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हॉलीवुड में भी बनी Dev Anand की ये ब्लॉकस्टर मूवी, इस किले में शूट हुआ फिल्म का ये आइकॉनिक सॉन्ग

Dev Anand Movie सदाबहार अभिनेता रहे देव आनंद करियर ने अपने फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक फिल्म की हैं। लेकिन एक्टर की कुछ मूवीज ऐसी रहीं जो हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बन गई। उनमें से एक मूवी है गाइड। ये मूवी देव आनंद के लिए काफी खास फिल्म रही। ऐसे में आज हिट फिल्में सुपरहिट किस्से में एक्टर की इस शानदार फिल्म के बारे में चर्चा की जाए।

By Ashish RajendraEdited By: Ashish RajendraUpdated: Fri, 19 Jan 2024 08:52 PM (IST)
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जानिए गाइड की दिलचस्प कहानी (Photo Credit- Jagran)

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। देव आनंद हिंदी सिनेमा के वो कलाकार थे, जिन्होंने अभिनय की एक अनोखी परिभाषा लिखी है। 'काला पानी, टैक्सी ट्राइवर और बाजी' जैसी फिल्मों के जरिए अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले देव आनंद 60 दशक तक खुद को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर चुके थे। लेकिन कहीं नहीं एक कलाकार के तौर पर उन्हें एक ऐसी फिल्म की तलाश थी, जो उनके करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हो।

फिल्म 'गाइड' देव आनंद के लिए वो सौगात लेकर आई। हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म के रूप में 'गाइड' को जाना जाता है। ऐसे में आज 'हिट फिल्में, सुपरहिट किस्से' में एक्टर की इस यादगार फिल्म के बारे में चर्चा की जाएगी।

हिंदी फिल्म की सर्वश्रेष्ठ फिल्म में से एक

साल 1965 में देव आनंद की फिल्म 'गाइड' बड़े पर्दे पर रिलीज हुई। इस फिल्म का निर्देशन देव के छोटे भाई विजय आनंद ने किया था। 'गाइड' में देव आनंद, वहीदा रहमान, प्रवीन पॉल और अनवर हुसैन जैसे कई कलाकार अहम भूमिका में मौजूद रहे।

इस फिल्म कहानी एक टूरिस्ट गाइड की है जो बाद में एक गांव में पानी के सूखे को खत्म करने के लिए आध्यात्म की तरफ रुख करता है। दिलचस्प स्टोरी वाली इस मूवी को सभी ने काफी पसंद किया। आलम ये है कि 'गाइड' देव आनंद के फिल्मी करियर और हिंदी सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ मूवी में से एक मानी जाती है।

इस उपन्यास पर आधारित है 'गाइड'

देव आनंद की 'गाइड' के पर्दे पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। इसके बारे में जानकर आपको भी हैरानी होगी। फिल्म 'गाइड' मशहूर उपन्यासकार रहे आर के नारायण के नोबल 'गाइड' से प्रेरित है। देव साहब ने अपनी ऑटोबायोग्राफिक 'रोमांसिंग विद लाइफ' में बताया है-

जब मैंने आरके नारायण से उनके इस नोबल पर फिल्म बनाने के लिए कॉल किया था तो वह जानकर काफी उत्साहित हुए। उस समय में अमेरिका में था और उन्होंने (नारायण) मुझे जल्द से जल्द मिलने के लिए बुलाया। चूकिं आर के नारायण मैसूर में रहते थे तो भारत में आकर मैं बेगलुरू से कार ड्राइव कर मैसूर पहुंचा और नोबल के राइट्स को लेकर उनकी रजामंदी ली।

हॉलीवुड में बनी देव आनंद ये फिल्म

क्या आप जानते हैं कि 'गाइड' सबसे पहले हॉलीवुड में बनी है। जी हां ये सच है, दरअसल देव आनंद ने आर के नारायण से उनके नोबल के राइट्स अंग्रेजी में फिल्म बनाने के लिए थे। दरअसल नोबल पुरस्कार विजेता पर्ल एस बक आरके के 'गाइड' नोबल से काफी प्रभावित हुईं और उनके अंदर इसको लेकर फिल्म बनाने की इच्छा जाग्रत हुईं।

बताया जाता है कि पर्ल के दिमाग में देव आनंद को लेकर ये मूवी बनाने का विचार आया, कुछ समय बाद भारत आने के मौके पर वह मशहूर हॉलीवुड फिल्ममेकर टैड डेनिएलेवेक्सकी के साथ देव आनंद के घर पहुंची और उनकी इस फिल्म की कहानी सुनाई, लेकिन देव साहब को किरदार और स्टोरी उतनी जची नहीं और उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद बर्लिन फिल्म फेस्टिवल के दौरान देव और टैड की मुलाकात दोबारा हुई।

इसके बाद से समय का पहिया घूमा और कुछ ऐसा हुआ कि आर के नारायण के नोबल गाइड को लेकर देव राजी भी हो गए और उन्होंने टैड और पर्ल के साथ मिलकर हॉलीवुड 'द गाइड' के नाम से फिल्म बनाई। इंग्लिश वर्जन में ये मूवी 2 घंटे की है, जो यूट्यूब पर आसानी से देखने को मिल जाएगी। रोचक बात ये है कि हॉलीवुड में ये फिल्म सफल साबित नहीं हुई। इसके विपरीत हिंदी सिनेमा में 'गाइड' ने कामयाबी के परचम लहराया।

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वहीदा रहमान के जगह इस एक्ट्रेस को ऑफर हुई थी 'गाइड'

फिल्म 'गाइड' में वाहीदा रहमान ने रोजी मार्को के किरदार में कमाल की अदाकारी से हर किसी का दिल जीता। देव आनंद की तरह वहीदा के फिल्मी करियर की सबसे सफल फिल्मों में 'गाइड' का नाम शामिल है। लेकिन शायद ही आपको इस बात की जानकारी हो कि इस फिल्म के लिए वहीदा मेकर्स की पहली पसंद नहीं थी और एक बार तो उन्होंने इसके ऑफर को भी ठुकरा दिया था।

बताया जाता है कि दिग्गज अदाकारा शायरा बानो को ये फिल्म हिंदी और इंगलिश दोनों वर्जन के लिए ऑफर हुई थी, लेकिन किसी कारण वह ये मूवी नहीं कर पाई थीं। लेकिन जब फिल्म के राइट्स पूरी तरह से देव आनंद के पास आ गए तो फिर उसमें वहीदा की एंट्री हुई और फिल्म शानदार रही।

'गाइड' को भेजा गया ऑस्कर

देव आनंद की 'गाइड' की सफलता का शोर सिर्फ बड़े पर्दे पर नहीं बल्कि अवॉर्ड्स शो में भी जमकर मचा। 38वें अकादमी पुरस्कार में भारत की ऑफिशियल एंट्री के तौर पर 'गाइड' को भेजा गया, लेकिन इस मामले में देव साहब की इस मूवी को सफलता नहीं मिल सकी।

हालांकि भारत में फिल्मफेयर में 7 कैटेगरी में 'गाइड' ने जीत का परचम लहराया। इतना ही इंटरनेशनल लेवल पर भी हिंदी वर्जन की 'गाइड' की काफी प्रशंसा हुई।

फिल्म का म्यूजिक आज भी फैंस की पसंद

जिस तरह से 'गाइड' ने अपनी कमाल की कहानी से दर्शकों का दिल जीता, ठीक उसी तरह से इस फिल्म के गानों और संगीत ने फैंस के ऊपर अपनी खास छाप छोड़ी। 'गाता रहे मेरा दिल, आज भी जीने की तमन्ना है और दिन ढल जाए' जैसे तमाम गीत आपके दिल को आसानी से छू जाएंगे।

लता मंगेशकर, किशोर कुमार और मोहम्मद रफी जैसे गायकों ने अपनी जादुई आवाज और संगीतकार सचिन देव बर्मन ने अपने संगीत के हुनर से इस फिल्म के गानों हमेशा-हमेशा के लिए अमर कर दिया।

राजस्थान के इस किले में हुई फिल्म के आइकॉनिक गाने की शूटिंग

देव आनंद और वहीदा रहमान पर फिल्माया गया 'आज फिर जीने की तमन्ना है' गाना फिल्म की तरह आइकॉनिक माना जाता है। खास बात ये है इस गाने की शूटिंग राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के किले- चित्तौड़गढ़ दुर्ग में हुई थी। इसके अंदाजा आप इस गाने को देखकर आसानी से लगा सकते हैं।

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