसर बोर्ड', कहा- आस्था को ठेस पहुंचाया तो खैर नहीं
Dharam Censor Board देश में इन दिनों शाह रुख खान की फिल्म पठान पर विवाद गर्माया हुआ है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेले में संतों ने एक धर्म सेंसर बोर्ड की स्थापना की है।
By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeeUpdated: Fri, 20 Jan 2023 04:57 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Dharam Censor Board: शाह रुख खान की फिल्म पठान 25 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म की एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है। कुछ ही घंटों में पठान ने करोड़ रुपये की कमाई भी कर ली ये सब देखकर लगता है कि फिल्म पर बायकॉट ट्रेंड का कोई असर नहीं पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 'माघ मेले' में संतों ने एक 'धर्म सेंसर बोर्ड' की स्थापना की है जो अब फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री , वेब सीरीज और मनोरंजन के दूसरे माध्यमों में हिंदू देवी-देवताओं और संस्कृति के अपमान पर कड़ी नजर रखेगा।
धर्म संंसद की हुई स्थापना
हिंदू परंपराओं की मानहानि को रोकने के लिए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय सेंसर बोर्ड का गठन किया गया है। गुरुवार को जारी बोर्ड की गाइड लाइन में सेंसर बोर्ड की तर्ज पर मनोरंजन कंटेंट दिखाया जाएगा। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि इस बोर्ड में धर्म और संस्कृति से जुड़े कई दिग्गजों को शामिल किया गया है। फिलहाल वे खुद इस बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
माघ मेले में बड़ा फैसला
कोईमोई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि यह बोर्ड हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाले या संस्कृति को कोसने वाले वीडियो या ऑडियो के किसी भी फिल्मांकन या प्रसारण को रोकने के लिए एक मार्गदर्शक की तरह काम करेगा। इसके अलावा हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाली फिल्मों के निर्माण को रोकने के लिए बोर्ड उचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए सनातन संस्कृति को विकृत करने वाली फिल्मों, सीरियल्स और वेब सीरीज का निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।फिल्मों-वेब सीरीज पर रखी जाएगी नजर
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि इसे सेंसर बोर्ड और सरकार की मदद के लिए बनाया गया है। बोर्ड सीरियल और वेब सीरीज बनाने वाले सभी फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों से संपर्क कर उन्हें इस संबंध में सूचित करेगा। इसके बावजूद अगर ऐसी फिल्में और सीरियल बनाए गए जो "हिंदू विरोधी" और आस्था को ठेस पहुंचाना वाले होगे तो हिंदू समाज से उन्हें न देखने की अपील की जाएगी। साथ ही जरूरत पड़ने पर अपने तरीके से विरोध भी दर्ज कराया जाएगा।
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