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बर्थडे पर बेटे अबराम संग फैंस से कुछ यूं मिले शाह रुख़ ख़ान, देखें तस्वीरें

मुझे स्टेट्स के नाम न सुनाई देते हैं, न दिखाई देते हैं। सिर्फ एक मुल्क का नाम सुनाई देता है- इंडिया!!

By Hirendra JEdited By: Updated: Sat, 03 Nov 2018 07:56 AM (IST)
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बर्थडे पर बेटे अबराम संग फैंस से कुछ यूं मिले शाह रुख़ ख़ान, देखें तस्वीरें
मुंबई। 2 नवंबर को बॉलीवुड के किंग ख़ान यानी शाह रुख़ ख़ान का जन्मदिन मनाया जाता है। इस साल शाह रुख़ ख़ान अपना 53 वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। गुरुवार देर रात से ही शाह रुख़ के जन्मदिन के मौके पर उनकी एक झलक पाने के लिए उनके घर पर फैंस जुटने लगे। शाह रुख़ ने भी इस मौके पर अपने फैंस को निराश नहीं किया और गुरुवार देर रात के बाद शुक्रवार दिन में भी वो अपनी बालकनी में निकले। उन्होंने हाथ हिलाकर और हाथ जोड़कर अपने फैंस का आभार जताया।

इस दौरान की जो तस्वीरें सामने आई हैं इन तस्वीरों में शाह रुख़ ख़ान बेहद यंग नज़र आ रहे हैं। शाह रुख़ पर उनकी उम्र का असर कहीं नहीं दिख रहा। आज भी वो वैसे ही लग रहे हैं जैसा 15 या 20 साल पहले लगते थे। बता दें कि उनके जन्मदिन के मौके पर ही उनकी आने वाली फ़िल्म ‘ज़ीरो’ का ट्रेलर आना है। यह फ़िल्म 21 दिसंबर को रिलीज़ हो रही है जिसमें उनके साथ कटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा जैसे स्टार्स भी हैं। बहरहाल, शाह रुख़ अपने जन्मदिन के मौके पर कुछ इस अंदाज़ में नज़र आये। उनके साथ उनके छोटे बेटे अबराम भी हैं! 

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2 नवंबर 1965 को दिल्ली में पैदा हुए शाह रुख़ ख़ान ने अपना करियर टीवी सीरियल से शुरू किया था। साल 1988 में उन्होंने 'फौजी' सीरियल से छोटे पर्दे पर डेब्यू किया था। इसके बाद शाह रुख़ ने 'सर्कस', 'इडियट', 'उम्मीद', 'वाघले की दुनिया' जैसे टीवी सीरियल्स में काम किया। बाद में वो दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हो गए जहां उन्होंने हेमा मालिनी की मदद से बॉलीवुड में एंट्री लेकर 'दिल आशना है' फ़िल्म में काम करना शुरू किया, लेकिन शाह रुख़ की डेब्यू फ़िल्म 'दीवाना' 1992 में रिलीज़ हुई। यह फ़िल्म दर्शकों को बेहद पसंद आई। इसमें उन्होंने एक्ट्रेस दिव्या भारती के साथ काम किया था। शाह रुख़ दिन रात मेहनत करने वाले स्टार हैं और आधी रात को जब वो अपने फैंस के सामने आये तब भी वो उर्जा और उत्साह से भरे नज़र आये, जो आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं! दूसरी तस्वीर गुरुवार देर रात की है। 

‘दीवाना’ से शुरू हुआ उनका सफ़र आज जिस मुकाम तक पहुंचा है यह अपने आप में एक मिसाल है! आज वो दुनिया भर में जाने जाते हैं और उन्होंने फ़िल्मों से इतर भी अपनी एक अलग पहचान बना ली है।

शाह रुख़ आज एक ब्रैंड का नाम है, शाह रुख़ आज एक रुतबे का नाम है, शाह रुख़ किसी व्यक्ति नहीं बल्कि एक करिश्मे का नाम है। अबराम के साथ शुक्रवार दोपहर की उनकी एक और तस्वीर आप नीचे देख सकते हैं! 

शाह रुख़ के फ़िल्मों के कुछ संवाद भी बेहद हिट रहे हैं। इनमें से कई संवाद तो आपको याद भी होंगे। आइये देखते हैं-

* हम एक बार जीते है, एक बार मरते हैं, शादी भी एक बार होता है और प्यार भी एक बार होता है... (फ़िल्म-दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे)

* प्यार दोस्ती है..( फ़िल्म- कुछ कुछ होता है)

* माय नेम इज़ ख़ान, एंड आई एम नॉट ए टेरोरिस्ट! ( फ़िल्म- माय नेम इज़ ख़ान)

* कहते हैं किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है.. (फ़िल्म- ओम शांति ओम)

* आज एक हंसी और बांट लो, आज एक दुआ और मांग लो, आज एक आंसू और पी लो, आज एक ज़िंदगी और जी लो, क्या पता- कल हो न हो! (फ़िल्म - कल हो न हो)

* प्यार तो कई लोग करते हैं. लेकिन, मेरे जैसा प्यार कोई नहीं कर सकता। क्योंकि किसी के पास तुम नहीं हो। (फ़िल्म - कल हो न हो)

*मैं आज भी उससे उतनी ही मोहब्बत करता हूँ और इसलिए नहीं की कोई और नहीं मिली पर इसलिए क्योंकि उससे मोहब्बत करने से फुर्सत ही नहीं मिलती। (फ़िल्म-मोहब्बतें)

* ज़िंदगी में कुछ बनना हो, कुछ हासिल करना हो, तो हमेशा दिल की सुनो और अगर दिल भी कोई जवाब न दे तो आंखें बंद करके अपनी मां और पापा का नाम लो..फिर देखना हर मंजिल पार कर जाओगे, हर मुश्किल आसान हो जायेगी! (फ़िल्म - कभी ख़ुशी कभी गम)

* राहुल, नाम तो सुना होगा! (फ़िल्म -दिल तो पागल है) * कौन कमबख्त बर्दाश्त करने के लिए पीता है, हम तो पीते हैं कि यहां पर बैठ सकें, तुम्हें देख सकें, तुम्हें बर्दाश्त कर सकें! (फ़िल्म -देवदास)

*बाबूजी ने कहा गांव छोड़ दो, सबने कहा पारो को छोड़ दो, पारो ने कहा शराब छोड़ दो, आज तुमने कह दिया हवेली छोड़ दो. एक दिन आएगा जब वो कहेंगे हवेली ही छोड़ दो (फ़िल्म -देवदास)

* बड़े बड़े देशों में छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं सेनोरिटा! (फ़िल्म - दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे)

*अगर ये तुम से प्यार करती हो तो पलट कर देखेगी.. पलट .. पलट... पलट.. (फ़िल्म - दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे)

* Don't underestimate the power of common man. (फ़िल्म - चेन्नई एक्सप्रेस)

* सत्तर मिनट, सत्तर मिनट हैं तुम्हारे पास..शायद तुम्हारी ज़िंदगी के सबसे ख़ास सत्तर मिनट.. (फ़िल्म - चक दे इंडिया)

* कभी कभी जीतने के लिए कुछ हारना भी पड़ता है और हारकर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं!(फ़िल्म- बाज़ीगर)

* डरे हुए लोग अक्सर अल्फाज़ों के पीछे छुपते हैं! (फ़िल्म- ऐ दिल है मुश्किल)

* हम शरीफ क्या हुए, पूरी दुनिया ही बदमाश बन गयी! (फ़िल्म -दिलवाले)

* आई लव यू...क क क क किरण (फ़िल्म - डर)

*मुझे स्टेट्स के नाम न सुनाई देते हैं, न दिखाई देते हैं। सिर्फ एक मुल्क का नाम सुनाई देता है- इंडिया!! (फ़िल्म - चक दे इंडिया)