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Amitabh Bachchan Birthday: पिता के पुश्तैनी गांव कभी नहीं गए बिग बी, उत्तर प्रदेश के इस जिले में है स्थित

यूपी के प्रतापगढ़ के रानीगंज इलाके में एक गांव है जिसका नाम बाबूपट्टी है। ये बिग बी यानी अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का पैतृक गांव है। हालांकि अमिताभ इस गांव में कभी नहीं आए हैं लेकिन उनके पिता हरिवंश राय बच्चन का जन्म यहीं हुआ था। गांव के लोगों को आज भी इंतजार है कि अमिताभ आएंगे और उनकी सुध लेंगे।

By Surabhi Shukla Edited By: Surabhi Shukla Updated: Thu, 10 Oct 2024 05:44 PM (IST)
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अमिताभ बच्चन कभी नहीं गए अपने पैतृक गांव

एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। क्या आप बाबू पट्टी का नाम सुना है? शायद नहीं? अगर हम आपसे कहें कि यह उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का एक छोटा सा गांव है तो शायद आपको थोड़ी क्लियरिटी मिले। अब अगर हम कहें कि ये सदी के महानायक का पैतृक गांव है तो शायद आप हमारा हिंट समझ जाएं। जी हां, ये गांव अमिताभ बच्चन का पुश्तैनी गांव है क्योंकि उनके पिता हरिवंश राय बच्चन का यहां जन्म हुआ था।

हालांकि बिग बी का यहां से कोई खास कनेक्शन नहीं है। वो बस अक्सर यहां आने की इच्छा कैमरे पर जता चुके हैं। हालांकि उनकी पत्नी जया बच्चन जरूर यहां आई हैं। जया ने वहां के लोगों से वादा भी किया था कि वो एक बार बिग बी को भी गांव लाएंगे लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं पाया है। जया बच्चन साल 2006 में उस दौरान यूपी के तत्कालीन सांसद अमर सिंह के साथ अपने ससुर के नाम से बने पुस्तकालय के उदघाटन करने के लिए यहां पहुंची थीं और तब उन्होंने अपने गांव के बुजुर्गों का आशीर्वाद भी लिया था।

11 अक्टूबर को अमिताभ अपना 82वां जन्मदिन मनाएंगे। इस खास मौके पर जानिए बिग बी के पैतृक गांव के बारे में...

क्या है अमिताभ बच्चन के पैतृक गांव का नाम?

बच्चन के पिता और प्रसिद्ध साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन के माता-पिता प्रताप नारायण श्रीवास्तव और सरस्वती देवी श्रीवास्तव बाबू पट्टी में ही अपने पैतृक घर में रहते थे।

  • 11 अक्टूबर 1942 में हुआ था बिग बी का जन्म
  • कभी भी पिता के गांव क्यों नहीं गए अमिताभ
  • कोयला विभाग में करते थे काम 

इसके बाद गांव के स्थानीय लोगों ने जया बच्चन को बाबू पट्टी लाने के लिए अमर सिंह को धन्यवाद दिया था और उनके लिए दीवार पर एक धन्यवाद संदेश भी लिखा था। लाइब्रेरी में जया बच्चन और अमर सिंह की एक लार्जर दैन लाइफ पेंटिंग रखी हुई है, जिसमें दीवार पर प्रसिद्ध 'अग्निपथ' कविता भी चित्रित है।

Amitabh Deewar Poster (Photo: Instagram)

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घर के पास एक लाइब्रेरी भी है

लाइब्रेरी के बगल में एक नीम का पेड़ है जिसका उल्लेख अक्सर स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन के साहित्यिक कार्यों में मिलता है। पेड़ पर एक छोटा सा मंदिर है, जिसे उनके परिवार के सदस्यों में से एक ने बनाया है।

Amitabh Deewar Poster (Photo: Instagram)

विकास के मामले में ये गांव आज भी बहुत पीछे है। यहां पर आज भी झोपड़ियां और कच्चे मकान देखने को मिलते हैं। गांव के लोगों को आज भी इंतजार है कि महानायक एक दिन उनसे मिलने जरूर आएंगे। अब ये कब होगा ये तो वक्त ही बताएगा।

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