देसी जॉनर की फिल्मों से बॉक्स ऑफिस के सरताज बने Anurag Kashyap, नेशनल अवॉर्ड जीतकर भी कर चुके हैं नाम
बॉलीवुड में हर तरह के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर हैं। यहां फैंस रोमांस दिखाने वाले करण जौहर (Karan Johar) हैं तो उसी रोमांस में देसी तड़का लगाने वाले अनुराग कश्यप भी हैं जो लीक से हटकर फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी मोस्ट पॉपुलर फिल्मों में गैंग्स ऑफ वासेपुर तो शामिल है ही लेकिन इसके अलावा भी उन्होंने कई धमाकेदार फिल्मों को बनाया और पेश किया है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Anurag Kashyap Birthday: डार्क और वायलेंट थीम वाली फिल्में बनाने के लिए फेमस अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) की सिनेमा की अपनी ही एक दुनिया है। उनकी फिल्में सलमान, शाह रुख जैसे बड़े स्टार्स को लेकर नहीं बनतीं, लेकिन जो बनती हैं, उसका कमाल बॉक्स ऑफिस पर इन सुपरस्टार्स की मूवीज से कम भी नहीं लगता।
10 सितंबर, 1972 को गोरखपुर में जन्में अनुराग कश्यप की फिल्मी जर्नी एक रोलर कोस्टर राइड की तरह रही है। वह 90 के दशक से हिंदी सिनेमा में एक्टिव रहे हैं और इस लाइन में भीड़ से हटकर अपनी पहचान बनाने के लिए उन्होंने मेहनत भी कुछ कम नहीं की। अपनी फिल्मों में अलग-अलग तरह के कॉम्पलेक्स कैरेक्टर्स डालने के लिए माहिर अनुराग कश्यप बी टाउन के समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म निर्माता में से एक हैं।
एक्टिंग में आजमा चुके हैं हाथ
अनुराग कश्यप की पहचान वैसे तो निर्देशक और निर्माता के तौर पर ज्यादा है, लेकिन वह एक्टिंग में भी अपना हुनर दिखा चुके हैं। उन्होंने नवाजुद्दीन सिद्दिकी की 'हड्डी' में प्रमोद अहलावत नाम के विलेन का किरदार निभाया था। इसके अलावा भी वह कुछ मूवीज में साइड रोल कर अपनी अदाकारी का हुनर दिखा चुके हैं। बहरहाल इस पोस्ट में हम बात करेंगे अनुराग कश्यप की टॉप 5 फिल्मों की, जिसने बॉक्स ऑफिस का गणित ही हिला डाला था। आज एक्टर का जन्मदिन है। ऐसे में हम आपको उनकी पांच उन फिल्मों के बारे में बताएंगे, जिसने उन्हें मालामाल कर दिया।गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012)
अनुराग कश्यप की बेस्ट फिल्मों की शुरुआत 2012 में आई 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से ही होती है। यह उनकी पहली फिल्म है, जिसने न सिर्फ उन्हें एक सक्सेसफुल डायरेक्टर के तौर पर स्थापित किया, बल्कि उन्हें जबरदस्त नाम और शोहरत भी दी। 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि इंडियन सिनेमा की टॉप क्लास फिल्मों में से एक मानी जाती है।
इस फिल्म की कहानी धनबाद में रहने वाले दो कोल माफियाओं पर आधारित है, जिनके परिवार के बीच सालों से दुश्मनी है। फिल्म खून खराबे, भ्रष्टाचार और वायलेंस के कंटेंट से भरपूर है, जिसने रिलीज के बाद कई अवॉर्ड अपने नाम किए।