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Dadasaheb Phalke Awards: 60 के दशक की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस थीं Asha Parekh, इन फिल्मों में दी दमदार परफॉर्मेंस

Asha Parekh हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। अपने पूरे फिल्मी करियर में 90 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग का लोहा मनवा चुकी हैं। 30 सितंबर को उन्हें दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है।

By Karishma LalwaniEdited By: Updated: Fri, 30 Sep 2022 06:08 PM (IST)
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Photo Credit From Asha Parekh Fan Page
नई दिल्ली, जेएनएन। Asha Parekh Dadasaheb Phalke Award: 60 के दशक की टॉप एक्ट्रेस रहीं आशा पारेख को इंडियन सिनेमा में अपने कंट्रिब्यूशन के लिए दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड 2022 से नवाजा जा रहा है। आशा पारेख आज भले ही फिल्मों से दूर हैं, लेकिन आज भी उनकी एक्टिंग के आगे बड़ी-बड़ी हीरोइनें फेल हैं। फिल्मों में निभाए उनके किरदार आज भी याद किए जाते हैं। कभी उपकार में 'कविता' बन कर तो कभी प्यार का मौसम में 'सीमा' बनकर आशा पारेख ने अपनी अदायगी से लोगों का खूब मनोरंजन किया है। शम्मी कपूर से लेकर राजेश खन्ना तक, आशा पारेख को कई अभिनेताओं के साथ सिल्वर स्क्रीन पर पसंद किया गया। उनकी कई ऐसी फिल्में हैं, जो आज भी माइलस्टोन हैं। आशा की फिल्मों के गाने तक आज भी लोगों को मुंह जुबानी रटे रहते हैं। 

बचपन में शुरू की एक्टिंग

आशा पारेख ने सबसे पहले बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में अपना हुनर दिखाया था। आशा पारेख 10 वर्ष की थीं, जब 1952 में उनकी फिल्म 'मां' रिलीज हुई थी। इसके बाद 'बाप बेटी' में आशा ने अभिनय किया था। लेकिन क्योंकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर सकी, इसलिए फिल्मों से ब्रेक लेकर आशा पारेख ने पढ़ाई पर ध्यान देना जरूरी समझा। दो साल बाद वापसी करते हुए आशा पारेख ने लीड एक्ट्रेस के तौर पर डेब्यू किया। यह फिल्म थी नासिर हुसैन के निर्देशन में फिल्म दिल देके देखो।

पहली ही फिल्म से आशा पारेख ने हिट फिल्म का वो स्वाद चखा, जिसके लिए कई वर्षों तक एक्टर्स इंतजार करते हैं। इसके बाद तो जैसे कई फिल्मों की लाइन ही लग गई। आशा पारेख की 1970 में राजेश खन्ना के साथ आई फिल्म 'कटी पतंग' उनकी माइलस्टोन फिल्मों में शुमार है। इसके अलावा इस दिग्गज अभिनेत्री ने 'दो बदन', 'आन मिलो सजना', 'मेरा गांव मेरा देश', 'समाधि' सहित कई फिल्में कीं।

सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस

आशा पारेख बैक टू बैक कई फिल्मों में काम करती गईं। एक समय ऐसा आया जब वह फिल्म इंडस्ट्री की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस बन गईं। कहा जाता है कि 70 के दशक में एक फिल्म के लिए आशा पारेख इतनी फीस चार्ज करती थीं, जितनी कि एक हीरो भी नहीं करते थे। 60 से 80 के दशक तक आशा पारेख के पास फिल्मों की कमी नहीं थे। 1984 में उन्होंने अपने डेब्यू डायरेक्टर नासिर हुसैन की ही फिल्म 'मंजिल मंजिल' में कैमियो भी किया था।

'जुबली गर्ल' के नाम से फेमस थीं आशा पारेख

बॉक्स ऑफिस पर लगातार हिट पर हिट फिल्में देने के कारण आशा पारेख को 'जुबली गर्ल' के नाम से पुकारा जाने लगा। फिल्म 'जिद्दी', 'शिखर', 'आन मिलो सजना', 'चिराग' वह फिल्में थीं, जिसमें आशा पारेख ने खूब वाहवाही लूटी। इसी फिल्म के लिए उन्हें उनका पहला फिल्मफेयर नॉमिनेशन के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था।

आशा पारेख ने जीते कई अवॉर्ड

लंबे समय तक सिल्वर स्क्रीन पर राज करने वाली आशा पारेख को कई अवॉर्ड्स मिले हैं। उन्हें 1971 की फिल्म 'कटी पतंग' के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला है। 'मैं तुलसी तेरे आंगन की' और 'उधार का सिंदूर' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी आशा पारेख के नाम पर है। इसके अलावा एक्ट्रेस को 1992 में पद्मश्री, 2006 में सिनेमा में आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट के लिए इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवॉर्ड्स, 2007 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड सहित 30 से ज्यादा अवॉर्ड्स मिले हैं।

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