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बॉलीवुड की पहली अभिनेत्री जिसने खरीदी थी रोल्स- रॉयस कार, राज कपूर की एक हिट फिल्म बन गई थी करियर का काल!

हिंदी सिनेमा जगत में मधुबाला और नरगिस जैसी कई दिग्गज अदाकाराओं ने राज किया। भारत में सिनेमा के पनपने में इनका बड़ा योगदान रहा जिसे भुलाया नहीं जा सकता। कई ऐसी भी अभिनेत्रियां रही जिन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआत तो शानदार की लेकिन अचानक गायब हो गईं। फिर लौटी भी तो पहले वाला रुतबा न बना पाई। आज यहां एक ऐसी ही अभिनेत्री के बारे में बात करेंगे।

By Vaishali Chandra Edited By: Vaishali Chandra Updated: Mon, 06 May 2024 10:39 PM (IST)
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बॉलीवुड की इस एक्ट्रेस ने खरीदी थी पहली रोल्स-रॉयस कार, (X Image)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 1950 के दशक में इराक की राजधानी बगदाद से आई एक खूबसूरत लड़की मुंबई की जान हिंदी सिनेमा जगत में छा गई। जब अभिनेत्रियां रुपहले पर्दे पर सादगी भरे किरदार निभा रही थीं। उस वक्त इस लड़की ने बोल्ड और वैम्प वाले रोल अदा किए। ये कोई और नहीं 'मुड़ मुड़ कर न देख...' फेम नादिरा हैं, जिन्होंने बस चंद फिल्मों के साथ ही सिनेमाई दुनिया में शोहरत कमा ली।

नादिरा पर्दे पर अपने दमदार किरदारों के लिए जानी जाती थीं। अभिनेत्री असल जिंदगी में भी उतनी ही रौबदार थीं। यहां तक कि वो हिंदी सिनेमा की पहली एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने दुनिया की सबसे महंगी गाड़ियों में शामिल रॉल्स रॉयस खरीदी थी। आइए जानते हैं, बगदाद से आई इस खूबसूरत हसीना के बारे में...

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ईरान से आईं बॉलीवुड की नादिर

कातिल अदाओं वाली नादिरा 5 दिसंबर 1932 में बगदाद के एक यहूदी परिवार में जन्मी थीं। अभिनेत्री का असली नाम फ्लोरेंस एजेकिल था, लेकिन रुपहले पर्दे पर वो नादिरा के नाम से जानी गईं। जब गाना 'मुड़ मुड़ के ना देख...' आया था उस वक्त अभिनेत्री सिर्फ 23 बरस की थीं। उनकी खूबसूरती और नजाकत देखने वालों के दिलों में उतर गई। नादिरा फिल्मों में अपने बोल्ड किरदारों के लिए की वजह से फियरलेस नादिरा भी कही जाती थीं, लेकिन राज कपूर के साथ काम करने की उनकी जिद ने सब कुछ हमेशा के लिए बदलकर रख दिया। इस फैसले के कारण पहली ही फिल्म सुपरहिट देने वाली नादिरा हिंदी सिनेमा की खलनायिका बन गईं।

किसने दिया नादिरा नाम ?

नादिरा पहली बार 10 साल की उम्र में हिंदी फिल्म 'मौज' में नजर आई थीं। इसके बाद फिल्म 'आन' के साथ उन्हें इंडस्ट्री में कदम रखने के लिए ब्रेक मिला। इस फिल्म में नादिरा के अपोजिट लीड रोल में दिलीप कुमार थे। 'आन' का डायरेक्शन महबूब खान ने किया था। वो पहले फिल्म नरगिस को लेना चाहते थे, लेकिन अभिनेत्री उस वक्त राज कपूर की फिल्म 'आवारा' की शूटिंग कर रही थीं। ऐसे में महबूब खान की नजर बला की खूबसूरत नादिरा पर पड़ी, जो उस वक्त काम की तलाश में थीं। फिर क्या था महबूब खान ने उन्हें 'आन' में कास्ट कर लिया। उन्होंने ही फ्लोरेंस एजेकिल को नादिरा नाम दिया था।

पहली फिल्म बनी सुपरहिट

'आन' आते ही थिएटर्स में छा गई और बॉक्स ऑफिस पर शानदार बिजनेस किया। इसके बाद नादिरा ने 'वारिस', 'जलन', 'नगमा', 'डाक बाबू' और 'रफ्तार' समेत कई फिल्मों में काम किया, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि अचानक अभिनेत्री का करियर हिचकोले खाने लगा। उस दौरा में राज कपूर हिंदी सिनेमा के नामी डायरेक्टर थे। ऐसे में नादिरा उनके साथ काम करने की इच्छा रखती थीं।

जब नादिरा के आगे नरगिस पड़ीं फीकी

राज कपूर, नरगिस के साथ फिल्म 'श्री 420' बना रहे थे। इस फिल्म में काम करने के लिए नादिरा को भी ऑफर दिया, जो पहले से उनके साथ काम करना चाहती थीं। फिल्म में उन्हें नेगेटिव किरदार निभाना था फिर भी नादिरा मान गईं। 1956 में रिलीज हुई 'श्री 420' में नादिरा एक क्लब डांसर के किरदार में नजर में आईं। फिल्म में उन्होंने शानदार अदाकारी की। यहां तक कि नरगिस भी उनके आगे फीकी पड़ गईं, लेकिन ये फिल्म नादिरा के लिए काल साबित हुई।

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राज कपूर ये फिल्म बनी काल

नादिरा को 'श्री 420' के बाद कई फिल्में ऑफर हुई, लेकिन हर फिल्म में वही 'माया' जैसा नेगेटिव किरदार शामिल था। 1956 के बाद अगले कुछ सालों तक नादिरा नेगेटिव रोल के कारण ज्यादातर फिल्में ठुकराती चली गईं और इस बीच उनकी गिनती की ही फिल्में आईं। फिर 1965 में नादिरा रुपहले पर्दे से मानों गायब ही हो गई। हालांकि, बाद में उनकी वापसी हुई, लेकिन छोटे-मोटे किरदार ही उनके हाथ लगे। अब नादिरा सिर्फ एक साइड एक्टर बनकर रह गई थीं।