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'चिट्ठी आएगी हमेशा याद दिलाएगी...' Pankaj Udhas के निधन पर भावुक हुए Mahesh Bhatt

Pankaj Udhas Passes Away पंकज उधास (Pankaj Udhas) तो चले गए लेकिन लाखों लोगों की आंखें नम कर गए जिसमे उनके फैंस से लेकर परिवार वाले और कई फिल्मी सितारें भी शामिल है । सोशल मीडिया पर हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है । इस बीच अब अनु मलिक और महेश भट्ट ने भी उन्हें याद किया है।

By Jagran News Edited By: Aditi Yadav Updated: Mon, 26 Feb 2024 11:01 PM (IST)
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महेश भट्ट और पंकज उधार (Photo Instagram)
 स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई।  Pankaj Udhas Passes Away: फिल्म नाम का जिक्र होगा तो चिट्ठी आई है आई है.. गाने का जिक्र होना लाजमी है। पंकज उधास (Pankaj Udhas) की मधुर गायिकी, उनकी सादगी और मुस्कुराहट जरूर याद आएगी। सादगी उस फिल्म की पहचान थी। वहीं पहचान पंकज उधास की भी थी। यह फिल्म का अहम लम्हा था, जहां पर हीरो का हृदय परिवर्तन होता है।

वह भी अपने घर लौटने की इच्छा रखता था। आनंद बख्शी ने भावनाओं को शब्दों में उतारा था। पंकज ने उस दर्द को समझा था। वह दुनियाभर के अलग-अलग देशों में यात्रा करते थे।  देश से दूर रह रहे लोगों की भावनाओं को समझते थे।

यह कहना है नाम फिल्म के निर्देशक महेश भट्ट का। इस गाने ने पंकज को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया था। गाने से जुड़ी यादों को साझा करते हुए वह कहते हैं कि वह दौर मोबाइल फोन का नहीं था। चिट्ठी की अहमियत बहुत थी। घर से दूर रहने वाले अपना हाल-चाल चिट्ठी के माध्यम से ही व्यक्त करते थे। कहीं न कहीं उस गाने की यूनिवर्सल अपील थी।

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पहले गाना टैक्सी ड्राइवर को सुनाया था

हमें लगा था कि यह गाना सिर्फ पंकज से ही गवाना चाहिए। एक काल्पनिक कहानी में लम्हा वास्तविक था। फिल्म में एक दृश्य है, जहां पर पंकज उधास का एक कार्यक्रम होता है और उसमें हमारी फिल्म के पात्र गए हैं। उसका लुत्फ लेने। मुझे याद है कि जब यह गाना पहली बार रिकार्ड होकर आया था तो एक टैक्सी ड्राइवर को मैंने सुनाया था, जो उत्तर प्रदेश का था। उसने गाना सुनकर गाड़ी रोक दी थी। उसने कहा कि आज हम आपसे किराया नहीं लेंगे। यह गाना सुनाकर आपने हमारा दिल जीत लिया है। वह गाने को सुनकर बेहद भावुक हो गया था। यह पंकज की आवाज का ही कमाल था। इससे ज्यादा दाद कोई और दे नहीं सकता।  पंकज के जाने से गजल गायकी की दुनिया को काफी क्षति हुई है।

उनकी आवाज हमेशा अमर रहेगी- महेश भट्ट

महेश कहते हैं कि गजल गायिकी की दुनिया में पंकज का बहुत अहम योगदान है। उन्होंने कहा, जब फिल्म चल जाती है तो उससे नया कलाकार पैदा होता है। जैसे संजय दत्त का 'नाम' फिल्म से पूनर्जन्म हुआ था। चिट्ठी आई है.. गाने के साथ संजय दत्त और पंकज उधास का चेहरा याद आता है। फिल्म याद आती है। भले ही अब तकनीक ने अपनों की दूरी को कम कर दिया, लेकिन उस दौर को दर्शाता है, जब भावनाओं को व्यक्त करने का यह बेहतरीन जरिया होती थी। वह भले ही चले गए, लेकिन आवाज हमेशा अमर रहेगी।

नायाब इंसान थे पंकज

अनु मलिक ने पंकज जी को याद करते हुए कहा कि, वह तो एक नायाब इंसान है गजल के ¨किंग थे। उनके वन लाइनर्स बहुत अच्छे होते थे। जब मैंने उनके साथ पहली बार काम किया तो उन्होंने मुझे गले लगाया और कहा कि बहुत अच्छा, बहुत आगे जाओगे। हमने संगीत की दुनिया में एक चमकता सितारा खो दिया। जब मैंने उनके साथ होठों पर तेरा नाम है। गाना रिकॉर्ड किया था तो उस समय मेरे पास फिल्में ज्यादा नहीं थीं और पंकज जी का कद बहुत ऊंचा था।

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मैंने उनसे कहा कि पंकज जी आप बहुत ही प्रख्यात गजल गायक हैं। मैंने एक अलग अंदाज में गाना बनाया है। आप उसे एक बार सुन लीजिए। गाना सुनने के बाद उन्हें इतना पसंद आया कि उन्होंने कहा कि यह गाना मैं ही गाऊंगा। मैंने उन्हें कहा कि यह गाना किसी फिल्म में नहीं आएगा, तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं। वह गाना रिलीज होने के बाद मैंने उन्हें फोन किया और कहा कि आपने बहुत अच्छा गाया है। फिर उन्होंने कहा कि नहीं, मुझे अभी और अच्छा गाना है। उनके जाने से भारतीय संगीत और गजल की दुनिया का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।