Bollywood News: 'अकेलेपन ने मुझे प्रभावित किया है', रणवीर और दीपिका को लेकर करण जौहर ने कही बड़ी बात
करण जौहर बोले कि हमारा काम ऐसे है कि जब हम कोई इंटरव्यू देते हैं या किसी प्रोडक्ट का प्रचार करते हैं तो अपनी कमजोरियों को छिपाते हैं। एक समय बाद अनुभव आने पर अहसास होता कि अपनी जिंदगी के किसी हिस्से के बारे में साझा करना अब इतना डरावना नहीं है। मैंने 43 साल की उम्र में किताब लिखी थी जिसमें मेरी जिंदगी से जुड़ी 80 प्रतिशत चीजें थी।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Wed, 06 Dec 2023 05:00 AM (IST)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अपने चैट शो काफी विद करण में सितारों से उनकी जिंदगी के जुड़े कई अनकहे पहलुओं पर बातें करने वाले फिल्मकार करण जौहर अपनी जिंदगी के बारे में भी खुलकर बातें करने से नहीं हिचकिचाते हैं। अपने शो के एक एपिसोड में उन्होंने स्वीकार किया था वह भी अवसाद और निराशा का शिकार हुए थे। सोमवार को मुंबई में अपने शो की प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए।
इस दौरान अवसाद और निराशा पर उन्होंने कहा कि यह सुनियोजित नहीं था, स्वाभाविक तौर पर अपने आप हो गया। दीपिका और रणवीर का वीडियो देखकर मुझे लगा कि मुझे भी अपने बारे में लोगों से साझा करना चाहिए। साल 2016 में मुझे अहसास हुआ कि मैं अवसाद और निराशा से गुजर रहा हूं। कुछ दिनों में आप थोड़े बेहतर होते हैं, लेकिन वह परिस्थितियां दोबारा वापस आ जाती हैं।आगे बोले कि मेरे लिए भी इस साल के शुरुआत में वह परिस्थितियां दोबारा वापस आई। ऐसी स्थिति में सबसे पहले आप उसे संज्ञान में लेते हैं फिर उसके उपचार पर काम करते हैं। यह किसी के भी साथ हो सकता है। निराशा और अवसाद मेरी जिंदगी का हिस्सा थे और आज भी हैं। मुझे यह कहने में कोई डर नहीं है कि मेरी दवाएं चल रही हैं। मैं पहले से ज्यादा बेहतर महसूस कर रहा हूं, क्योंकि मैंने विशेषज्ञों की मदद ली।
वर्षों से है अकेलापन
इस दौरान करण ने अपने सिंगल होने और जिंदगी में जीवनसाथी की कमी पर भी बात कई। उन्होंने कहा, ‘हमारा काम ऐसे है कि जब हम कोई इंटरव्यू देते हैं या किसी प्रोडक्ट का प्रचार करते हैं, तो अपनी कमजोरियों को छिपाते हैं। एक समय बाद अनुभव और समझदारी आने पर अहसास होता कि अपनी जिंदगी के किसी हिस्से के बारे में साझा करना अब इतना डरावना नहीं है। मैंने 43 साल की उम्र में किताब लिखी थी, जिसमें मेरी जिंदगी से जुड़ी 80 प्रतिशत चीजें थी।
उन्होंने कहा कि मेरे दो बच्चे हैं, जिनकी देखभाल मैं अपनी मां के साथ कर रहा हूं न कि अपने पार्टनर के साथ। इसका मतलब मेरी जिंदगी में अकेलापन है और यह अकेलापन ढेर सारे काम से भरा है। मैं इतना सारा काम करने की कोशिश कर रहा हूं, जिनके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था। जब आप सिंगल होते हैं तो अकेलापन महसूस करते हैं। इससे ध्यान हटाने के लिए आप अलग-अलग चीजें करते हैं।
कई लोगों को लगता है कि अच्छी दोस्ती और परिवार एक गंभीर और रोमांटिक रिश्ते की कमी को पूरा कर सकती हैं, लेकिन उसकी जगह और कुछ नहीं ले सकता है। यह अकेलापन आपको प्रभावित करता है। इसने मुझे भी प्रभावित किया है, मैं पिछले कई वर्षों से किसी रिलेशनशिप में नहीं रहा हूं और यह सिर्फ मैं जानता हूं कि कैसे महसूस होता है।’