KBC 16: कोलकाता की दीप्ति को गुलाब का फूल देकर रोमांटिक हुए अमिताभ बच्चन, कही ऐसी बात, लोगों को याद आ गईं रेखा
फेमस रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति के 16वें सीजन में होस्ट अमिताभ बच्चन अपनी दरियादिली की वजह से चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने एक कंटेस्टेंट के इलाज का खर्चा उठाने का वादा किया जो उनके फैंस को काफी पसंद आया। अब एक बार फिर बिग बी ने अपनी एक अन्य फैन और केबीसी की कंटेस्टेंट का सपना पूरा कर उनका दिल जीत लिया।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 'कौन बनेगा करोड़पति' के हर सीजन में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का उनके कंटेस्टेंट्स के साथ अनोखा बॉन्ड देखने को मिलता है। हॉटसीट पर बैठने वाला हर इंसान बिग बी के सामने अपनी वह ख्वाहिश कहता है, जिसकी वह तैयारी कर आते हैं। इस सीजन में भी ऐसे कई पल देखने को मिले। मगर शुक्रवार का एपिसोड कुछ खास रहा।
बिग बी ने पूरा किया कंटेस्टेंट का सपना
शुक्रवार के एपिसोड में होस्ट अमिताभ बच्चन के सामने कोलकाता की दीप्ति सिंह हॉटसीट पर बैठीं। शानदार गेम खेलने के साथ ही उन्होंने बिग बी के साथ जमकर मस्ती भी की। दीप्ति ने कहा कि उनका इस शो में आने का सपना सच हो गया। इसी के साथ उन्होंने अपने एक और ड्रीम का खुलासा किया, जिसे बिग बी ने पूरा भी किया और एक ऐसी शायरी बोली, जिसे सुन लोगों को रेखा की याद आ गई।
कंटेस्टेंट दीप्ति ने अमिताभ बच्चन को गुलाब का फूल देकर उनके सामने अपनी इच्छा जताई। इसके बदले अमिताभ ने भी दीप्ति को गुलाब का फूल दिया। इस दौरान अमिताभ बच्चन अपने रोमांटिक अंदाज में दिखे। दीप्ति ने अमिताभ को अपने सपनों का राजा कहते हुए उन्हें गुलाब का फूल दिया। इसके बाद बिग बी ने सिलसिला फिल्म से रोमांटिक और शायराना डायलॉग बोलकर कंटेस्टेंट दीप्ति के चेहरे की मुस्कान और चौड़ी कर दी।
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अमिताभ ने सुनाई 'सिलसिला' की फेमस शायरी
अमिताभ बच्चन ने फूल देते हुए 1981 में आई 'सिलसिला' से रोमांटिक शायरी कही, जिसमें जया बच्चन और रेखा भी नजर आए थे। बिग बी ने कहा, 'हादसा बन के कोई ख्वाब बिखर जाए तो क्या हो, वक्त जज़्बात को तबदील नहीं कर सकता, दूर हो जाने से एहसास नहीं मर सकता... ये मोहब्बत है दिलों का रिश्ता... ये मोहब्बत है दिलों का रिश्ता। ऐसा रिश्ता जो सरहदों में कभी तबदील नहीं हो सकता.. तू किसी और की रातों का हसीन चांद सही, मेरे हर रंग में शामिल तू है.. तुझसे रोशन हैं मेरे ख्वाब मेरी उम्मीदें , तू किसी भी राह से गुज़र, मेरी मंजिल तू है।'