Arshad Warsi: सेबी की कार्रवाई पर अरशद ने तोड़ी चुप्पी, बोले- मुझे और मेरी पत्नी को जरा भी ज्ञान नहीं
Arshad Warsi एक्टर अरशद वारसी (Arshad Warsi) और उनकी पत्नी मारिया गोरेट्टी (Maria Goretti) समेत 45 इकाइयों पर बड़ी सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने कार्रवाई की। वहीं अब एक्टर ने इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए एक ट्विटर किया।
By Aditi YadavEdited By: Aditi YadavUpdated: Fri, 03 Mar 2023 09:19 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Arshad Warsi: बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर अरशद वारसी (Arshad Warsi) और उनकी पत्नी मारिया गोरेट्टी (Maria Goretti) बीते दिनों एक बड़ी मुसीबत में फंसते नजर आए। सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने अरशद उनकी पत्नी समेत 45 इकाइयों पर बड़ी कार्रवाई की है।
एक्टर और उनकी पत्नी का नाम यूट्यूब चैनलों पर भ्रामक वीडियो अपलोड करने और निवेशकों को दो कंपनियों के शेयर खरीदने की सिफारिश करने से संबंधित में सामने आया हैं। ऐसे में अब सेबी ने एक साल तक शेयर बाजार की गतिविधियों में हिस्सा लेने से रोक लगा दी है। इसी बीच एक्टर ने इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए गुरुवार को ट्विटर पर एक पोस्ट भी शेयर किया था, जिसमे लिखा कि उन्हें और उनकी पत्नी को शेयर बाजार का कोई ज्ञान नहीं है।
एक्टर ने सोशल मीडिया पर शेयर किया पोस्ट
सेबी के रोक लगाने के बाद अरशद वारसी ने अपनी सफाई में लोगों से अनुरोध किया कि वे सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास न करें। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'कृपया आप जो कुछ भी खबरें पढ़ रहे हैं, उस पर विश्वास न करें। शेयरों के बारे में मारिया और मेरी जानकारी शून्य है। सलाह लेकर शारदा में निवेश किया और कई अन्य लोगों की तरह हमने भी मेहनत की सारी कमाई खो दी।Please do not believe everything you read in the news. Maria and my knowledge about stocks is zero, took advice and invested in Sharda, and like many other, lost all our hard earned money.
— Arshad Warsi (@ArshadWarsi) March 2, 2023
सेबी को जांच में क्या मिला
सेबी ने इस जांच में पाया कि कुछ व्यक्तियों ने इन वीडियो को अपलोड किया है, जिसमें निवेशकों को दो कंपनियों के शेयर खरीदने की सिफारिश की गई है, जिसमें झूठा दावा किया गया है कि असाधारण मुनाफा है। इस सारे मामले में सेबी ने कहा है कि दोषी पाए गए अरशद वारसी सहित कई यूट्यूबर्स निवेशकों को गुमराह करके अपना वॉल्यूम बढ़ा रहे थे।
महीने में 75 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे थे। बाजार नियामक ने यह भी पाया कि चैनल 'द एडवाइजर' और 'मनीवाइज' पर झूठी सामग्री वाले वीडियो को 3 करोड़ से अधिक बार देखा गया। यह झूठी सामग्री शेयर की कीमतों को बढ़ाने के लिए जारी की गई थी और वारसी और अन्य ने बढ़ी हुई कीमतों पर शेयरों को बेच दिया।
सेबी को मिली थी कई शिकायतें
खबरों की माने तो इस मामले में सेबी को कुछ शिकायतें मिली थीं, जिनमें यह आरोप लगाया गया था कि टेलीविजन चैनल साधना ब्रॉडकास्ट और नई दिल्ली स्थित शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट के शेयर में कुछ संस्थाओं द्वारा कीमतों में हेरफेर और शेयरों की बिक्री की जा रही थी। इन शिकायतों के बाद नियामक ने अप्रैल-सितंबर, 2022 के दौरान मामले की जांच की।