Throwback Thursday: अमिताभ और राजेश खन्ना के Duplicates को लेकर बनी थी 'नसबंदी', सरकार ने लगा दिया था बैन
Throwback Thursday बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन से लेकर शाह रुख खान सहित बड़े-बड़े सितारों के डुप्लीकेट हैं। कभी-कभी तो लोगों के लिए भी ओरिजिनल और डुप्लीकेट के बीच फर्क करना काफी मुश्किल हो जाता है। हालांकि 45 साल पहले एक फिल्म रिलीज हुई थी नसबंदी जिसमें सभी डुप्लीकेट्स ने काम किया था। नसबंदी को 1978 में रिलीज के साथ ही इंडियन सरकार ने क्यों बैन किया था पढ़ें किस्सा-
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। फिल्मी दुनिया में सितारों की शोहरत की छींटें अक्सर उनके हमशक्लों या डुप्लीकेट्स पर भी पड़ती रही हैं। अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, देवानंद से लेकर अनिल कपूर, शाह रुख खान और सलमान खान तक के डुप्लीकेट्स ने असली सितारों की तरह खूब मनोरंजन किया है। इनके हाव-भाव, रूप-सज्जा, शारीरिक भाषा, बोलने का ढंग ऐसा कि फर्क करना मुश्किल हो जाए।
रील्स के इस दौर में आप अक्सर ऐसे कलाकारों के वीडियो देखते होंगे, जो किसी नामी सितारे की फोटोकॉपी लगते हैं। एक दौर था, जब हिंदी सिनेमा में ये डुप्लीकेट कलाकार कभी कॉमेडी तो कभी अतिरिक्त ड्रामा क्रिएट करने के लिए इस्तेमाल किये जाते थे। छोटे शहर-कस्बों में इन डुप्लीकेट सितारों की अहमियत किसी स्टार से कम नहीं होती थी।
मगर क्या आपको मालूम है कि आज से लगभग 45 साल पहले एक फिल्म ऐसी भी आई थी, जो पूरी तरह डुप्लीकेट्स कलाकारों को लेकर बनाई गई थी। इसकी स्टार कास्ट में उस दौर के हर बड़े सितारे का डुप्लीकेट शामिल था।
हालांकि, नसबंदी विषय पर बनी इस सैटायर फिल्म को देखकर तत्कालीन सत्ता को बिल्कुल हंसी नहीं आई और इस पर बैन लगा दिया गया था। आज हम थ्रोबैक थर्सडे में आपको इसी फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें चार दिग्गज सितारों के डुप्लीकेट्स को लेकर पूरी फिल्म बना दी गई थी। क्या है पूरा किस्सा चलिए जानते हैं-
1978 में इस डायरेक्टर ने बनाई थी नसबंदी
अनिताव बच्चन-राकेश खन्ना (डुप्लीकेट्स के नाम) स्टारर साल 1978 में आई 'नसबंदी' एक व्यंग्यात्मक फिल्म थी। इसका निर्देशन उस दौर के मशहूर कॉमिक एक्टर आई एस जौहर ने किया था। जौहर इससे पहले नास्तिक और जय बांग्लादेश जैसी फिल्में बना चुके थे।
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'नसबंदी' की खासियत ये थी कि इस फिल्म में किसी भी हीरो को नहीं, बल्कि उस समय के सभी मशहूर कलाकारों के डुप्लीकेट्स को कास्ट किया गया था।
क्या थी फिल्म 'नसबंदी' की कहानी?
फिल्म की कहानी आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार के शासनकाल में लागू किये गये 'नसबंदी' अभियान पर आधारित थी, जिसे व्यंग्य के अंदाज में पेश किया गया था। 25 जून 1975 में जब पूरे देश में आपातकाल लागू किया गया था तो उस दौरान सरकार का 'नसबंदी' अभियान आलोचनाओं का शिकार रहा था।
इस अभियान का खौफ नागरिकों से लेकर इससे जुड़े लोगों पर भी छाया हुआ था। नसबंदी फिल्म में हर डुप्लीकेट किरदार कॉमेडी और व्यंग्यात्मक अंदाज में 'नसबंदी' के मामलों की छानबीन करता हुआ नजर आता है। यह फिल्म यूट्यूब पर देखी जा सकती है।
सरकार ने क्यों लगाया था 'नसबंदी' पर बैन?
21 जनवरी 1978 को 'नसबंदी' सिनेमाघरों में रिलीज तो हुई, लेकिन जल्द ही इस फिल्म को थिएटर से हटा दिया गया। इसकी वजह थी फिल्म में निर्देशक ने आपातकाल के दौरान सरकार की कार्यशैली पर व्यंग्य कसे थे। पहले से ही आम नागरिक आपातकाल की वजह से गुस्से में था।
ये व्यंग्य फिल्म सरकार की छवि को और ज्यादा खराब ना करे, इस वजह से मूवी को रिलीज के साथ ही बैन कर दिया गया। हालांकि, फिल्म जब होम वीडियो और टीवी पर आई तो उसने खूब सुर्खियां बटोरीं और बाद में इसे कल्ट फिल्म माना गया।
किस किरदार का फिल्म में क्या था नाम
दिलचस्प बात यह है कि क्रेडिट रोल्स में फिल्म की स्टार कास्ट के नाम भी असली सितारों के नामों से मेल खाते थे। जैसे, अमिताभ बच्चन के डुप्लीकेट का नाम फिल्म में अनिताव बच्चन था, राजेश खन्ना का राकेश खन्ना, शशि कपूर के डुप्लीकेट का नाम शाही कपूर था और मनोज कुमार के किरदार का नाम कन्नौज कुमार रखा गया था।
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