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Bhupen Hazarika Birth Anniversary : पीएम मोदी ने इस पुल को दिया है भूपेन हजारिका का नाम, दिग्गज संगीतकार के बारे में जानें ये खास बातें

हिंदी सिनेमा के मशहूर गायक गीतकार संगीतकार कवि और फिल्मकार भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम के सादिया में हुआ था। भूपेन हजारिका बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अपने गाने और संगीत से हिंदी सिनेमा और संगीत में अमिट छाप छोड़ी।

By Anand KashyapEdited By: Updated: Wed, 08 Sep 2021 07:38 AM (IST)
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हिंदी सिनेमा के मशहूर गायक, गीतकार, संगीतकार, कवि और फिल्मकार भूपेन हजारिका, तस्वीर, Twitter: @NahidAfrin1
नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा के मशहूर गायक, गीतकार, संगीतकार, कवि और फिल्मकार भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम के सादिया में हुआ था। भूपेन हजारिका बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अपने गाने और संगीत से हिंदी सिनेमा और संगीत में अमिट छाप छोड़ी। भूपेन हजारिका ने ऐसे कई गानें गाए हैं जो आज भी लाखों लोगों की पसंद हैं। संगीत के प्रति रूचि उनकी मां की वजह से हुई थी।

भूपेन हजारिका ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गुवाहाटी से की थी। इसके बाद उन्होंने बीएचयू से राजनीति शास्त्र की पढ़ाई की। कॉलेज से समय संगीत के प्रति उनकी रूचि और बढ़ गई। भूपेन हजारिका को बनारस में शास्त्रीय संगीत की संगत उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, कंठे महराज और अनोखेलाल से मिली। इसके बाद भूपेन हजारिका ने इस गायन विधा का उपयोग अपने असमिया गानों में किया।

शोधगंगा पर उपलब्ध गुवाहाटी विश्वविद्यालय के एक शोध से पता चलता है कि भूपेन हजारिका ने 1946 में केवल बीस वर्ष की उम्र में ही राजनीति शास्त्र में एमए पास कर लिया था। वह कहने को बीएचयू में राजनीति शास्त्र के छात्र थे, मगर उनका अधिकतर समय संगीत मंच कला संकाय में संगीत विधा सीखते बीतता था। 1946 के बाद असम में रेडियो से जुड़े भूपेन हजारिका छह माह बाद पीएचडी करने अमेरिका चले गए।

भूपेन हजारिका के बारे में कहा जाता है कि वह बचपन से काफी शर्मीले थे। अपनी डायरी में गाने लिखकर गुनगुनाया करते थे। महज 10 साल की उम्र में संगीत में रूचि रखने वाले दो लोगों ने नन्हे भूपेन हजारिका को गाते हुए सुना, जो उन्हें स्टूडियो लेकर गए। वहां से सफर शुरू हुआ और 1956 से भूपेन हजारिका ने असमिया फिल्में भी बनानी शुरू की, लेकिन संगीत से उन्हें शुरू से ही लगाव रहा था। गाने लिखने से लेकर कंपोज करने और गाने तक सारा काम भूपेन हजारिका ही करते थे। पूर्वोत्तर के फिल्म उद्योग भूपेन हजारिका का बड़ा योगदान रहा था।

उन्होंने पहली बार साल 1939 में आई फिल्म असमिया फिल्म इंद्रामाल्ती के लिए गाना गया था। इसके बाद भूपेन हजारिका ने कई असमिया फिल्मों के लिए गाने गाए और लिखे। लेकिन पूरे देश में भूपेन हजारिका को असली पहचान तब मिली, जब उन्होंने हिंदी फिल्मों में काम करना शुरू किया। बॉलीवुड में बतौर म्यूजिक कंपोजर भूपेन हजारिका की डेब्यू फिल्म आरोप थी, जो साल 1974 में आई थी।

फिल्म रूदाली का गाना ‘दिल हुम हुम करे’ गाने से लता मंगेशकर के साथ भूपेन हजारिका का नाम जुड़ा हुआ है। यह वही गाना है जो भूपेन हजारिका को आज भी अमर करता है। कहा जाता है कि इस गाने को इतना पसंद किया गया था कि बाकी फिल्मों के गाने इसके आगे महीनों तक नहीं टिक पाए थे। 2011 में आई फिल्म गांधी टू हिटलर उनकी बतौर कंपोजर उनकी आखिरी फिल्म थी। फिल्म जगत में इतने बेहतरीन काम की बदौलत भूपेन के नाम पर देश के सबसे लंबे पुल का नाम रखा गया। 26 मई 2017 को प्रधानमंत्री मोदी ने लोहित नदी के धोला घाट पर बने 9.3 किलोमीटर लंबे पुल का नाम भूपेन के नाम पर रखने की घोषणा की।