Move to Jagran APP

Lok Sabha 2024: 5 साल सांसद रहने के बाद की थी सियासत से तौबा, अब शिवसेना के साथ आजमाएंगे राजनीति में किस्मत

Lok Sabha 2024 बॉलीवुड में इस साल कंगना रनोट से लेकर कई सितारे अलग-अलग पॉलिटिकल पार्टीज के साथ जुड़कर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। अब राजनीति को ज्वाइन करने वाले एक्टर्स में सुपरस्टार गोविंदा का नाम भी शामिल हो चुका है। उन्होंने हाल ही में एकनाथ शिंदे की शिवसेना पार्टी ज्वाइन की है। ये गोविंदा की राजनीति में दूसरी पारी है।

By Tanya Arora Edited By: Tanya Arora Updated: Thu, 28 Mar 2024 08:45 PM (IST)
Hero Image
शिवसेना के साथ गोविंदा आजमाएंगे राजनीति में किस्मत/ फोटो- Instagram
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा से प्यार करने वाला शायद ही कोई शख्स ऐसा होगा, जो 90 के दशक में गोविंदा के अभिनय का कायल नहीं होगा। सुपरस्टार गोविंदा ने अपने करियर में हीरो नंबर 1 से लेकर हद कर दी आपने, एक और एक ग्यारह, बड़े मियां छोटे मियां, आंटी नंबर 1, कुली नंबर 1 जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी हैं।

अभिनय की दुनिया में नाम कमा चुके गोविंदा ने साल 2004 में राजनीति की दुनिया में कदम रखा था। हालांकि, अभिनय की तरह राजनीति में उनकी पहली पारी हिट साबित नहीं हुई थी, जिसकी वजह से कुछ सालों के अन्दर ही सुपरस्टार एक्टर ने राजनीति को बाय-बाय कह दिया था।

अब एक बार फिर से गोविंदा राजनीति में अपनी दूसरी पारी खेलने जा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना पार्टी में शामिल होकर दोबारा राजनीति की दुनिया में एंट्री ली है।आ रही खबरों के अनुसार, गोविंदा उत्तर-पश्चिम मुंबई सीट से शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं, जिसमें वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को चुनौती दे सकते हैं।

गोविंदा ने कब और कौन से साल में राजनीति की दुनिया में कदम रखा था, किस पार्टी संग वह जुड़े हुए थे और क्यों उन्होंने इस्तीफा दिया था, चलिए जानते हैं।

साल 2004 में गोविंदा ने रखा था राजनीति में कदम

गोविंदा ने साल 2004 में अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी। उन्हें इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी की तरफ से लोक सभा के लिए चुना गया था। चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि उनका मेन फोकस ट्रांसपोर्टेशन, स्वास्थ्य और एजुकेशन के फील्ड की तरफ होगा। गोविंदा साल 2004 में सांसद बने थे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तर से जीत दर्ज की थी।

यह भी पढ़ें: Kangana Ranaut ने फ्लॉप फिल्मों की वजह से राजनीति में रखा कदम? एक्ट्रेस ने खुद बताई सच्चाई

2004 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता राम नाइक को पटखनी दी थी। हालांकि, गोविंदा की राजनीति में ये पारी ज्यादा लंबे समय तक नहीं चली। ऐसा माना जाता है कि लोकसभा सत्र के दौरान जब गोविंदा संसद के मेंबर थे, उस समय पर वह अक्सर पार्लियामेंट में अनुपस्थित रहते थे, जिसकी वजह से उनकी कड़ी आलोचना की जाती थी। मेंबर ऑफ पार्लियामेंट होने के साथ-साथ वह फिल्मों में भी अपना करियर कंटीन्यू कर रहे थे।

क्यों राजनीति को गोविंदा ने बोल दिया था अलविदा

एक दौर इंडस्ट्री में ऐसा आया, जब गोविंदा महज एक नाम बनकर रह गए थे, क्योंकि उनके पास फिल्मों का भी अकाल पड़ गया था। उनकी इस मुश्किल घड़ी में उनका हाथ थामा था सलमान खान ने, जिन्होंने उनके साथ साल 2007 में फिल्म पार्टनर में काम किया था। ये फिल्म परदे पर आई और सलमान खान और गोविंदा की जोड़ी को लोगों का भरपूर प्यार मिला।

इस फिल्म के हिट होने के बाद और फिल्मों में अपना करियर वापस ट्रैक पर आता हुआ देखकर उन्होंने ज्यादा फोकस अपनी फिल्मों की तरफ ही रखा और बतौर सांसद उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी।

20 जनवरी साल 2008 में गोविंदा ने पूरी तरह राजनीति छोड़कर अपने एक्टिंग करियर पर फोकस करने का निर्णय लिया। अब जब गोविंदा एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना से अपनी राजनीति में दूसरी पारी खेलने जा रहे हैं, तो ऐसे में देखना ये है कि वह इस क्षेत्र में नंबर 1 बन पाते हैं या नहीं।

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: इस बार लोकसभा चुनाव में, सितारे भी उतरे हैं मैदान में