Varun Dhawan On Actor Fees: 'बवाल' एक्टर वरुण धवन ने ज्यादा फीस पर कहा- अच्छी कहानी हो तो फीस...
Varun Dhawan On Actors Fees वरुण धवन कहते है जब-जब मुझे अच्छे निर्देशकों के साथ काम करने का मौका और दर्शकों को खुश करने का अवसर मिलता है तो मैं बस उसी में खुश रहता हूं। वरुण धवन ने कई फिल्मों में काम किया है।
By Rupesh KumarEdited By: Rupesh KumarUpdated: Sun, 05 Feb 2023 06:14 PM (IST)
दीपेश पांडेय, मुंबई। Varun Dhawan On Actors Fees: पिछले कुछ समय से बाक्स आफिस पर हिंदी सिनेमा की चमक फीकी रहने के बावजूद वरुण धवन की फिल्में 'जुगजुग जीयो' व 'भेड़िया' दर्शकों को सिनेमाघरों में लाने में सफल रहीं। जी सिने अवार्ड-2023 की ट्राफी के अनावरण के बाद दिए साक्षात्कार में वरुण ने हिंदी सिनेमा में परिवर्तन की आवश्यकता और आगामी प्रोजेक्ट्स पर बात की दीपेश पांडेय से...
बतौर कलाकार पुरस्कार आपके लिए क्या महत्व रखते हैं?
मेरे हिसाब से अवार्ड्स आपको प्रशंसकों से जोड़कर रखते हैं। अगर आपका साल अच्छा रहता है, कोई फिल्म अच्छी रहती है, तो प्रशंसक चाहते हैं कि आप अवार्ड भी जीतें। कभी-कभी कोई फिल्म बाक्स आफिस पर नहीं चल पाती, लेकिन जब उसे अवार्ड समारोह में पहचान मिलती है तो टीम का उत्साहवर्धन होता है। फिर लोग उन्हें टीवी या डिजिटल प्लेटफार्म पर देखते हैं। अच्छी फिल्मों के लिए अवार्ड्स बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
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क्या फिल्मों की कार्यशैली में बदलाव या पुनर्विचार की आवश्यकता है?
यह शत प्रतिशत सही है कि पिछले साल ने हमें परिवर्तन की आवश्यकता का अनुभव कराया। 'जुगजुग जीयो' और 'भेड़िया' ने सिनेमाघरों में अच्छा प्रदर्शन किया। सफल रहीं, लेकिन वहां तक पहुंचने में हमें बहुत मेहनत लगी। तो हमें इस विषय में सोचने की आवश्यकता है कि अगर हमें अच्छी और मनोरंजक फिल्म बनानी है तो क्या करना चाहिए। फिलहाल तो मैं सिर्फ मसाला फिल्में करने के लिए उत्सुक हूं। मेरी उत्सुकता इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि पिछले कुछ समय से मैंने ऐसी फिल्में ज्यादा की नहीं हैं।
मसाला फिल्मों के बीच आप 'बदलापुर' और 'अक्टूबर' भी कर लेते हैं...
मुझे लगता है कि अब 'बदलापुर' और 'अक्टूबर' जैसी फिल्मेंिसनेमाघर के लिए बनाना मुश्किल है। आज लोग सिनेमाघर के लिए उस तरह की स्क्रिप्ट नहीं लिख रहे। अगर आपके साथ श्रीराम राघवन और शूजित सरकार जैसे निर्देशक हों, तो निश्चित तौर पर आप ऐसी फिल्में कर सकते हैं। हालांकि वे भी हर बार ऐसी फिल्में नहीं बनाते। मुझे लगता है कि आज के दौर मेंिसनेमाघर के लिए 'बदलापुर' और 'अक्टूबर' जैसी फिल्में करना मुश्किल है। निर्माता करण जौहर ने कलाकारों के ज्यादा फीस लेने और उस हिसाब से दर्शकों की भीड़ न जुटा पाने की शिकायत की थी।यह भी पढ़ें: रानी मुखर्जी से मिले थे Pervez Musharraf, पाकिस्तान आने के लिए किया था आमंत्रित