Oppenheimer: पसंद की जा रही 'ओपेनहाइमर', मगर इस सीन पर हो रहा विवाद, सेंसर बोर्ड पर उठाए गए सवाल
Oppenheimer क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ओपेनहाइमर हॉलीवुड की बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जा रही है। यह बायोपिक मूवी है जिसकी कहानी लोगों को अट्रैक्ट कर रही है। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शुरुआत भी दमदार कमाई के आंकड़े के साथ की है। कुछ ने कहानी की तारीफ की है तो कुछ ने इस बीच फिल्म के सीन को लेकर लोगों ने आपत्ति जताई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। जे.रॉबर्ट ओपेनहाइमर की जिंदगी पर बनी फिल्म 'ओपेनहाइमर' सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। यह मूवी इंडिया में अच्छे आंकड़ों के साथ शुरुआत की है। हर तरफ फिल्म की कहानी की चर्चा है। यहां तक कि बॉलीवुड वालों ने भी मूवी बनाने के तरीके की निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन की तारीफ की है। मगर इतनी तारीफों के बावजूद फिल्म की एक सीन को लेकर आलोचना हो रही है।
ओपोनहाइमर को लेकर राम गोपाल वर्मा ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ''अभी #Oppenheimer देखकर आया...मास्टरपीस फिल्म के लिए छोटा सा शब्द है...हमें 100 साल भी लग जाएंगे नोलन के किरदार को समझने के लिए...यह सिर्फ बॉम नहीं, बल्कि भावनाओं का विस्फोट है।''
लोगों ने किया ट्रोल
'ओपेनहाइमर' फिल्म पसंद की जा रही है, लेकिन एक सीन को लेकर विवाद हो रहा है। यह वह सीन है, जहां ओपेनहाइर का किरदार निभा रहे सिलियन मर्फी इंटीमेट होने के दौरान भगवद गीता पढ़ते हैं। इस सीन को लेकर विवाद उठा है। लोगों ने मेकर्स की ट्रोलिंग शुरू कर दी है।
एक यूजर ने लिखा, 'फिल्म ओपेनहाइमर को बॉयकॉट करने का अनुरोध करता हूं। मुझे पता चला है कि इसमें भगवद गीता से जुड़ा आपत्तिजनक सीन है।'
Shame on India’s censor board for allowing this. Christopher Nolan is a typical Hollywood racist. He completely shut out all the Indian fighters in WWI movie and now he is making crude references with Hinduism. Porno perverts from the West again exploit Hindu texts. https://t.co/qhiifzipNQ— Indian-Americans (@HinduAmericans) July 20, 2023
एक अन्य यूजर ने लिखा, 'इसे दिखाने के लिए परमिशन देने के लिए भारत के सेंसर बोर्ड को शर्म आनी चाहिए। क्रिस्टोफर नोलन टिपिकल हॉलीवुड रेसिस्ट है।'
सीन को किया गया है ब्लर
ऐसा दावा किया गया है कि फिल्म में इस तरह के सीन को ब्लर कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मेकर्स ने ऐसे सीन पर ब्लर पैचेस अप्लाई किए हैं। वह जानते थे कि सीबीएफसी ऐसे सीन के लिए इजाजत नहीं देगा, इसलिए उन्होंने खुद ही सीन को इस तरह ब्लर कर दिया। नतीजनत फिजिकल इंटीमेसी के सीन हैं, लेकिन वैसे नहीं कि ऑब्जेक्शन खड़ा हो।
बायोग्राफी फिल्म है 'ओपेनहाइमर'
'ओपेनहाइमर' जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर की जिंदगी पर बनी बायोपिक फिल्म है। उन्हें 'परमाणु बम के जनक' के नाम से जाना जाता था। यह फिल्म ओपेनहाइमर के नेतृत्व में 'ट्रिनिटी' कोड नाम से दुनिया के पहले परमाणु परीक्षण की कहानी है, जिसमें परीक्षण से पहले और उसके बाद की घटनाओं का दिलचस्प वर्णन है।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के शहर नागासाकी पर अमेरिका ने छह और नौ अगस्त, 1945 को परमाणु से हमला किया था। इस हमले में कई लोगों को जान गंवानी पड़ गई थी। 'ओपेनहाइमर' फिल्म में इसका हिस्सा लेते हुए दिखाया गया है कि फासीवाद से लड़ने और लोगों की जान बचाने की एक इंसान की इच्छा, कैसे मानव जीवन के विनाश का सबसे बड़ा कारण बनी। फिल्म में ओपेनहाइमर के रोल में किलियन मर्फी हैं।