क्यों था लता मंगेशकर और आशा भोंसले में मनमुटाव, दोनों को अखरने लगी थी एक दूसरे से जुड़ी ये बात!
90 बसंत देख चुकी आशा भोसले की बच्चों सी मुस्कान हर किसी को लुभाती है तो वहीं उनके गाए गीतों की स्वरधारा हर दिल में उतर जाती है। छोटी सी उम्र में गायिकी में कदम रखने वालीं आशा भोंसले ने फिल्म इंडस्ट्री को कई बेहतरीन गाने दिए हैं। स्वरस्वामिनी आशा भोसले की जन्मतिथि (8 सितंबर) पर अनंत विजय का आलेख...
मुंबई न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। करीब छह दशक पहले एक फिल्म आई थी ‘तीसरी मंजिल’, जो मर्डर मिस्ट्री थी। इसमें एक लड़की की मौत होती है, जिसे आत्महत्या समझा जाता है। कहानी में कई दिलचस्प और रोमांचक मोड़ आते हैं और अंत में मौत का भेद खुलता है। इस फिल्म में शम्मी कपूर और आशा पारेख थीं और निर्देशक विजय आनंद और निर्माता नासिर हुसैन। फिल्म बेहद सफल रही थी। इसमें कलाकारों ने बेहद सधा हुआ अभिनय किया था।
इसके साथ कई संयोग जुड़े हुए बताए जाते हैं। इस फिल्म के बाद नासिर हुसैन और विजय आनंद ने कभी साथ काम नहीं किया। शम्मी और नासिर भी इस फिल्म के बाद साथ नहीं आए। इस फिल्म के गीतों ने भी ऐसी धूम मचाई थी कि छह दशक बाद भी उसके बोल युवाओं की जुबां पर है। ये वो समय था जब लता मंगेशकर गायकी की शीर्ष पर थीं और फिल्म में उनके गाने का मतलब फिल्म का हिट होना माना जाता था। लता मंगेशकर की लोकप्रियता के बीच हिंदी फिल्मों की दुनिया में एक ऐसी आवाज आई, जिसे संगीतकार राहुल देव बर्मन के हुनर ने वो ऊंचाई दी, जो आजतक बनी हुई है।
'नया दौर' के गानों से मिली पहचान
‘तीसरी मंजिल’ में आशा भोंसले और मोहम्मद रफी के गाए युगल गीत अमर हो गए। चाहे ‘ओ मेरे सोना रे सोना’ हो या ‘ओ हसीना जुल्फों वाली’ हो या ‘आ जा आ जा मैं हूं प्यार तेरा’। आज भी वेलेंटाइन डे पर ‘तीसरी मंजिल’ के ये गीत बजते ही हैं। ये पहली बार नहीं था कि आशा ने आर. डी. बर्मन के धुनों पर गीत गाए थे। इसके पहले ‘तीसरा कौन’ में भी दो गाने रिकार्ड किए गए थे, ‘अच्छा सनम कर ले सितम’ और ‘ओ दिलरुबा’, लेकिन न तो फिल्म चली और ना ही गानों को अपेक्षित सफलता मिली। इसके पहले आशा भोंसले को फिल्म ‘नया दौर’ के गानों से गायिका के तौर पर पहचान मिल चुकी थी।
यहां से शुरू हुए थे लता-आशा के मनभेद
जब ‘तीसरी मंजिल’ प्रदर्शित हुई और आशा भोंसले के गाए गीत बेहद लोकप्रिय हो गए तो लता और आशा के बीच तुलना होने लगी। तरह- तरह की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ा था। फिल्मी दुनिया से जुड़े कुछ लोग आशा और लता के बीच होड़ की बात भी फैला रहे थे। कुछ तो बात रही होगी कि दोनों बहनों के बीच दूरी या खिंचाव की खबरें आम होने लगी थीं।आशा की गनपत भोंसले के साथ शादी को लता ने पसंद नहीं किया था और मनभेद वहीं से आरंभ हो गए थे। पहले पति को छोड़कर जब आशा भोंसले अपने गले में संगीतकार ओ. पी. नय्यर की फोटो लगा लॉकेट पहनने लगी थीं, तो ये भी लता जी को पसंद नहीं आया था। काफी दिनों तक दोनों बहनों के बीच ये चलता रहा।