'फिल्ममेकर लीडर हो सकता है, तानाशाह नहीं', करण जौहर ने बॉलीवुड से मिली सीख पर की बात
करण जौहर फिल्म धड़क 2 को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर आधिकारिक एलान किया था। वहीं अब करण जौहर ने फिल्म इंडस्ट्री से मिली सीख को लेकर बात की। उन्होंने फिल्म बनाने के दौरान मिली तीन जरूरी सीख के बारे में बताया। करण जौहर ने फिल्ममेकर को लीडर बताया न कि तानाशाह।
जागरण न्यूज नेटवर्क, मुंबई ब्यूरो। कहते हैं सीखना बंद, तो आगे बढ़ना बंद हो जाता है। निजी जीवन हो या पेशेवर, हर दिन कुछ न कुछ सिखाता है। ऐसे में एक साक्षात्कार में बॉलीवुड के फिल्मकार करण जौहर से जब पूछा गया कि उन्होंने अपने करीब तीन दशक लंबे करियर में कौन सी तीन चीजें बालीवुड से सीखी हैं ?
इस पर रॉकी और रानी की प्रेम कहानी के निर्देशक करण ने कहा, "सबसे पहली बात जो मैंने सीखी वह यही है कि आप अपने फेलियर्स यानी असफलता को लेकर कभी भी भ्रमित न हों। उसे अपनाएं। उससे सीखे और आगे बढ़ें।"
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करण जौहर को मिली ये सीख
उन्होंने आगे कहा, "दूसरा लोगों को कैसे मैनेज किया जाता है। मेरा मानना है कि फिल्मकार का 90 प्रतिशत जॉब लोगों को हैंडल करना है और 10 प्रतिशत कहानियां बनाना या कहना है। लोगों से डील करना आसान नहीं होता है। कई बार कुछ लोग अपनी असुरक्षा की भावना के साथ आते हैं। कठिन होते हैं । फिल्मकार लीडर हो सकता है, तानाशाह नहीं। अपनी टीम को को राय देने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। खुद के अहंकार में अटके नहीं रहना चाहिए।"
हैलो बोलने में कुछ नहीं जाता
करण जौहर ने सीखी ये कला, "तीसरा खुद के लिए सद्भावना पैदा करें। दयालु और विनम्र रहना सबसे आसान होता है। गुड मॉर्निंग, गुड नाइट कहना, मुस्कान के साथ हैलो बोलने में कुछ नहीं जाता है।"यह भी पढ़ें- Karan Johar ने अपने बर्थडे पर दिया फैंस को खास तोहफा, इस अंदाज में किया नई फिल्म का एलान