जब ऋषिकेश मुखर्जी की 'आनंद' में कास्ट नहीं करने पर बुरी तरह खफा हुए थे धर्मेंद्र, रातभर किया था फोन
हिन्दी फिल्मों के पिछले 100 से भी ज्यादा के इतिहार में यूं तो कई नायाब फिल्म रहीं हैं और इन्हें निर्देशित करने वाले डायरेक्टर भी। पर कुछ नाम ऐसे हैं जिनकी फिल्मों के जिक्र के बिना बॉलीवुड का सफर अधुरा रहेगा जिसमें से एक हैं निर्देशक ऋषिकेष मुखर्जी।
By Ruchi VajpayeeEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 12:55 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। हिन्दी फिल्मों के पिछले 100 से भी ज्यादा के इतिहार में यूं तो कई नायाब फिल्म रहीं हैं और इन्हें निर्देशित करने वाले डायरेक्टर भी। पर कुछ नाम ऐसे हैं जिनकी फिल्मों के जिक्र के बिना बॉलीवुड का सफर अधुरा रहेगा, जिसमें से एक हैं निर्देशक ऋषिकेष मुखर्जी। दर्शकों को हंसाते-हंसाते रुलाने की हुनर अगर किसी में था तो वो थे ऋषि दा। 30 सितंबर, 1922 को कोलकाता में जन्में ऋषि दा का आज जन्मदिन है, तो हम आपको बताएंगे कि ऋषिकेश मुखर्जी अपनी कास्टिंग को लेकर इतने संजिदा थे कि वो इसके बीच दोस्ती, यारी, शिफारिश कुछ नहीं आने देते थे।
एक ऐसा ही किस्सा फिल्म 'आनंद' को लेकर फेसम है। जिसमें राजेश खन्ना ने एक बीमार व्यक्ति की भूमिका निभाई थी। ये फिल्म हम भी लोगों की फेवरेट है। पर बहुत कम लोगों को पता होगा कि राजेश खन्ना से पहले दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र ये फिल्म करना चाहते थेफिल्म सत्यकाम में डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी के साथ काम कर चुके धर्मेंद्र ने खुलासा किया कि उन्होंने आनंद की स्क्रप्ट फ्लाइट में सुनी थीं। और बताया कि वो इस फिल्म में काम करना चाहते थे। हालांकि, जब उन्हें पता चला कि राजेश खन्ना को फिल्म में कास्ट किया गया है, तो उन्होंने अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए ऋषिकेश मुखर्जी को कॉल भी किया था।
2019 में द कपिल शर्मा शो के एक एपिसोड के दौरान, धर्मेंद्र ने खुलासा किया, "ऋषिदा ने मुझे एक फ्लाइट में एक कहानी सुनाई थी, आनंद। बैंगलोर से आते समय, उन्होंने मुझसे कहा कि 'हम ये फिल्म करने जा रहे हैं। और बाद में, मुझे पता चला कि राजेश खन्ना के साथ मुख्य भूमिका में फिल्म शुरू हो गई थी।" कास्टिंग के बारे में जानने के बाद, धर्मेंद्र ने रात भर ऋषिकेश को फोन किया। "मैंने ऋषिदा को पूरी रात सोने नहीं दिया। मैंने उससे कहा, 'आप मुझे ये रोल देने जा रहे थे, आपने मुझे ये कहानी सुनाई, फिर तुमने राजेश खन्ना को ये फिल्म क्यों दी?' वह मुझसे कहते रहे, 'धरम, सो जाओ, हम सुबह बात करेंगे।' वह लाइन काट देते और मैं उसे वापस फोन करके पूछता, 'आपने उन्हें ये भूमिका क्यों दी?'। हालांकि ऋषिकेश और धर्मेंद्र आनंद में साथ काम नहीं कर सके पर उन्होंने बाद में उन्होंने चुपके चुपके और गुड्डी में काम किया।