संजय दत्त और काजोल पर भारी पड़ा था Ashutosh Rana का ये किरदार, फिल्म ने रातोंरात बनाया स्टार
वैसे तो हिंदी सिनेमा में कितने ही विलन आए और गए लेकिन आशुतोष राणा ने अपने लिए जो जगह बनाई उसका कोई मुकाबला नहीं है। एक्टर ने स्क्रीन पर पहली बार साइकोपैथिक-किलर का किरदार निभाया और छा गए। इस रोल में वो इतना जमे कि देखने वालों की नजरे मुख्य किरदार से हटकर उनपर अटक गईं। उन्हें इसके लिए कई अवॉर्ड्स भी मिले।
एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। आशुतोष राणा को बॉलीवुड में सबसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं में गिना जाता है। 100 से अधिक फिल्मों के अपने करियर में उन्होंने संघर्ष, कर्म युद्ध और दुश्मन में अपने अभिनय कौशल का लोहा मनवाया और दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। अब इन सब फिल्मों में तनुजा चंद्रा द्वारा निर्देशित फिल्म 'दुश्मन' की बात ना आए ऐसा नहीं हो सकता।
हर तरफ हुई एक्टर की तारीफ
इस फिल्म में उन्होंने एक साइकोपैथिक-किलर गोकुल पंडित की भूमिका निभाई थी और इसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है। इस फिल्म में आशुतोष राणा लीड रोल में नजर आए एक्टर संजय दत्त और काजोल पर भी भारी पड़े थे। फिल्म के कई सीन्स में आशुतोष राणा का कोई डायलॉग नहीं था लेकिन अपने भावों से उन्होंने इसमें जान फूंक दी और दर्शकों के दिलों में सिहरन पैदा करने में कामयाब रहे।
आशुतोष ने पर्दे पर जादू बिखेरा
दुश्मन आशुतोष की पहली फिल्म थी जिसने इंडस्ट्री में उनकी मौजूदगी स्थापित की। ये फिल्म साल 1998 में रिलीज हुई थी। इसी के साथ ठीक अगले साल 1999 में संघर्ष रिलीज हुई जिसमें उनका किरदार कुछ इसी तरह का था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,गोकुल पंडित का किरदार इतना लोकप्रिय हुआ कि निर्देशकों ने इसी तरह के साइको-किलर किरदारों पर और फिल्में बनाना शुरू कर दिया। संघर्ष उसी का परिणाम थी और आशुतोष का ये किरदार वो जादू करने में कामयाब भी रहा। उन्हें पर्दे पर देखकर वाकई डर लगने लग जाता था।आशुतोष राणा को नेगेटिव रोल कैटेगरी में बेस्ट एक्टर के तहत इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड,जी सिने अवॉर्ड,सैनसुई व्यूअर्स च्वाइस अवॉर्ड और स्क्रीन अवार्ड मिला। इस फिल्म में काजोल ने सोनिया और नैना सहगल का डबल रोल किया था। जबकि संजय दत्त ने अंधे सैन्य अधिकारी मेजर सूरज सिंह राठौड़ की भूमिका में नजर आए थे।