Sholay में जय नहीं इस कैरेक्टर पर आया था Amitabh Bachchan का दिल, सलीम-जावेद की वजह से टूटा सपना
रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म शोले हिंदी सिनेमा की यादगार फिल्मों में से एक हैं। 1975 में जब ये फिल्म रिलीज हुई थी उस समय ये हिट नहीं थी लेकिन बाद में शोले ने हिंदी सिनेमा में इतिहास रच दिया। अमिताभ बच्चन जब एक इवेंट में शामिल हुए थे तो उन्होंने खुद बताया था कि वह इस फिल्म में जय नहीं बल्कि कोई और किरदार निभाना चाहते थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 1975 में रिलीज हुई फिल्म 'शोले' इंडियन सिनेमा की सबसे यादगार फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में जय-वीरू के कैरेक्टर ने लोगों को दोस्ती का पाठ पढ़ाया, तो वहीं 'गब्बर' ने हर किसी के मन में डर पैदा किया। बसंती में भी अपनी 'धन्नो' संग मिलकर हर किसी का दिल जीत लिया था।
ये फिल्म आज भी जब टीवी पर आती है, दर्शक बड़े चाव से देखते हैं। इतना ही नहीं, इस फिल्म के डायलॉग्स आज भी लोगों की जुबान पर हैं।
हालांकि, आपको शायद ही ये बात पता होगी कि अमिताभ बच्चन इस फिल्म में 'जय' का किरदार निभाने में बिल्कुल भी इंटरेस्टेड नहीं थे, वह फिल्म 'शोले' में दूसरा किरदार निभाना चाहते थे, लेकिन सलीम जावेद ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया था।
अमिताभ बच्चन को 'शोले' में निभाना था ये किरदार
जिस सलीम-जावेद की वजह से अमिताभ बच्चन के हाथ में उनके करियर की सबसे बड़ी फिल्म 'दीवार' लगी थी, उन्होंने ने ही 'शोले' के समय पर उनका सपना तोड़ा था। बिग बी शोले में जिस किरदार को निभाना चाहते थे, वह था 'गब्बर' का।
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एक पुराने इवेंट के दौरान जब सदी के महानायक से ये सवाल पूछा गया था कि रमेश सिप्पी ने जब सबको स्क्रिप्ट सुनाई थी शोले की तो उस समय पर हर कोई गब्बर का किरदार निभाना चाहता था,उनमें से आप भी एक थे? जिसका जवाब देते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा,
"जब हमने कहानी सुनी थी, तो मैंने भी सलीम-जावेद से ये कहा था कि ये गब्बर की भूमिका मैं करना चाहता हूं, जितनों ने सुना सब फिल्म में 'गब्बर' ही बनना चाहते थे। अंत में रमेश जी ने कहा कि आप का किरदार जय का है, आप गब्बर का रोल नहीं करेंगे"।