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बांग्लादेश में पूजे जाते थे Chunky Panday, बॉलीवुड में ठोकर खाकर खुद को बनाया सुपरस्टार

बांग्लादेश (Bangladesh Protest) में आरक्षण की चिंगारी हद से ज्यादा भड़क गई है जिसकी वजह से देश में तख्तापलट हो गया है। लेकिन क्या आपको ये पता है कि हिंदी फिल्म एक्टर चंकी पांडे (Chunky Panday) और बांग्लादेश का बहुत पुराना नाता रहा है। 90 के दशक में चंकी ने वहां की फिल्म इंडस्ट्री में जमकर नाम कमाया था और रातोंरात सुपरस्टार बन गए।

By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Updated: Tue, 06 Aug 2024 05:44 PM (IST)
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बॉलीवुड के फेमस एक्टर चंकी पांडे (Photo Credit-Jagran)

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 90 के दशक में शाह रुख खान, सलमान खान (Salman Khan) और आमिर खान जैसे कलाकारों ने रोमांटिक हीरो के तौर पर सिल्वर स्क्रीन पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। दूसरी तरफ सनी देओल, सुनील शेट्टी, अक्षय कुमार और अजय देवगन (Ajay Devgn) जैसे कलाकारों ने अपने एक्शन का लोहा मनवा लिया था।

इसके अलावा कॉमेडी में गोविंदा की गूंज पूरी फिल्म इंडस्ट्री में जारी थी। लेकिन इन सबकी आंधी में कहीं न कहीं चंकी पांडे (Chunky Panday) नाम का वो अभिनेता कहीं खोकर रह गया, जो पर्दे पर अकेले ही एक्शन, कॉमेडी और रोमांस का हुनर रखता था।  हिंदी सिनेमा में जगह न मिलने पर चंकी ने बांग्लादेश (Bangladesh) फिल्म इंडस्ट्री की तरफ रुख कर लिया था। 

क्यों चंकी पांडे ने किया बांग्लादेश का रुख 

बांग्लादेश (Bangladesh Protest) में फिलहाल आरक्षण की आग भड़की हुई और उपद्रवी जमकर बवाल काट रहे हैं। कई भारतीय लोग अभी भी वहां फंसे हुए हैं और भारत आने की राह देख रहे हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब चंकी पांडे जैसे फिल्म कलाकार बांग्लादेश चले गए थे। 

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बात उस वक्त की है जब हिंदी फिल्मों में चंकी पांडे को मन मुताबिक काम नहीं मिला तो उन्होंने इंडस्ट्री से दूरी बनाने का फैसला लिया और किसी अन्य सिनेमा जगत में अपनी पहचान बनाने की कोशिश की और इस आधार पर उन्होंने बांग्लादेशी फिल्म इंडस्ट्री को चुना। इसको लेकर एक बार चंकी ने समाचार एंजेसी आईएएनएस (IANS) से बातचीत के दौरान बताया था- 

मैं जिस तरह की फिल्मों की तलाश में था, वैसा काम मुझको यहां (बॉलीवुड) नहीं मिल रहा था। मैं काफी हार चुका था और दिन पर दिन मेरा हौसला कमजोर पड़ने लगा था। मेरे दोस्त ने मुझे बांग्लादेश में काम करने को लेकर सलाह दी, वो भी उस वक्त जब मुझे पैसों की सख्त जरूरत थी। वहां पैसे भी अच्छे मिल रहे थे और मैंने वहीं किया। किस्मत अच्छी थी कि मेरी फिल्में वह चल पड़ीं।

इस तरह से चंकी पांडे ने बांग्लादेश फिल्म इंडस्ट्री में जाने की वजह बताई। कहा जाता है कि वहां के लोग चंकी की सुपरस्टार के तौर पर पूजा करने लगे थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया कि बांग्लादेशी सिनेमा जगत में उनका रुतबा अमिताभ बच्चन जैसा हो गया था। एक्टर सनी देओल भी फूल और पात्थोर जैसी बांग्लादेशी फिल्म में काम कर चुके हैं। 

बांग्लादेश का सुपरस्टार बन गए थे चंकी पांडे

1987 में हिंदी सिनेमा में आग ही आग फिल्म से डेब्यू करने वाले चंकी पांडे ने साल 1995 में पहली बार बांग्लादेशी फिल्म इंडस्ट्री में काम किया कदम रखा। उनकी पहली बांग्लादेशी फिल्म स्वामी केनो अशमी को रिलीज किया गया और वह सुपरहिट साबित हुई। बतौर लीड एक्टर उन्होंने इस इंडस्ट्री में 2-3 साल के भीतर करीब 6 मूवीज में काम किया और कमाल की बात ये थी कि उनकी सभी फिल्मों ने सफलता का स्वाद चखा था। 

आखिरी पास्ता के नाम से मशहूर चंकी पांडे

पुराने दौर के बाद मॉर्डने डे में चंकी पांडे को फिल्मों में कॉमेडी रोल के लिए काफी जाना जाता है। हालांकि, साहो जैसी फिल्म में नेगेटिव रोल अदाकर चंकी ने दमदार अभिनय दिखाया था। लेकिन अक्षय कुमार की कॉमेडी फिल्म फ्रेंचाइजी हाउसफुल के 'आखिरी पास्ता' के रूप में उन्हें आज हर कोई जानता और पसंद करता है।

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