इस सुपरस्टार ने शुरू किया था एडवांस बुकिंग का ट्रेंड, फिल्म देखने के लिए चक्का-जाम कर देते थे फैंस
हिंदी सिनेमा में एक ऐसा सुपरस्टार आया जिसने कामयाबी के सारे रिकॉर्ड तोड़े और दर्शकों का शहंशाह बन गया। असली एक्शन से लेकर काम के लिए पैशन तक कम वक्त में उस स्टार ने पूरी इंडस्ट्री पर कब्जा कर लिया। यही नहीं इसी सुपरस्टार ने भारत में एडवांस बुकिंग का ट्रेंड भी शुरू किया था क्योंकि उनकी फिल्मों के टिकट मिलना मुश्किल हो जाते थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कई बार जिस चीज को लोग कमजोरी समझ लेते हैं, वही कई बार आपकी ताकत बन जाती है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण खुद अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) हैं। एक दौर था, जब उन्हें उनकी भारी आवाज के लिए रिजेक्ट कर दिया जाता था, बाद में उसी आवाज के दम पर उन्होंने सिनेमा पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी।
रौबीली और भारी आवाज अमिताभ बच्चन की पहचान बन गई। फिल्मों में अभिनय के अलावा वह वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में भी उभरे। 11 अक्टूबर 1942 को प्रयागराज में जन्मे अमिताभ के पिता हरिवंश राय बच्चन कवि थे और मां तेजी बच्चन सोशल एक्टिविस्ट। फिल्मी बैकग्राउंड से न होते हुए उन्होंने अभिनय को अपना करियर चुना।
भारी आवाज के लिए हुए थे रिजेक्ट
अमिताभ बच्चन को हमेशा से फिल्मों में काम करने का शौक था। वह दिल्ली गए और ऑल इंडिया रेडियो (AIR) में न्यूजरीडर बनने के लिए ऑडिशन दिया, लेकिन भारी आवाज के चलते रिजेक्ट हो गए। बाद में उन्होंने थिएटर जॉइन कर लिया। कहा जाता है कि लंबी हाइट और भारी आवाज की वजह से उन्हें फिल्में तो नहीं मिलीं, लेकिन मृणाल सेन की नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म भुवन सोम में उन्हें वॉइस नरेटर का काम जरूर मिल गया।यह भी पढ़ें- Amitabh Bachchan Birthday: पिता के पुश्तैनी गांव कभी नहीं गए बिग बी, उत्तर प्रदेश के इस जिले में है स्थित
Amitabh Bachchan- IMDb
अमिताभ का बॉलीवुड में डेब्यू
भुवन सोम ने अमिताभ बच्चन के लिए फिल्म इंडस्ट्री के द्वार खोल दिए। फिर उन्हें पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी मिली। उन्होंने शुरू में सपोर्टिंग एक्टर बनकर कई फिल्मों में काम किया और फिर जंजीर में लीड एक्टर बनकर छा गए। इसके बाद उन्होंने दीवार और शोले जैसी फिल्मों में काम कर इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई।किसने शुरू किया एडवांस बुकिंग का ट्रेंड?
शायद ही आपको पता हो कि 70 से 90 दशक तक फिल्म इंडस्ट्री में सिर्फ अमिताभ बच्चन का राज रहा। जंजीर से एंग्री यंग मैन ने दर्शकों के बीच ऐसी छाप छोड़ी कि उनकी फिल्में देखने के लिए लोग घंटों सिनेमाघरों के बाहर लंबी कतारों में खड़े रहते थे। IMDb के मुताबिक, अमिताभ बच्चन के लिए ही 70 के दशक में एडवांस बुकिंग और अर्ली मॉर्निंग शोज का ट्रेंड शुरू हुआ था, क्योंकि उस समय लोग उनकी फिल्में देखने के लिए इतने बेताब थे कि वह सुबह 5 बजे से ही थिएटर्स के बाहर खड़े हो जाते थे। थिएटर्स के बाहर 2-3 किलोमीटर तक लाइनें लगती थीं और चक्का-जाम तक हो जाता था।दो हफ्ते पहले ही बुक हो गए थे सारे थिएटर्स
एक ब्लॉग में अमिताभ बच्चन ने खुलासा किया था कि शहंशाह (12 फरवरी 1988) फिल्म की ऐतिहासिक एडवांस बुकिंग हुई थी जो हिंदी फिल्म इतिहास में दोबारा नहीं हुई। फिल्म की रिलीज से दो हफ्ते पहले ही 1 फरवरी 1988 तक सभी सिनेमाघर बुक हो गए थे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। उस दौर में पहला शो देखने के लिए 20 हजार लोग गए थे। बॉलीवुड हंगामा के मुताबिक, फिल्म ने उस वक्त 6 करोड़ के करीब कारोबार किया था।अमिताभ बच्चन की बेस्ट मूवीज
अमिताभ बच्चन ने पांच दशक के करियर में कई बेहतरीन फिल्मों से सिनेमा को नवाजा है। जिन फिल्मों ने उन्हें अर्श से फर्श तक पहुंचाया, डालिए उस पर एक नजर...- जंजीर
- दीवार
- ब्लैक
- डॉन
- अग्निपथ
- पिंक
- सरकार
- शोले
- अमर अकबर एंथनी
- शराबी
- मोहब्बतें
- अभिमान
- नमक हलाल