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राजनीति के दिग्गजों को शिकस्त दे चुके हैं बॉलीवुड के ये सितारे, राजस्थान की बीकानेर सीट से 'वीरू' ने ठोकी थी ताल

एक्टर्स की राजनीतिक क्षेत्र के दिग्गज लोगों से दोस्ती नई बात नहीं है। कई सितारे ऐसे रहे हैं जिन्होंने करियर के पीक पर रहते हुए पॉलिटिक्स ज्वाइन की थी। कुछ ऐसे भी हैं जो सक्रिय राजनीति का हिस्सा हैं तो कुछ ने इसे छोड़ दिया। इस कड़ी में हम उन चुनिंदा सितारों की बात करेंगे जो राजनीति या इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन कभी पॉलिटिक्स में एंट्री ली थी।

By Karishma Lalwani Edited By: Karishma Lalwani Updated: Sun, 17 Mar 2024 05:36 PM (IST)
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अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, गोविंदा. फोटो क्रेडिट- जागरण
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Actors who Contested and Won Election: बॉलीवुड और राजनीति का हमेशा से गहरा नाता रहा है। इन दो विपरीत क्षेत्रों में कुछ लोगों की दोस्ती ऐसी है, जो अमर हो गई, तो कुछ को समय के साथ टूटने में देर नहीं लगी। इस कड़ी में कई सितारे ऐसे रहे हैं, जिन्होंने फिल्म लाइन में रहते हुए राजनीति में कदम रखा।

हेमा मालिनी (Hema Malini), धर्मेंद्र (Dharmendra Deol) सहित कई एक्टर्स हैं, जिन्होंने चुनाव लड़ा और फतह हासिल की। वहीं, कुछ सितारे ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने चुनाव जीतने के बाद भी पॉलिटिक्स को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। आज हम कुछ ऐसे ही सितारों की बात करेंगे, जिन्होंने पॉलिटिक्स में एंट्री की, चुनाव जीता, संसद भी गए, लेकिन कुछ समय बाद वापस अपने फिल्मी गलियारे में ही आ गए।

धर्मेंद्र

फैंस के 'ही-मैन' धर्मेंद्र बॉलीवुड के वह इकलौते एक्टर बताए जाते हैं, जिन्होंने राजस्थान से लोकसभा चुनाव में ताल ठोकी थी। 'शोले' फिल्म के बाद उनकी पॉपुलैरिटी जबरदस्त तरीके से बढ़ी थी। इसके बाद वह फिल्म इंडस्ट्री के नामी एक्टर्स में से एक बन गए। 

धर्मेंद्र ने एक से बढ़कर एक फिल्मों में अपनी अदाकारी का करिश्मा दिखाया है। साल 2004 में उन्होंने राजस्थान की बीकानेर सीट से ताल ठोंकी थी। वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतक संसद भी पहुंचे थे। लेकिन संसदीय क्षेत्र में मौजूद नहीं रहने पर उनकी काफी आलोचना हुई। शूटिंग में बिजी होने के कारण धर्मेंद्र अपनी संसदीय सीट पर ध्यान नहीं दे पाते थे। न ही कार्यवाहियों के लिए समय निकाल पाते थे। संसद से इस तरह उनका गायब रहना चर्चा में रहा था।

अमिताभ बच्चन

'वीरू' की तरह 'जय' अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) भी पॉलिटिकल लाइफ से अछूते नहीं रहे हैं। वह राजीव गांधी के अच्छे दोस्त थे। उनके कहने पर ही 1984 में बिग बी ने इलाहाबाद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह दो लाख वोटों से जीतकर यहां तक पहुंचे थे। सिलेब्रिटी स्टेटस सिम्बल और राजीव गांधी से अच्छे संबंध होने के चलते अमिताभ बच्चन की पॉलिटिक्स में एंट्री आसान हो गई थी।

बिग बी ने जैसा सोचा था, राजनीति में उनका अनुभव इसके उलट ही रहा। कुछ सालों की सेवा के बाद उन्हें यह समझ आ गया कि राजनीति उनके लिए नहीं है। लिहाजा चुनाव जीतने के तीन साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और फुल टाइम बॉलीवुड पर ही फोकस जारी रखा।

राजेश खन्ना

बॉलीवुड सुपरस्टार रहे राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने भी राजनीति में अपना लक आजमाया था। राजेश खन्ना ने 1991 में दिल्ली चुनावों में पर्चा भरा था। हालांकि, यहां पहली बार में वह हार गए थे। इसके अगले साल 1992 के उपचुनावों में राजेश खन्ना ने जीत दर्ज की थी। लेकिन उनका पॉलिटिकल करियर भी लंबा नहीं चला और उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली।

सुनील दत्त

सुनील दत्त (Sunil Dutt) उन चुनिंदा सितारों में से हैं, जिन्होंने एक्टिंग के साथ-साथ राजनीति में भी अपना कद ऊंचा किया। वह कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। 1984 में उन्होंने राम जेठमलानी को हराया था। पॉलिटिशियन बनने के बाद 1991 तक सभी चुनावों में वो जीतते रहे। संजय दत्त के विवादों में फंसने के कारण उन्होंने 1996 का चुनाव नहीं लड़ा। बाद में उनकी बेटी प्रिया दत्त राजनीतिक उत्तराधिकारी बनीं।

गोविंदा

कॉमेडी किंग कहे जाने वाले गोविंदा (Govinda) ने साल 2004 में राजनीति में एंट्री ली थी। एक्टर ने कांग्रेस के टिकट पर मुंबई की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। लेकिन 2008 में उन्होंने सियासत से किनारा कर लिया।

कहा जाने लगा कि पॉलिटिक्स में एंट्री के बाद गोविंदा अपने फिल्मी करियर पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे थे।

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