Delhi Riots 2020 Book Row: अनुराग कश्यप ने कहा, 'पुस्तक पर बैन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन'
Delhi Riots 2020 Book Row अनुराग कश्यप ने कहा कि किसी भी चीज पर प्रतिबंध लगाने का मतलब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन हैl
By Rupesh KumarEdited By: Updated: Sun, 23 Aug 2020 05:57 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएनl 'दिल्ली रायट 2020' पुस्तक के विवाद के बीच फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने कहा कि किसी भी चीज़ पर प्रतिबंध लगाना समस्या का 'समाधान नहीं' है क्योंकि यह 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करती है।' कोरोना वायरस और सेलिब्रिटी की मौतों ने 2020 को अभिशाप बना दिया है। हालांकि इस वर्ष की अप्रिय घटनाओं में फरवरी में हुए दिल्ली दंगें भी रहे है।
दिल्ली दंगों पर आधारित किताब 'दिल्ली रायट 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' को छापने से मना करने के बाद विवाद पैदा हो गया हैl अनुराग कश्यप ने कहा कि किसी भी चीज पर प्रतिबंध लगाने का मतलब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन हैl किताब का नाम लिए बगैर अनुराग कश्यप ने लिखा कि जिस किताब से वह सहमत नहीं हैं, उस किताब पर प्रतिबंध लगाना भी उसी किताब पर प्रतिबंध लगाने जैसा है, जिस पर वह सहमत है।
निर्देशक ने कहा कि यह ऐसी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के समान है जो किसी को रोकती है और किसी को नाराज करने के चलते प्रतिबंधित होती है। फिल्मब्लैक फ्राइडे के निर्देशक ने आगे लिखा कि लोकतंत्र में सहमति और असहमति दोनों की जगह है। उन्होंने कहा कि लड़ने का तरीका 'असंतोष और शिक्षा' के माध्यम से है, और सच्चाई के लिए हमेशा संघर्ष करना होगा। कश्यप ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र में प्रतिबंध लगाना और वापस लेना समाधान नहीं है। दिल्ली दंगा 2020 विवाद दिल्ली दंगा 2020: द अनटोल्ड स्टोरी किताब के एक लॉन्च इवेंट के पोस्टर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया।To ban a book I don’t agree with is the same as banning a book I agree with .. to ban a film that offends me is the same as banning a film that I have made that offends someone .. banning anything is suppressing FOE.. it does not matter if it’s made up of lies ..
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) August 22, 2020
Democracy gives space to opinion and contrary opinion .. and the way to fight it is dissent and education and it always is and will be a struggle for the truth.. but banning and withdrawing is not a solution in a healthy democracy .. that’s all I wanted to say ..
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) August 22, 2020
लेखक मोनिका अरोड़ा, सोनाली चितलकर और प्रेरणा मल्होत्रा के अलावा, भाजपा नेता कपिल मिश्रा और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। पुस्तक के प्रकाशक ब्लूम्सबरी इंडिया ने विवाद होने के बाद एक बयान जारी किया कि वे पुस्तक वापस ले रहे है। इसके बाद विवाद और बढ़ गया।
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