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एक डाकू की दहलाने वाली कहानी... पर्दे पर उतरी तो मच गया बवाल, अभिनेता से सेट पर मिलने पहुंच था असली डकैत

30 Years Of Bandit Queen Movie डायरेक्टर शेखर कपूर ने 30 साल पहले एक ऐसी मूवी बनाई जिसमें न तो कोई बड़ा एक्टर था और न ही कोई नामी एक्ट्रेस। इस फिल्म में महिला के साथ झकझोर देने वाली घटना को दिखाया गया है जिसका बदला लेने के लिए बाद में वह डाकू बन जाती है। हिट फिल्में सुपरहिट किस्से में शेखर की बैडिंट क्वीन का जिक्र होगा।

By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Updated: Wed, 24 Jul 2024 06:39 PM (IST)
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बैंडिट क्वीन की रिलीज के 30 साल पूरे (Photo Credit-Jagran)

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। जुल्म के बदले की आग इंसान के दिल में जलती है तो यकीनन तौर पर वह कुछ कर गुजरने को तैयार रहता है। इसी भावना को दर्शाते हुए मिस्टर इंडिया के निर्देशक शेखर ने 30 साल पहले एक ऐसी फिल्म का निर्माण किया था, जिसकी कहानी ने हर किसी को झकझोर के रख दिया।

असली घटना पर आधारित शेखर की इस मूवी ने काफी सफलता हासिल की, लेकिन फिर भी इसे सिनेमाघरों में कुछ ही दिनों के अंदर बैन कर दिया गया। इस फिल्म का नाम 'बैडिंट क्वीन' है, ऐसे में आज हिट फिल्में, सुपरहिट किस्से में शेखर की बैडिंट क्वीन के बारे में विस्तार से बात की जाएगी।

'बैडिंट क्वीन' की रिलीज के 30 साल पूरे

3 दशक पहले शेखर कपूर की 'बैडिंट क्वीन' को साल 1994 में बड़े पर्दे पर रिलीज गया। इस फिल्म में अभिनेत्री सीमा बिस्वास, मनोज बायपेजी, गोविंद नामदेव, निर्मल पांडे और प्रदीप गुप्ता जैसे कलाकारों ने अहम भूमिका अदा की। चूंकि फिल्म के टाइटल से है ये मालूम पड़ता है कि इसकी कहानी एक महिला डाकू की है और वो बागी कोई और नहीं बल्कि फूलन देवी थीं।

डाकू फूलन देवी के साथ हुए अत्याचारों को 'बैडिंट क्वीन' के जरिए शेखर ने बखूबी तरीके से बड़े पर्दे पर उतारा। इस फिल्म को बनाना शेखर के लिए बड़ा साहसी कदम माना गया, जिसमें उस समय का कोई ज्यादा बड़ा नाम कलाकार नहीं था। आलम ये रहा कि क्रिटिक्स और फैंस 'बैडिंट क्वीन' की काफी प्रशंसा की।

सीमा बिस्वास बनीं फूलन देवी

महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की कहानी दिखाने वाली फिल्म 'बैडिंट क्वीन' में एक्ट्रेस सीमा बिस्वास ने डाकू फूलन देवी का किरदार अदा किया। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के एक गोरहा गांव में मल्लाह जाति के परिवार में फूलन का जन्म हुआ। 11 साल साल की उम्र में अधेड़ के शादी और 20 साल की उम्र में यौन शोषण जैसे कई जुल्म सहने के बाद फूलन ने हथियार उठा लिए और डाकू बन गईं।

बदले की आग में जलते हुए फूलने 22 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। उनकी कहानी को अदाकारा सीमा बिस्वास ने बड़े पर्दे पर बखूबी अदा किया। दूसरी ही फिल्म में जिस तरह से उन्होंने अपनी अदाकारी का छाप छोड़ी, उसे देखते हुए सीमा को उस समय कई लोग सच में उनमें फूलन देवी को देखने लगे थे।

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फिल्म के इस सीन को लेकर जमकर हुआ विवाद

फूलन देवी के साथ असल जिंदगी में गांव के उच्च वर्गीय मर्दों के जरिए किए गए कुकर्म के जुल्म को डायरेक्टर शेखर कपूर ने 'बैडिंट क्वीन' में बखूबी उतारा। इस मूवी में सीमा का एक न्यूड सीन दिखाया गया, जिसको लेकर खूब विवाद हुआ। इस सीन में सीमा को बिना कपड़ों के उन लोगों के लिए पानी भर के लाना था, जिन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया।

बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू में सीमा बिस्वास ने इस सीन के पीछे की कहानी को सुनाया और बताया-

इस सीन के लिए मैं राजी नहीं थी और इसके लिए मैंने शेखर से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं असली अत्याचार और दर्द के भाव के साथ इस सीन को फिल्माना चाहता हूं। इस वजह से ये सीन बेहद जरूरी है। चूंकि मैं इसके लिए तैयार नहीं हुई तो शेखर ने एक ट्रिक निकालते हुए मेरी जगह बॉडी डबल का इस्तेमाल किया। लेकिन सीन के शूट होने के बाद फिल्म की पूरी टीम खूब रोईं और मैं जितनी देर तक इस सीन का हिस्सा रही, उसके आधार पर मैं भी पूरी रात तक रोती रही।

मनोज बाजपेयी ने किया डेब्यू

मनोज बाजपेयी हिंदी सिनेमा के मंजे हुए कलाकारों में शुमार है। सत्या, शूल और गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्मों के लिए मशहूर मनोज ने 'बैडिंट क्वीन' के जरिए ही बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया।

इस फिल्म में मनोज ने डाकू मान सिंह का किरदार अदा किया। 'बैडिंट क्वीन' में कमाल के अभिनय के लिए मनोज ने काफी वाहवाही लूटी और इसके बाद बतौर कलाकार उनका फिल्मी करियर चमक उठा।

फिल्म के सेट पर सच में पहुंचा असली डाकू

'बैडिंट क्वीन' को एक दम हकीकत की पृष्ठभूमि पर उतारने के लिए शेखर कपूर ने असली बीहड़ की लोकेशन पर शूटिंग की। चजिस जगह 'बैडिंट क्वीन' की शूटिंग हो रही थी, उस समय वहां तत्कालीन डाकू मान सिंह भी एक्टिव था। इस बात का खुलासा मनोज ने फिल्म कंपेनियन को दिए एक इंटरव्यू में किया।

मनोज ने बताया- एक दिन सच में डाकू मान सिंह फिल्म के सेट पर आ पहुंचा और उन्होंने मुझसे मिलने के लिए, क्योंकि फिल्म मैं उनकी भूमिका अदा कर रहा था। वो मेरे साथ समय बिताते थे और एक दिन हम दोनों ने खूब शराब भी पी, लेकिन वह डाकू थे इसका डर उनसे मिलने के बाद मुझे नहीं लगा।

फूलन देवी ने किया फिल्म का विरोध

बेशक 'बैडिंट क्वीन' ने सफलता का स्वाद चखा लेकिन इस मूवी का असली डाकू फूलन देवी ने विरोध किया था। आईएमडीबी की रिपोर्ट के अनुसार फूलन का कहना था कि मेकर्स की इस तरफ से इस मूवी को देखने के लिए उन्हें सूचना नहीं दी गई थी।

सिर्फ इतना ही नहीं मूवी में कई सीन्स और घटनाएं ऐसे दिखाए गए थे, जो असली तथ्यों से मेल नहीं खाते थे। इस कारण 'बैडिंट क्वीन' को लेकर फूलन देवी खिलाफ थीं।

बॉक्स ऑफिस पर चला 'बैडिंट क्वीन' का जादू

बताया जाता है कि 'बैडिंट क्वीन' का बजट लगभग 3 करोड़ रहा। बिना मेगा स्टार के 'बैडिंट क्वीन' बॉक्स ऑफिस पर अपनी कहानी और कलाकारों के शानदार काम के दम पर सफल साबित हुई। आलम ये रहा कि इस फिल्म ने अपने बजट से 4 गुना अधिक कमाई कर बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी का परचम लहराया।

बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक 'बैडिंट क्वीन' ने करीब 14 करोड़ का कलेक्शन किया। हां ये मूवी और अधिक कारोबार भी कर सकती थी,लेकिन इसे कोर्ट की तरफ से जल्द ही बैन कर दिया गया।

कोर्ट ने सिनेमाघरों में 'बैडिंट क्वीन' को किया बैन

'बैडिंट क्वीन' हिंदी सिनेमा की सफल फिल्मों के साथ-साथ विवादित फिल्मों की सूची में शामिल है। फिल्म में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, जातिय भेद-भाव, न्यूड सीन और कई आपत्ति सीन्स की भरमार थी। इसके कारण 'बैडिंट क्वीन' का जमकर विरोध हुआ।

ऐसे में बढ़ते विरोध की वजह से कुछ ही दिनों के भीतर शेखर की इस फिल्म को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सिनेमाघरों में बैन कर दिया गया। हालांकि ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर आपको ये फिल्म देखने को मिल जाएगी।

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