Move to Jagran APP

जब सफेद बाल रंगते- रंगते थक गए थे Aashiqui एक्टर दीपक तिजोरी, हॉलीवुड के इन दो सुपरस्टार ने बदला नजरिया

दीपक तिजोरी (Deepak Tijori) लंबे वक्त से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। एक्टिंग करने के साथ- साथ वो डायरेक्शन भी कर चुके हैं। बतौर निर्देशक सात फिल्में बना चुके दीपक तिजोरी अब आठवीं फिल्म टिप्पसी (Tipppsy) 10 मई को सिनेमाघरों में लेकर आ रहे हैं। इस फिल्म में उन्होंने अभिनय भी किया है। टिप्पसी को लेकर उन्होंने दैनिक जागरण से खास बातचीत की।

By Vaishali Chandra Edited By: Vaishali Chandra Updated: Mon, 06 May 2024 08:46 AM (IST)
Hero Image
अभिनय के साथ फिल्म निर्देशन में भी सक्रिय हैं दीपक, (X Image)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। 'खिलाड़ी' फिल्म अभिनेता दीपक तिजोरी इस बात से खुश हैं कि अब उन्हें उनकी उम्र के किरदार निभाने का मौका मिल रहा है। बतौर निर्देशक सात फिल्में निर्देशित कर चुके दीपक की आठवीं फिल्म टिप्पसी 10 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म में उन्होंने अभिनय भी किया है। दीपक तिजोरी ने फिल्म, अपने सफर और टाइपकास्ट होने जैसे मुद्दों पर बात की। पेश है दैनिक जागरण से उनकी बातचीत के अंश...

यह भी पढ़ें- 'तुम ये कैसे कर सकते हो...' अमृता सिंह नहीं चाहती थीं Saif Ali Khan करें ये काम, दीपक तिजोरी ने किया खुलासा

करियर के इस पड़ाव को कैसे देख रहे हैं?

यह मेरी जिंदगी का बहुत ही दिलचस्प पड़ाव है। अच्छी बात यह है कि मुझे ऐसे किरदार मिल रहे हैं। जहां पर मैं अपनी उम्र के किरदार निभा सकता हूं। मुझे दिखावा करने की जरूरत नहीं पड़ रही। जब बालों का रंग सफेद होना शुरू हुआ था तो मैंने भी काफी समय तक अपने बाल काले किए थे। लेकिन एक दिन मैं थक गया। हम हॉलीवुड अभिनेता रॉबर्ट डी नीरो, अल पचीनो को देखते हैं। उनकी उम्र भी बढ़ी है। वह ऐसे किरदार कर रहे हैं जो उनकी उम्र के अनुरूप हैं। तो मैंने सोचा कि कम से कम मैं तो इस दौर से निकलूं। मैंने बालों को रंगना बंद कर दिया।

आपने कहा था कि रियलिटी शो बिग बॉस पर फिल्म बनाएंगे...

हां उस पर थ्रिलर फिल्म बनानी थी, लेकिन उसके लिए कोई फंडिंग नहीं मिली। मेरे पास अच्छा कांसेप्ट है। मैं चाहता हूं कि कोई निर्माता मिले तो उस पर फिल्म बनाएं। मुझे शो को लेकर ख्याल आया कि बिग बॉस के घर में कोई गलत इंसान घुस जाए जो सारे गलत काम कर रहा हो, जो सामने न आए तो फिर क्या हो? वो वाली बात थी। मेरी ख्वाहिश थी इस पर फिल्म बनाने की। उस पर कहानी काफी हद तक लिखी भी थी लेकिन फिर बात बनी नहीं।

डर नहीं लगा.....

सौभाग्य से मैंने जब ऐसा किया उसी समय नेशनल अवार्ड विजेता वीणा बख्शी की फिल्म इतर मिली। दरअसल, उन्होंने मेरा सफेदी वाला लुक देखा और फिल्म ऑफर की। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी वह रिश्तों पर है। दो मैच्योर लोगों की कहानी है। दोनों सिंगल हैं। रिश्तों में दूसरा मौका दें या न दें इस मुद्दे पर है। यह फिल्म भी आगामी दिनों में रिलीज होगी। इसके अलावा एक फिल्म है जिसे मैं और पूजा भट्ट एक साथ करेंगे। उसकी स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है। तो काम मिल रहा है। ऐसी फिल्में करने के लिए मैं तरसता था।

टिप्पसी बनाने का कैसे सोचा?

आइडिया यह था कि द हैंगओवर सीरीज हमने बहुत एंजॉय की है वह लड़कों की कहानी थी । फिर लगा कि यह जागीर सिर्फ मर्दों की नहीं है। अब तो औरतें भी बैचलरेट पार्टी करती हैं। मेट्रो सिटी के लोग इससे वाकिफ है, लेकिन छोटे शहरों के लोगों को भी इसके बारे में पता चलेगा। यह पांच लड़कियों की कहानी है। वह पार्टी करने जाती हैं, जब एक की शादी हो रही होती है। उस दौरान अगर हादसा हो जाए तो क्या होगा ? दरअसल मुझे अब्बास मस्तान की फिल्म खिलाड़ी और ऋषि कपूर की खेल खेल में जैसी फिल्में प्रेरित करती हैं जिसमें हादसा हो गया और फिल्म का टोन ही बदल गया। यह मेरे दिमाग में बैठ गया था।

आपके द्वारा निर्देशित पहली फिल्म ऊप्स समय से आगे की फिल्म थी। वह बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली थी ?

यह वास्तव में गलतफहमी है कि ऊप्स नहीं चली थी। दरअसल, ऊप्स में मैंने बहुत सारे पैसे कमाए थे। जिससे मैंने फाइनेंस लिया था उसे ब्याज सहित पैसे लौटाए थे। ऊप्स हिंदी और अंग्रेजी में बनी थी हमारे उत्तर भारत के डिस्ट्रीब्यूटर जेडी मेहता थे। वो फिल्म की कमाई से खुश थे। बेशक, वह वक्त से पहले की फिल्म थी। जिन महिलाओं ने फिल्म देखी उन्होंने मुझे बहुत सम्मान दिया। मैंने महिलाओं के दिल की बात कही थी।

ऊप्स पर विवाद भी हुआ था....

दरअसल, वह प्रचार में कहीं खो गई। मार्केटिंग पर मेरा नियंत्रण नहीं था। एक उदाहरण देता हूं ऊप्स की रिलीज के चार-पांच महीने बाद मैं अपने दोस्त से मिलने बैंक गया। वहां के मैनेजर के केबिन के सामने से गुजरा। उन्होंने मुझे देखा तो अपने केबिन में बुलाया और कहा आपकी फिल्म की मार्केटिंग अलग तरीके से हुई। इस वजह से मैं फिल्म देखने थिएटर नहीं जा पाई। मैंने उसे टीवी पर देखा । आपने महिलाओं की व्यथा को बहुत खूबसूरती से उकेरा। आपने यह कैसे किया ? यह वास्तव में मेरी उपलब्धि थी।

यह भी पढ़ें- Deepak Tijori की फिल्म Tipppsy ट्रेलर हुआ रिलीज, सालों बाद पर्दे पर दमदार वापसी करने को तैयार अभिनेता

आपकी फिल्म आशिकी की रिलीज को इस साल 34 साल हो जाएंगे....

वह फिल्म करियर में खास रहेगी। इसके पहले छोटी-छोटी भूमिकाएं करके अपना करियर एक तरह से अनजाने में चौपट कर लिया था । तब पता नहीं था कि क्या करें फिर आशिकी हिट हुई तो देखा कि यह भी हो सकता है। मुझे लगता है ये महेश भट्ट (फिल्म निर्देशक) का सबसे अमूल्य तोहफा रहेगा मेरे लिए।