Move to Jagran APP

बेंगलुरु में बसा है 'शोले' का 'रामगढ़', शूटिंग के लिए शहर से गांव तक बनाई गई थी सड़क, आज है टूरिस्ट स्पॉट

अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की पिक्चर शोले यादगार फिल्मों की लिस्ट में शामिल है। फिल्म की शूटिंग पूरी करने में लगभग ढाई साल का वक्त लगा। इसके लिए मुंबई से काफी दूर एक दूसरे शहर के गांव में सेट तैयार किया गया। जहां शोले का रामगढ़ गांव बसाया गया। फिल्म की शूटिंग की लोकेशन से जुड़ा ये किस्सा बेहद दिलचस्प है।

By Vaishali Chandra Edited By: Vaishali Chandra Updated: Thu, 18 Apr 2024 12:43 AM (IST)
Hero Image
कहां है 'शोले' का रामगढ़ ? (X Images)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। रमेश सिप्पी की शोले से कई दिलचस्प किस्से जुड़े हुए हैं। 1975 में आई इस आइकोनिक फिल्म अपने अभिनेताओं के साथ- साथ उस जगह को भी प्रसिद्ध बना दिया, जहां शूटिंग हुई थी। पूरी शोले की कहानी रामगढ़ नाम के गांव के इर्द- गिर्द बुनी गई थी। पूरी फिल्म में इस गांव को उत्तर भारत में स्थित दिखाया गया था, लेकिन असलियत सोच के परे है यानी हैरान करने वाली है।

यह भी पढ़ें- रंजीत ने ठुकरा दिया था शोले में 'गब्बर' का किरदार, इस वजह से स्वीकार नहीं किया सुपरहिट फिल्म में विलेन बनना

बस एक गांव और शोले

संजीव कुमार, धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, अमजद खान, हेमा मालिनी और जया बच्चन ने शोले में अहम किरदार निभाए है। फिल्म की कहानी दो दोस्तों जय और वीरू के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनका किरदार अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र ने निभाया है। दोनों को एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी क्रूर डाकू गब्बर सिंह को पकड़ने के लिए काम पर रखता है। इन सबके बीच एक कड़ी है, जो इन्हें पूरी फिल्में जोड़े रखती है और वो है रामगढ़ गांव।

कहां है शोले का रामगढ़ ?

शोले का रामगढ़ दक्षिण भारत में बसा है। ये कर्नाटक के बेंगलुरु के पास के एक शहर रामनगर के चट्टानी इलाके में है। इस क्षेत्र में फिल्म की शूटिंग करना आसान नहीं था। शोले के निर्माताओं को बेंगलुरु हाईवे से लेकर रामनगर तक, एक लंबी सड़क बनानी पड़ी थी, ताकि शूटिंग का सारा सामान और ट्रांसपोटेशन आसानी से हो सके। यहां तक कि शोले के रामगढ़ गांव को भी तैयार किया था, जिसे आर्ट डायरेक्टर राम येडेकर ने बनाया था।

जब बदल गया गांव का नाम

एक वक्त पर रामनगर के एक हिस्से का नाम कथित तौर पर डायरेक्टर के नाम पर 'सिप्पी नगर' रखा गया था। अब ये जगह प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट बन गई है। रामनगर जाने वालों को शोले के उन पहाड़ों पर भी घूमने का मौका मिलता है, जहां गब्बर सिंह और साथियों का अड्डा था। हालांकि, फिल्म के सीन इस गांव में नहीं शूट नहीं किए गए थे।

यह भी पढ़ें- Lok Sabha 2024: 'गुड्डी' से 'ड्रीमगर्ल' तक, फिल्मों के बाद इन अभिनेत्रियों ने सियासत में भी छुआ आसमान

ये जगह भी बनी शोले का हिस्सा

शोले के जेल और ट्रेन डकैती वाला सीन इस रामनगर गांव से बाहर शूट किया गया था। जेल के सेट को बॉम्बे के राजकमल स्टूडियो के पास बनाया गया था, ताकि सूरज की नेचुरल लाइट में शूटिंग की जा सके। वहीं, ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे गाने को पुणे और पनवेल के रास्ते में शूट किया गया था।