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धर्मेंद्र ने एक अवॉर्ड शो में इमोशनल होकर दिलीप कुमार के बारे में कहा था- 'हम एक मां की कोख से क्यों पैदा नहीं हुए'

दिलीप कुमार को लेकर धर्मेंद्र हमेशा से बेहद जज़्बाती रहे हैं। दिलीप कुमार ने धर्मेंद्र को दुलारते हुए उनके बारे में कहा था- जब मैंने पहली बार धरम को देखा था और देखते ही मेरे दिल में उमंग पैदा हुई अल्लाह मुझे ऐसा ही बनाया होता तो क्या जाता।

By Manoj VashisthEdited By: Updated: Wed, 07 Jul 2021 08:45 PM (IST)
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Dharmendra at Dilip Kumar Residence. With Dharmendra. Photo- Yogen Shah, Screenshot
नई दिल्ली, जेएनएन। बात 1997 की है। 42वें फ़िल्मफेयर अवॉर्ड शो का मंच था। धर्मेंद्र को लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया था। हिंदी सिनेमा के इस दिग्गज कलाकार को अवॉर्ड देने ख़ुद सिनेमा के थेस्पियन दिलीप कुमार आये थे। शाह रुख़ ख़ान और सायरा बानो साथ में थे।

इस अवॉर्ड को स्वीकार करते हुए धर्मेंद्र बेहद भावुक हो गये। 37 सालों तक इंडस्ट्री में बेहतरीन किरदार और फ़िल्में करने के बावजूह उन्हें कोई अवॉर्ड नहीं मिला था। लाइफ़ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड मिला तो यह तल्ख़ी जज़्बात के रूप में जुबां पर आ गयी। वहां, मौजूद दिलीप कुमार ने तब धर्मेंद्र को अपने छोटे भाई की तरह संभाला और पुचकारा था।

 

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दिलीप कुमार को लेकर धर्मेंद्र हमेशा से बेहद जज़्बाती रहे हैं। इस अवॉर्ड फंक्शन में उन्होंने दिलीप साहब को अपना भाई बताते हुए कहा था- इन्हें मैं बहुत प्यार करता हूं। मुझे हमेशा ऐसा लगता है कि हम एक ही मां की कोख से पैदा क्यों नहीं हुए। वहीं, दिलीप कुमार ने धर्मेंद्र को दुलारते हुए उनके बारे में कहा था- जब मैंने पहली बार धरम को देखा था और देखते ही मेरे दिल में उमंग पैदा हुई, अल्लाह मुझे ऐसा ही बनाया होता तो क्या जाता।

 

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धर्मेंद्र सोशल मीडिया में अक्सर दिलीप कुमार के साथ अपनी यादें शेयर करते रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर में धर्मेंद्र ने लिखा था- यादें, जो दर्द दे जाती हैं। इस फोटो में धर्मेंद्र दिलीप कुमार से बेहद दोस्ताना अंदाज़ में मिल रहे हैं। सायरा बानो पास में बैठी मुस्कुरा रही हैं। यश चोपड़ा भी दिख रहे हैं। फरीदा जलाल, अंजू महेंद्रू, हेलन और गोविंदा को इस तस्वीर में देखा जा सकता है। फोटो किसी पार्टी के मौक़े की लग रही है। 

धर्मेंद्र दिलीप कुमार को हमेशा से अपना आदर्श मानते रहे हैं। इंटरव्यूज़ में उन्होंने अक्सर यह बात कही है कि दिलीप कुमार ने ही उन्हें फ़िल्मों में आने के लिए प्रेरित किया था। उनकी फ़िल्म शहीद देखकर धर्मेंद्र को हीरो बनने का चस्का लगा था।

धर्मेंद्र ने दिलीप कुमार के साथ पहली बार बंगाली फ़िल्म पारी में काम किया था, जिसे बाद में अनोखा मिलन शीर्षक से हिंदी में बनाया गया था। हालांकि, इस फ़िल्म में धर्मेंद्र ने दिलीप कुमार के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर नहीं किया था। धर्मेंद्र ने इस फ़िल्म का पोस्टर शेयर करके 2019 में इस बात पर अफ़सोस जताया था कि इसके बाद किसी फ़िल्म में काम करने का मौक़ा नहीं मिला था। 

बुधवार को दिलीप कुमार के निधन की ख़बर सुनकर धर्मेंद्र उनके घर पहुंचे और सायरा बानो को सांत्वना दी। वहीं ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि इंडस्ट्री में अपने अज़ीज़ भाई को खोकर वो बेहद दुखी हैं। हमारे दिलीप साहब को जन्नत नसीब हो।