Bappi Lahiri Birth Anniversary: मामा की वजह से पहुंचे मुंबई, एक साल में 180 गाने कम्पोज करने का बनाया रिकॉर्ड
Bappi Lahiri Birth Anniversary फेमस सिंगर-कंपोजर बप्पी लहरी ने लोगों को कई गानों से वर्षों तक एंटरटेन किया है। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है। इस मौके पर एक नजर डालते हैं उनसे जुड़ी उन बातों पर जिनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होगी।
By Karishma LalwaniEdited By: Updated: Sun, 27 Nov 2022 09:16 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। 'डिस्को किंग' के नाम से मशहूर बप्पी लहरी क म्यूजिक के लिए लगाव किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री और यूथ जेनरेशन को कई हिट नंबर से एंटरटेन किया है। बप्पी लहरी ने ऐसे गाने गाए हैं, जिन्हें आज भी याद किया जाए, तो वो नए और एनर्जेटिक ही लगते हैं। बप्पी लहरी को लोग प्यार से बप्पी दा कहकर बुलाते थे। आज इस दिवंगत सिंगर की बर्थ एनिवर्सरी है। इस मौके पर डालते हैं एक नजर उनकी ग्लोरियस लाइफ के कुछ किस्सों पर।
कम ही लोगों को जानकारी होगी कि बप्पी लहरी के नाम सबसे ज्यादा गानों को लिखने और गाने का रिकॉर्ड है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में उनका नाम इस बात के लिए दर्ज है। 1986 वह साल था जब बप्पी दा ने 9000 गाने लिखे थे। इसी साल कम से कम 33 फिल्मों में उन्होंने 180 गाने गाए थे।
45 भाषाओं में डब किया गया बप्पी दा का फेमस गाना
बप्पी दा की आवाज के दीवाने सिर्फ इंडिया में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है। उनके गाए सभी गानों में से 'जिमी जिमी आजा आजा' बहुत फेमस सॉन्ग है। यह गाना इतना पसंद किया गया कि इसे 45 विदेशी भाषाओं में डब किया गया था। यहां तक कि हाल ही में चाइना में कोविड-19 प्रोटेस्ट के लिए यह वहां का नया एंथम बन गया। गाने पर कई रील्स भी बनाए गए।बप्पी लहरी नहीं है असली नाम
बप्पी दा का असली नाम आलोकेश लहरी है। 1952 में वेस्ट बंगाल में क्लासिकल म्यूजिक से लगाव रखने वाले परिवार में उनका जन्म हुआ था। उनके पिता अपरेश लहरी फेमस बंगाली सिंगर थे। उनकी माता बनशोरी लहरी म्यूजिशियन- सिंगर थीं, जिन्हें क्लासिकल गानों और श्याम संगीत की बहुत अच्छी जानकारी थी।
माता-पिता से शुरू की म्यूजिक की ट्रेनिंग
बप्पी लहरी लीजेंडरी सिंगर्स की फैमिली से आते थे। उनके अंकल किशोर कुमार को कौन नहीं जानता। बप्पी दा ने तीन साल की उम्र से म्यूजिक की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी थी। उन्होंने म्यूजिक की शिक्षा अपने माता-पिता से ली थी। 19 साल की उम्र में पहला गाना गया था जो कि एक बंगाली फिल्म 'दादू' के लिए था। इसके बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए भी गाने गाना शुरू कर दिए।फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजे गए थे बप्पी लहरी
फिल्म इंडस्ट्री को सुनहरे गानों से सरोबर करने के लिए बप्पी लहरी को 63rd फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया था।